पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में टूट के मामले को लेकर सभी पार्टियां प्रतिक्रिया दे रही हैं. हम प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rijwan) का कहना है कि निश्चित तौर पर अभी जो हालात हैं उसमें चिराग पासवान (Chirag Paswan) की स्थिति दयनीय है. लेकिन ये मामला उनके घर का है. इसे अपने परिवार में सुलझा लेना चाहिए.
दानिश रिजवान ने कहा कि राजद के लोग चिराग को न्यौता दे रहे हैं. लेकिन चिराग जानते हैं कि किस तरह 'हम' पार्टी को राजद ने अपने साथ लाया और विधानसभा चुनाव में हमलोगों के साथ व्यवहार किया. यह जनता ने देखा है राजनीतिक दल भी इससे अनभिज्ञ नहीं हैं.
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महागठबंधन में जाने का ना ही सोचें
'अभी जो समय है, इसमें चिराग पासवान को संभल के चलना चाहिए. कहीं से भी ये सोच उन्हें नहीं लाना चाहिए कि वे महागठबंधन में जाएं. निश्चित तौर पर सब ठीक होगा. यह उनके परिवार का मामला है. इसलिए उन्हें अपने परिवार में ही सुलझाना चाहिए.' -दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम
लोजपा में टूट का मामला
लोजपा के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया. खबर आयी कि 13 जून रविवार को देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी. इसके बाद पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को आधिकारिक पत्र भी सौंप दिया.
पांच सांसदों के निर्णय के बाद घमासान
पारस लोजपा सांसदों में सबसे वरिष्ठ हैं. वे रामविलास पासवान के छोटे भाई भी हैं. 5 सांसदों के निर्णय के बाद लोजपा में बड़े घमासान की आशंका है. पहले ही लोजपा के कई नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं.
बताया जा रहा है कि चिराग की ओर से मनाने का दौर भी जारी है. पार्टी में इस टूट के बाद लोजपा और कमजोर हो जाएगी. पशुपति पारस के साथ बड़ी संख्या में नेता और समर्थक भी लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं.
चुनाव आयोग को भी देंगे जानकारी
लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज की चिराग से राहें जुदा हो गयी हैं. आज ये सांसद चुनाव आयोग को भी विधिवत इसकी जानकारी देंगे.
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