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बिहार में लगाए जाएंगे 30 हजार सोलर पंप, किसानों को 75% सब्सिडी देने की तैयारी

बिजली के बिल पर होने वाले अतिरिक्त खर्च को कम करने और सोलर पैनल के जरिए किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए बिहार सरकार तैयारी कर रही है. सोलर पैनल योजना बिहार के किसानों के लिए 75 % सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है

solar pump in Biharc
solar pump in Bihar
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Published : Feb 12, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Feb 12, 2021, 8:48 PM IST

पटना: बिहार में सिंचाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए केंद्र के सहयोग से सरकारी सब्सिडी देकर कई चरणों में 30 हजार सोलर पंप लगाने की योजना तैयार की जा रही है. राज्य के किासन केंद्र सरकार के कुसुम योजना के तहत अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती में कर सकते हैं.

क्या है कुसुम योजना का उद्देश्य?
बिहार में किसानों को सिंचाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. राज्य में अधिक या कम बारिश की वजह से किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. केंद्र सरकार की कुसुम योजना के जरिए किसान अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं.

आलोक, डायरेक्टर, ब्रेडा
आलोक, डायरेक्टर, ब्रेडा

'बंजर जमीन में लगेगी सोलर'
ईटीवी भारत की बिजली विभाग के ब्रेडा के डायरेक्टर आलोक से खास बातचीत की. इस दौरान डायरेक्टर ने बताया कि कुसुम योजना किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाती है. एक तो सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी, दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें कमाई भी होगी. अगर, किसी किसान के पास बंजर भूमि है तो वह उसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कर सकता है, और इससे उन्हें बंजर जमीन में भी आमदनी होने लगेगी.

बिहार में लगाए जाएंगे 30 हजार सोलर पंप
बिहार में लगाए जाएंगे 30 हजार सोलर पंप

'बिजली के बिल पर होने वाले अतिरिक्त खर्च को कम करने और सोलर पैनल के जरिए किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए बिहार सरकार तैयारी कर रही है. सोलर पैनल योजना बिहार के किसानों के लिए 75 % सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है' आलोक, डायरेक्टर, ब्रेडा

ईटीवी भारत(GFX)
ईटीवी भारत(GFX)

ये भी पढ़ें: तमिलनाडु में आतिशबाजी के कारखाने में विस्फोट में 11 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख

बता दें कि बिहार और केंद्र सरकार मिलकर किसानों को 75% सब्सिडी देती है और किसान को मात्र 25 % लागत देनी पड़ती है, हालांकि, इसके लिए किसानों को नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन या साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन के साइट पर जाकर किसानों को ऑनलाइन आवेदन देना होता है. ऑनलाइन आवेदन देने के बाद बिजली विभाग के अधिकारी उस साइट पर जाकर जांच पड़ताल करते हैं. कितने केबी मोटर पंप यूज होना है. इसका डाटा तैयार कर ब्रेडा को भेजते हैं. उसके बाद किसान को 25 % की राशि भुगतान करनी पड़ती है और उसके बाद किसानों को खेत में सोलर पैनल के साथ पंपसेट किसान को उपलब्ध कराया जाता है. किसान को सिर्फ बोरबेल करवाना होता है.

ईटीवी भारत(GFX)
ईटीवी भारत(GFX)

पढ़ें: कलाकारों को पहचान दिलाने के लिए विश्वविद्यालय की होगी स्थापना, सांस्कृतिक महाकुंभ की तैयारी

ब्रेडा के डायरेक्टर ने बताया कि कोरोना लॉक डाउन के समय स्कीम बंद है. हालांकि, बिहार के लगभग 3000 किसान 3 साल में इसका लाभ उठाए हैं. ऊर्जा विभाग लगातार किसानों को खेती में लगने वाले दामों को कम करने का प्रयास कर रही है. ऊर्जा विभाग 2025 तक दस हजार किसानों को लाभ देने की तैयारी में है.

'किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी'
डायरेक्टर ने बताया कि बिहार के कई जिलों में किसानों ने कुसुम योजना के माध्यम से सोलर पैनेल लगवाए हैं. वह किसान सौर ऊर्जा से पंपसेट चलाकर दिन के समय अच्छे से सिंचाई कर पा रहे हैं, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो रही है और सरकार की कुसुम योजना किसानों के लिए लाभकारी योजना है. जिससे कि बिहार राज्य के सभी किसानों को आने वाले दिनों में खेतों में सिंचाई के लिए बिजली या डीजल पंप सेट से खेती करने वाले किसानों को छुटाकरा दिलाने की ओर प्रयासरत है.

देखें रिपोर्ट...

