पटनाः बिहार विधान परिषद की कार्यवाही चल रही है. इसमें राजद के वरिष्ठ नेता रामचंद्र पूर्वे ने जन औषधि केंद्रों को लेकर सवाल उठाया था. इसपर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने जवाब दिया है. वरिष्ठ राजद नेता ने सवाल उठाया था कि अस्पतालों में जो दवाइयां डॉक्टर मरीजों को लिखते हैं उसमें 10 दवाइयों से महज दो या तीन दवाएं ही जन औषधि केंद्र पर मिलती हैं.
'समय पर दवा उपलब्ध नहीं कराती एजेंसी'
राजद नेता ने कहा था कि कुछ मरीजों को तो एक भी दवा नहीं मिल पाती है. उन्हें बाजार से महंगी दवाई खरीदनी पड़ती है जिससे गरीब परेशान और बेहाल रहते हैं. इसपर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की कमी केंद्र सरकार के चयनित एजेंसी के समय पर दवा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण होती है.
गरीबों को सस्ती दवा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बिहार सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए दिसंबर महीने में ही केंद्र सरकार को इस मामले को लेकर पत्र लिखा है. इसमें जन औषधि केंद्रों पर महत्वपूर्ण दवाओं की कमी न होने और उन्हें नियमित तौर पर उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है. गरीबों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में जन औषधि केंद्रों के जरिए 800 से ज्यादा दवाइयां उपलब्ध कराने की शुरुआत की थी. लेकिन इन जन औषधि केंद्रों पर ज्यादातर दवाएं उपलब्ध नहीं रहती हैं.
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क्या है जन औषधि केंद्र
पूरे देश में गरीबों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने जन औषधि केंद्र के जरिए 800 से ज्यादा दवाइयां और 154 सर्जिकल आइटम बाजार मूल्य से 50 से 90 फीसदी सस्ते दाम पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. इन जन औषधि केंद्रों पर दवाइयां केंद्र सरकार की तरफ से चयनित एजेंसी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है.