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विशेष राज्य के दर्जे पर बोले HAM नेता- 'विरोध करने वालों का DNA बिहारी नहीं'

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर हम प्रवक्ता दानिश रिजवान (HAM Spokesperson Danish Rizwan) ने कहा कि ''स्पेशल स्टेटस की मांग का जो भी विरोध कर रहे हैं ऐसे लोगों को बिहार में रहने का हक नहीं है. ऐसे लोगों का डीएनए भी बिहारी नहीं है.''

HAM statement on demand for Special Status to Bihar
HAM statement on demand for Special Status to Bihar
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Published : Feb 7, 2022, 5:46 PM IST

पटना: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Special Status to Bihar) देने की मांग को लेकर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने जिस तरह से सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार को केंद्र द्वारा सबसे ज्यादा राशि मिलने की बात कही है, उसके बाद विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के लोग भी बीजेपी पर पलटवार कर रहे हैं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी के नेता (HAM statement on demand for Special Status to Bihar) भी मुखर हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- JDU ने विशेष राज्य का दर्जा मांगा तो BJP ने दी नसीहत, आंकड़ों के साथ दिखाया आईना

हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लगातार नीतीश कुमार का समर्थन किया है. हम लोग चाहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा. जो लोग विशेष राज्य के मांग को लेकर विरोध कर रहे है. उन्हें बिहारी कहलाने और बिहार में रहने का हक नहीं है. ऐसे लोगों का डीएनए भी बिहारी नहीं है, इसलिए वो बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग का विरोध कर रहे हैं.

''कहीं ना कहीं बिहार की जनता भी देख रही है और जनता ऐसे लोगों को जवाब भी देगी. साथ ही हमारी पार्टी भी ऐसे बयानवीर नेताओं को जवाब देगी. अभी जो हालात है निश्चित तौर पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, क्योंकि नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को फिसड्डी बताया गया है. बावजूद इसके केंद्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रहा है, जो गलत है.''- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

बता दें कि संजय जायसवाल ने आंकड़ों के जरिए बताया था कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है लेकिन उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है. संजय जायसवाल ने लिखा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है. पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनको अलग से कमाई होती थी. अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण बिहार को 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है.

ये भी पढ़ें- 'विशेष' दर्जा देने की मांग पर अड़ा JDU, केंद्र पर साधा निशाना, कहा- 'सरकार को मानक में करना चाहिए बदलाव'

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हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लगातार नीतीश कुमार का समर्थन किया है. हम लोग चाहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा. जो लोग विशेष राज्य के मांग को लेकर विरोध कर रहे है. उन्हें बिहारी कहलाने और बिहार में रहने का हक नहीं है. ऐसे लोगों का डीएनए भी बिहारी नहीं है, इसलिए वो बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग का विरोध कर रहे हैं.

''कहीं ना कहीं बिहार की जनता भी देख रही है और जनता ऐसे लोगों को जवाब भी देगी. साथ ही हमारी पार्टी भी ऐसे बयानवीर नेताओं को जवाब देगी. अभी जो हालात है निश्चित तौर पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, क्योंकि नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को फिसड्डी बताया गया है. बावजूद इसके केंद्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रहा है, जो गलत है.''- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

बता दें कि संजय जायसवाल ने आंकड़ों के जरिए बताया था कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है लेकिन उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है. संजय जायसवाल ने लिखा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है. पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनको अलग से कमाई होती थी. अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण बिहार को 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है.

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