किसानों में जागरूकता जरूरी
कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि सोलर पंप को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करने और सही जानकारी से अवगत करवा कर जागरूक करने की जरूरत है. राज्य में केवल कुछ ही दिन सूर्य नहीं निकलते हैं, लेकिन जितने दिन भी सूर्य निकलते हैं और उनकी किरणें सोलर प्लेट पर पड़ती हैं. पटवन के लिए पंप चलाने के लिए उतना ही पर्याप्त है. इसके साथ ही सोलर प्लेट की आयु करीब 25 साल होती है. ऐसे में सही तरीके से इनका इस्तेमाल करने पर बेहतर लाभ लिया जा सकता है.

पटना: बिहार में सिंचाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए केंद्र के सहयोग से सरकारी सब्सिडी देकर कई चरणों में 30 हजार सोलर पंप लगाने की योजना तैयार की जा रही है. राज्य के किासन केंद्र सरकार के कुसुम योजना के तहत अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती में कर सकते हैं.

क्या है कुसुम योजना का उद्देश्य?
बिहार में किसानों को सिंचाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. राज्य में अधिक या कम बारिश की वजह से किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. केंद्र सरकार की कुसुम योजना के जरिए किसान अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं.

आलोक, डायरेक्टर, ब्रेडा
आलोक, डायरेक्टर, ब्रेडा

'बंजर जमीन में लगेगी सोलर'
ईटीवी भारत की बिजली विभाग के ब्रेडा के डायरेक्टर आलोक से खास बातचीत की. इस दौरान डायरेक्टर ने बताया कि कुसुम योजना किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाती है. एक तो सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी, दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें कमाई भी होगी. अगर, किसी किसान के पास बंजर भूमि है तो वह उसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कर सकता है, और इससे उन्हें बंजर जमीन में भी आमदनी होने लगेगी.

बिहार में लगाए जाएंगे 30 हजार सोलर पंप
बिहार में लगाए जाएंगे 30 हजार सोलर पंप

'बिजली के बिल पर होने वाले अतिरिक्त खर्च को कम करने और सोलर पैनल के जरिए किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए बिहार सरकार तैयारी कर रही है. सोलर पैनल योजना बिहार के किसानों के लिए 75 % सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है' आलोक, डायरेक्टर, ब्रेडा

ईटीवी भारत(GFX)
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बता दें कि बिहार और केंद्र सरकार मिलकर किसानों को 75% सब्सिडी देती है और किसान को मात्र 25 % लागत देनी पड़ती है, हालांकि, इसके लिए किसानों को नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन या साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन के साइट पर जाकर किसानों को ऑनलाइन आवेदन देना होता है. ऑनलाइन आवेदन देने के बाद बिजली विभाग के अधिकारी उस साइट पर जाकर जांच पड़ताल करते हैं. कितने केबी मोटर पंप यूज होना है. इसका डाटा तैयार कर ब्रेडा को भेजते हैं. उसके बाद किसान को 25 % की राशि भुगतान करनी पड़ती है और उसके बाद किसानों को खेत में सोलर पैनल के साथ पंपसेट किसान को उपलब्ध कराया जाता है. किसान को सिर्फ बोरबेल करवाना होता है.

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पढ़ें: कलाकारों को पहचान दिलाने के लिए विश्वविद्यालय की होगी स्थापना, सांस्कृतिक महाकुंभ की तैयारी

ब्रेडा के डायरेक्टर ने बताया कि कोरोना लॉक डाउन के समय स्कीम बंद है. हालांकि, बिहार के लगभग 3000 किसान 3 साल में इसका लाभ उठाए हैं. ऊर्जा विभाग लगातार किसानों को खेती में लगने वाले दामों को कम करने का प्रयास कर रही है. ऊर्जा विभाग 2025 तक दस हजार किसानों को लाभ देने की तैयारी में है.

'किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी'
डायरेक्टर ने बताया कि बिहार के कई जिलों में किसानों ने कुसुम योजना के माध्यम से सोलर पैनेल लगवाए हैं. वह किसान सौर ऊर्जा से पंपसेट चलाकर दिन के समय अच्छे से सिंचाई कर पा रहे हैं, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो रही है और सरकार की कुसुम योजना किसानों के लिए लाभकारी योजना है. जिससे कि बिहार राज्य के सभी किसानों को आने वाले दिनों में खेतों में सिंचाई के लिए बिजली या डीजल पंप सेट से खेती करने वाले किसानों को छुटाकरा दिलाने की ओर प्रयासरत है.

देखें रिपोर्ट...

किसानों में जागरूकता जरूरी
कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि सोलर पंप को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करने और सही जानकारी से अवगत करवा कर जागरूक करने की जरूरत है. राज्य में केवल कुछ ही दिन सूर्य नहीं निकलते हैं, लेकिन जितने दिन भी सूर्य निकलते हैं और उनकी किरणें सोलर प्लेट पर पड़ती हैं. पटवन के लिए पंप चलाने के लिए उतना ही पर्याप्त है. इसके साथ ही सोलर प्लेट की आयु करीब 25 साल होती है. ऐसे में सही तरीके से इनका इस्तेमाल करने पर बेहतर लाभ लिया जा सकता है.

Last Updated : Feb 12, 2021, 8:48 PM IST
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