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बोले स्वास्थ्य मंत्री- केंद्र से हरी झंडी मिलते ही बच्चों को भी दिया जाएगा कोरोना का टीका

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि केंद्र सरकार की और से अनुमति मिलते ही बिहार में बच्चों को टीका लगाया जाएगा. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव को लेकर सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. पढ़िये पूरी खबर.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे
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Published : Aug 27, 2021, 2:00 PM IST

पटना: बिहार (Bihar) में बहुत जल्द बच्चों के लिए कोविड वैक्सीनेशन (Vaccination) की शुरुआत हो सकती है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि केंद्र से अनुमति मिलते ही बिहार में बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार की तैयारियों की पूरी जानकारी दी.

ये भी पढ़ें:कोरोना की तीसरी लहर के लिए बिहार तैयार, SNCU में 10 फीसदी बेड बढ़ाये गये, स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. बड़ी संख्या में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जा रही है. उन्होंने बताया कि बिहार के तमाम बड़े अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर समेत अन्य सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों को संभावित खतरे की आशंका के मद्देनजर विभिन्न जिलों में पीकू वार्ड की स्थापना की जा रही है.

देखें ये वीडियो

स्वास्थ्य मंत्री ने ईटीवी भारत को बताया कि 10 अगस्त को 2 हजार चार सौ 44 जीएनएम की बहाली हुई है. वहीं करीब 3 हजार डॉक्टरों की बहाली के लिए परिणाम घोषित हो चुका है और उनका पदस्थापन भी बहुत जल्द कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहाली भी सरकार की ओर से की जाएगी. इसके साथ ही सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम तेजी से चल रहा है.

अस्पताल में लगाए जा रहे स्वास्थ्य उपकरणों के संचालन और उसके लंबे समय तक उपयोग में लाने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार की बिहार में लगातार पारा मेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है. उन्हें वेंटिलेटर और अन्य उपकरण चलाने के लिए एम्स और अन्य संस्थानों में ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही जहां ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं उनके लिए ट्रांसफार्मर और संरचना तैयार की जा रही है, ताकि जो उपकरण और जो ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं वे लंबे समय तक सही तरीके से काम करें.

स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में काफी तेजी से टीकाकरण का काम चल रहा है. जिसका अच्छा नतीजा भी देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में पूरे देश में बिहार सबसे नीचे पहुंच गया है. यानी बिहार में सबसे कम पॉजिटिव मामले हैं. उन्होंने कहा कि हमें और तेजी से वैक्सीनेशन करना है और 6 महीने में छह करोड़ टीका लगाने का लक्ष्य हम पूरा करेंगे.

बच्चों को कोरोना का टीका लगाने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कैडिला के टीके को भारत सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. जैसे ही बिहार सरकार को यह टीका उपलब्ध होगा और केंद्र सरकार और आईसीएमआर की गाइडलाइंस आएगी तो बिहार में बच्चों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा.

केंद्र सरकार के मुताबिक कैडिला का टीका जायकोव डी की आपूर्ति अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू हो सकती है. कंपनी से टीके की खरीद पर सरकार की बातचीत चल रही है. बच्चों को टीका देने पर फैसला एक स्थाई समिति को करना है जो तय करेगी कि किन बच्चों को टीका दिया जाए. अक्टूबर के पहले हफ्ते में अगर टीका की आपूर्ति शुरू होती है तो अक्टूबर के अंत तक बच्चों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो सकता है.

ये भी पढ़ें:IGIMS को मिला 3 करोड़ का नया उपकरण, बोले मंगल पांडेय- स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हो रहा काम

पटना: बिहार (Bihar) में बहुत जल्द बच्चों के लिए कोविड वैक्सीनेशन (Vaccination) की शुरुआत हो सकती है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि केंद्र से अनुमति मिलते ही बिहार में बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार की तैयारियों की पूरी जानकारी दी.

ये भी पढ़ें:कोरोना की तीसरी लहर के लिए बिहार तैयार, SNCU में 10 फीसदी बेड बढ़ाये गये, स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. बड़ी संख्या में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जा रही है. उन्होंने बताया कि बिहार के तमाम बड़े अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर समेत अन्य सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों को संभावित खतरे की आशंका के मद्देनजर विभिन्न जिलों में पीकू वार्ड की स्थापना की जा रही है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने ईटीवी भारत को बताया कि 10 अगस्त को 2 हजार चार सौ 44 जीएनएम की बहाली हुई है. वहीं करीब 3 हजार डॉक्टरों की बहाली के लिए परिणाम घोषित हो चुका है और उनका पदस्थापन भी बहुत जल्द कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहाली भी सरकार की ओर से की जाएगी. इसके साथ ही सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम तेजी से चल रहा है.

अस्पताल में लगाए जा रहे स्वास्थ्य उपकरणों के संचालन और उसके लंबे समय तक उपयोग में लाने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार की बिहार में लगातार पारा मेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है. उन्हें वेंटिलेटर और अन्य उपकरण चलाने के लिए एम्स और अन्य संस्थानों में ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही जहां ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं उनके लिए ट्रांसफार्मर और संरचना तैयार की जा रही है, ताकि जो उपकरण और जो ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं वे लंबे समय तक सही तरीके से काम करें.

स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में काफी तेजी से टीकाकरण का काम चल रहा है. जिसका अच्छा नतीजा भी देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में पूरे देश में बिहार सबसे नीचे पहुंच गया है. यानी बिहार में सबसे कम पॉजिटिव मामले हैं. उन्होंने कहा कि हमें और तेजी से वैक्सीनेशन करना है और 6 महीने में छह करोड़ टीका लगाने का लक्ष्य हम पूरा करेंगे.

बच्चों को कोरोना का टीका लगाने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कैडिला के टीके को भारत सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. जैसे ही बिहार सरकार को यह टीका उपलब्ध होगा और केंद्र सरकार और आईसीएमआर की गाइडलाइंस आएगी तो बिहार में बच्चों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा.

केंद्र सरकार के मुताबिक कैडिला का टीका जायकोव डी की आपूर्ति अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू हो सकती है. कंपनी से टीके की खरीद पर सरकार की बातचीत चल रही है. बच्चों को टीका देने पर फैसला एक स्थाई समिति को करना है जो तय करेगी कि किन बच्चों को टीका दिया जाए. अक्टूबर के पहले हफ्ते में अगर टीका की आपूर्ति शुरू होती है तो अक्टूबर के अंत तक बच्चों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो सकता है.

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