पटना: केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं जिनसे किसानों को खेती करने से लेकर अन्य कामों में मदद मिल रही है. सरकार किसानों को दी जाने वाली राशि की किस्त रिलीज करने जा रही है. फिलहाल योजना का लाभ वैसे किसानों को मिल पाएगा जिन्होंने अपना केवाईसी कर लिया है. इस योजना से जुड़ने वाले किसान को साल में तीन बार 6-6 हजार रुपये देने का प्रावधान है.
पीएम किसान सम्मान निधी योजना: बिहार के किसान भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं. राज्य के अंदर कुल मिलाकर 66 लाख 59871 लोग पीएम किसान योजना का फायदा उठा रहे हैं योजना के तहत किसानों को ₹6000 की राशि हर 4 महीने के अंतराल पर दी जाती है. जनवरी माह के बाद पहली किस्त सरकार रिलीज करने जा रही है.
9000 से अधिक किसानों ने नहीं कराया केवाईसी: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त सरकार जारी करने जा रही है. बिहार के किसान ऐसे भी हैं जिनके किस्त की राशि अधर में लटक सकती है. राज्य में 9903 किसान ऐसे हैं जिन्होंने अपना केवाईसी नहीं कराया है. जिनका केवाईसी नहीं हुआ है उन्हें फिलहाल राशि नहीं मिल पाएगी.
"हमें अब तक कोई जानकारी नहीं है कि केवाईसी भी करना है. विभाग या सरकार के स्तर से कोई समन्वय स्थापित नहीं किया गया है. अब हमें जानकारी मिली है तो हम आगे कोशिश करेंगे." -कमलेश, किसान
31 जनवरी तक करना होगा केवाईसी: सरकार की ओर से पत्र जारी कर कहा गया है कि किसानों को 31 जनवरी 2024 तक अपना केवाईसी कर लेना चाहिए. किसान साइबर कैफे या वसुधा केंद्र जाकर केवाईसी कर सकते हैं. जिनका केवाईसी नहीं होगा उनकी राशि फिलहाल रिलीज नहीं होगी. जागरूक किसानों ने तो केवाईसी कर लिया है लेकिन अब भी कई किसानों ने केवाईसी नहीं कराया है.
कई किसानों के मोबाइल आधार से लिंक नहीं: दीघा स्थित वसुधा केंद्र के संचालक रोशन कुमार का कहना है कि कई किसानों को तो हमने जानकारी दी है, लेकिन कई किसान ऐसे हैं जो अपना मोबाइल चार्ज नहीं कर पाए हैं और उनसे बात नहीं हो पाई है वह मैसेज को भी नहीं समझ पाते हैं. जिससे संपर्क नहीं हो सक रहा है उनका केवाईसी अब तक नहीं हो पाया है. कई लोग पैसे अभाव में मोबाइल रिचार्ज नहीं कर पाए हैं.
"केंद्र की सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना शुरू किया है. यह किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. हमने तो अपना केवाईसी कर लिया है लेकिन बड़े पैमाने पर ऐसे किस भी हैं जो जागरूक नहीं है और उन तक जानकारी भी नहीं पहुंची है. उन लोगों ने केवाईसी नहीं कराया है." - रघुवीर मोची
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