पटना : एक बार फिर से कोरोना के नए वेरिएंट ने डराना शुरू कर दिया है. देश में फिर से कोरोना के नए मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में बिहार का स्वास्थ्य महकमा भी तैयार है और काफी हद तक तैयारी भी कर ली गई है. प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिला के आला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया है.
स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रहने का निर्देश : गौरतलब है कि प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला और मंडलीय अस्पताल में 132 ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं. इनमें से बीते दिनों हुए मॉक ड्रिल में 90 ठीक पाए गए हैं और 42 में छोटी-मोटी तकनीकी खराबी है. प्रत्यय अमृत ने इसे जल्द से जल्द दुरुस्त कर लेने के लिए निर्देशित किया है और ऑक्सीजन प्लांट दुरुस्त होने के बाद जनवरी में विभाग एजेंसी का चयन करेगी जो इसकी देखरेख करेगी.
स्वास्थ्य महकमें की तैयारी पूरी : वहीं प्रदेश के आईजीआईएमएस में कोरोना की संभावित लहर को देखते हुए तैयारी मुकम्मल कर ली गई है. आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि अस्पताल में 10 बेड रिजर्व किए गए हैं जिसमें आईसीयू युक्त तीन बेड है. अस्पताल में फ्लू के लक्षण के साथ आने वाले मरीजों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा डायलिसिस, ऑपरेशन और अन्य गंभीर बीमारी के जो मरीज आते हैं, उनके लिए किट से कोरोना जांच अनिवार्य है.
"किट में जो पॉजिटिव मिलेंगे उनका आरटीपीसीआर सैंपल भी लिया जाएगा. पॉजिटिव सैंपल की अस्पताल में ही स्थित लैब में जिनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी और पता लगाया जाएगा कि यह वेरिएंट कौन सा है. अस्पताल परिसर के भीतर चेहरे पर मास्क को सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. इस बात की गाइडलाइन बुधवार को ही जारी की गई है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड हाइजीन का भी ख्याल रखने का कहा गया है."- डॉ मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस
'हर साल आएगा कोरोना वेव' : डॉ मनीष मंडल ने बताया कि इन सब के अलावा अस्पताल में हाइजीन मुकम्मल हो इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. कोरोना पुराना हो चुका है, इसलिए इसके इलाज के लिए जो प्रक्रियाएं हैं, जो इसमें दवा दी जाती है, सभी की जानकारी पूर्व से है. इसलिए कोरोना मरीज के ट्रीटमेंट के लिए पूरी मुकम्मल व्यवस्था अस्पताल में उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि कोरोना जब आया उसके बाद से ही तय हो गया कि हर साल कोरोना का वेव आता रहेगा. बार-बार अलग-अलग म्यूटेटेड स्ट्रेन होंगे.
नए वेरिएंट की घातकता अधिक नहीं : डॉ मनीष मंडल ने बताया कि समय के साथ-साथ संक्रामकता बढ़ेगी, लेकिन वायरस की गंभीरता कम होगी. अभी जो जेएन-1 वेरिएंट आया है. इसकी गंभीरता और घातकता अधिक नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है. इस वेरिएंट का लक्षण सामान्य फ्लू जैसा ही है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में 20 किलो लीटर की क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट हैं. इन दो ऑक्सीजन प्लांट से 40 किलोलीटर ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता है, लेकिन अभी अस्पताल को सिर्फ 20 किलोलीटर की ही जरूरत होती है. इस वजह से एक ऑक्सीजन प्लांट ही काम करता है और एक स्टैंडबाई में रहता है. सभी ऑक्सीजन प्लांट सुचारू है.
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