पटना: बढ़ती महंगाई (Rising Inflation) विशेष रूप से पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस नेता (Congress Leader) प्रेमचंद्र मिश्र के सवाल पर सरकार ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के बढ़ते दाम को कम करने से इंकार कर दिया. वहीं जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने महंगाई के प्रति कांग्रेस को अपना नजरिया बदलने की नसीहत दी है.
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बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र (Prem Chandra Mishra) ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए सरकार से सवाल पूछा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है और कच्चे तेल की कीमत को सरकार कम नहीं कर सकती लेकिन सरकार इसमें जो टैक्स लेती है, उसमें छूट दे.
प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि 50 रुपये से ज्यादा पेट्रोल पर और 39 रुपये से ज्यादा डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार टैक्स लेती है. इसलिए सरकार दोनों के टैक्स पर छूट दे. उन्होंने कहा कि कालाबाजारी को लेकर भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई.
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विधान परिषद में प्रेमचंद मिश्र के सवाल के जवाब में सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों से नियंत्रित होती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के टैक्स में कटौती किए जाने से डीजल और पेट्रोल की कीमतों में मामूली कमी अवश्य होगी, लेकिन जनता को इससे कोई अधिक फायदा नहीं होगा.
"महंगाई जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सरकार ने विस्तार से सारी बातें बताई है. मैं कांग्रेस पार्टी से यह जानना चाहता हूं कि आईओसी के डिसइंवेस्टमेंट के वक्त उनकी आवाज कैदखाने में कैद हो गई थी ? आवाज अगर निजी कंपिनियों को प्रमोट किया गया है, तो बाजार नियंत्रित किया जा सका है. सरकार ने तो कहा है कि कोविड के दौर में हमारी परेशानी बढ़ गई है. महंगाई को लेकर कांग्रेस को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है."- नीरज कुमार, जदयू एमएलसी
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सरकार की ओर से जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि से खाद्य पदार्थ और साग-सब्जी के मूल्य में वृद्धि का स्पष्ट प्रमाण परिलक्षित नहीं हो रहा है.
'महामारी के इस दौर में राज्य का राजस्व संग्रहण प्रभावित होने के बावजूद राज्य की जनता को चिकित्सा और अन्य राहत पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार के कदम उठाए गए हैं. इसमें राज्य के वित्तीय ढांचे पर अतिरिक्त भार भी पड़ा है. पेट्रोल और डीजल की दरों को कम किए जाने से लोक कल्याण के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी.' : अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री, बिहार
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इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में मौजूद थे. कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर कृपया मुख्यमंत्री स्वयं अपनी बात रखें. उनके कहने के बावजूद मुख्यमंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
बता दें कि आज सदन के बाहर भी कांग्रेस नेताओं ने बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया है. सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि बिहार में पेट्रोल की कीमत पर राज्य सरकार 26% या 16.65 पैसे प्रति लीटर, इनमें से जो भी अधिक हो, लेती है. इसके अलावा डीजल पर 19% टैक्स या 12 रुपया 33 पैसे प्रति लीटर इनसे से जो अधिक हो, लेती है.
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इस दौरान राजद नेता सुनील सिंह ने सरकार से मांग की कि पूरे राज्य में सरकार के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने चाहिए कि पेट्रोल और डीजल पर सरकार कितना टैक्स लेती है. इसके जवाब में जदयू नेता संजय सिंह ने कहा कि अगर राजद के नेता पूरे राज्य में इस तरह की होर्डिंग लगाएं कि उनके पास कितनी संपत्ति है और उनके खिलाफ कितने मामले दर्ज हैं तो सरकार भी पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स की होर्डिंग लगवा देगी.
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