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हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने की सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात - cm nitish kumar

और दुष्यंत चौटाला के इस मुलाकात के दौरान जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह भी मौजूद थे. इन दोनों की यह बैठक औपचारिक बताई जा रही है.

मुलाकात
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Published : Nov 24, 2019, 9:44 PM IST

पटना: रविवार को हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. यह मुलाकात औपचारिक बताई जा रही है. दुष्यंत चौटाला ने राजधानी के 1-अण्णे मार्ग सीएम आवास में मुलाकात की है.

सीएम नीतीश कुमार और दुष्यंत चौटाला की इस मुलाकात के दौरान जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह भी मौजूद थे. इन दोनों की यह बैठक औपचारिक बताई जा रही है.

patna
दुष्यंत चौटाला को बुके गिफ्ट करते सीएम नीतीश कुमार

बीजेपी की है सहयोगी पार्टी
बता दें कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बीजेपी के सहयोगी हैं. बताया जाता है कि दुष्यंत चौटाला हरियाणा के गवर्नर के बेटे की शादी में सीवान पहुंचे थे. इसी दौरान सीएम नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात हुई.

पटना: रविवार को हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. यह मुलाकात औपचारिक बताई जा रही है. दुष्यंत चौटाला ने राजधानी के 1-अण्णे मार्ग सीएम आवास में मुलाकात की है.

सीएम नीतीश कुमार और दुष्यंत चौटाला की इस मुलाकात के दौरान जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह भी मौजूद थे. इन दोनों की यह बैठक औपचारिक बताई जा रही है.

patna
दुष्यंत चौटाला को बुके गिफ्ट करते सीएम नीतीश कुमार

बीजेपी की है सहयोगी पार्टी
बता दें कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बीजेपी के सहयोगी हैं. बताया जाता है कि दुष्यंत चौटाला हरियाणा के गवर्नर के बेटे की शादी में सीवान पहुंचे थे. इसी दौरान सीएम नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात हुई.

Intro:पटना-- भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद देश के प्रथम राष्ट्रपति हुए और उससे पहले संविधान सभा के अध्यक्ष थे राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में ही संविधान तैयार हुआ लेकिन उनके परिवार के सदस्य और विशेषज्ञ कहते हैं कि जितना राजेंद्र बाबू को सम्मान मिलना चाहिए था संविधान बनाने को लेकर उतना नहीं मिला राजेंद्र बाबू से अधिक के कई दूसरे लोगों को सम्मान दिया गया और आज भी राजेंद्र बाबू की उपेक्षा की जा रही है।
खास रिपोर्ट---


Body: भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है संविधान तैयार करने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया था ।
संविधान सभा का गठन जुलाई 1946 को किया गया था जिसमें कुल सदस्यों की संख्या 389थे। प्रथम बैठक दिल्ली में ही 9 दिसंबर 1946 को हुई और उसी में सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थाई अध्यक्ष चुना गया लेकिन दो दिनों बाद ही यानी 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित हुये। संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर 1946 से शुरू हुई। लेकिन 3 जून 1947 योजना के अनुसार देश के विभाजन के बाद संविधान सभा में सदस्यों की संख्या 324 रह गई जिसका 31 अक्टूबर 1947 को पुनर्गठन किया गया। और 31 दिसंबर 1947 को संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 299 हो गई।
संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष 11 महीना और 18 दिन लगे और इसमें लगभग 6. 4 करोड़ रुपए खर्च हुए । संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई। संविधान को जब 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया तब इसमें कुल 22 भाग 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी लेकिन वर्तमान समय में संविधान में 25 भाग 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई थी और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ राजेंद्र प्रसाद को प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।
बिहार से संविधान सभा में 36 लोगों को सदस्य बनाया गया था और सब एक पर एक थे । संविधान सभा के अध्यक्ष और संविधान तैयार करने में जिस सामंजस के साथ अपनी विद्वता डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने दिखाई उसकी चर्चा इतनी नहीं हुई नहीं जितनी होनी चाहिये थी।
डाक्टर राजेंद्र प्रसाद को संविधान निर्माण का श्रेय नहीं दिया गया डॉ राजेंद्र प्रसाद की पोती मीरा सिन्हा का कहना है की इतिहास बदलने की तैयारी होती रही संविधान निर्माण में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जो भूमिका थी उसकी कभी चर्चा ही नहीं की जाती है।
बाईट--मीरा सिन्हा, पोती राजेन्द्र प्रसाद
डॉ राजेंद्र प्रसाद की पोती मीरा सिन्हा का यह भी कहना है राजेंद्र बाबू चाहते थे भारतीय संविधान को इंग्लिश की तरह हिंदी में भी अधिकारिक रूप से प्रस्तुत किया जाए लेकिन वह नहीं हुआ बाद में हिंदी में ट्रांसलेट किया गया और अन्य भाषाओं में भी ।
बाईट--तारा सिन्हा, पोती डॉ राजेन्द्र प्रसाद।
एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर का कहना है डॉ राजेंद्र प्रसाद का जो योगदान है संविधान के निर्माण में उसे भुलाया नहीं जा सकता है लेकिन यह सच्चाई है कि जितना ख्याति उन्हें मिलना चाहिए था संविधान निर्माण के लिए नहीं मिला । डीएम दिवाकर के अनुसार संविधान निर्माण के लिये कई समिति बनी थी और डॉ राजेन्द्र प्रसाद सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता दिखाई थी और इसी कारण इतना अच्छा संविधान बनकर तैयार हुआ।
बाईट--डीएम दिवाकर, पूर्व निदेशक ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट
डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बिहार विद्यापीठ की पटना में स्थापना की थी विद्यापीठ में कई तरह की गतिविधि आज हो रही है राजेंद्र संग्रहालय जिसमें राजेंद्र प्रसाद की कई चीजें रखी हुई है भारत रत्न भी रखा हुआ है संग्रहालय के अध्यक्ष मनोज वर्मा भी कहते हैं कि राजेंद्र प्रसाद ने जो अपना योगदान दिया वह भूलने वाला नहिब है। डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे विलक्षण प्रतिभा के व्यक्ति ही इतना अच्छा संविधान बना सकते थे और उन्होंने वह काम बखूबी किया लेकिन उसके बाद जो सम्मान उन्हें मिलना चाहिए था वह नहीं मिला और यह हम सबके लिए पीड़ा दायक है।
बाईट--मनोज वर्मा, अध्यक्ष, राजेन्द्र संग्रहालय।



Conclusion:जब भी संविधान की चर्चा होती है संविधान निर्माण के रूप में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का नाम लिया जाता है और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की चर्चा तक नहीं होती है लेकिन राजेंद्र प्रसाद ने जो अपना योगदान दिया संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में वह बहुमूल्य है और चाह कर भी कोई उन्हें भुला नहीं सकता है। संविधान सभा का संविधान निर्माण के साथ जो प्रमुख कार्य रहा उसमें राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत का अपनाना भी था।
अविनाश, पटना।

नोट---मीरा सिन्हा, पोती डॉ राजेन्द्र प्रसाद
डीएम दिवाकर, पूर्व निदेशक, ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट
मनोज वर्मा, अध्यक्ष, राजेन्द्र संग्रहालय विद्यापीठ
पीटीसी---

बाईट और विजुअल live u से गया है।

rajendra babu spl slug se story gayi hai.
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