पटनाः राज्य सरकार कितना भी दावा कर लें लेकिन बिहार में किसान की हालत दिन पर दिन बद से बदतर होती चली जा रही हैं. फसल उगाने के बाद भी सही समय पर फसल की बिक्री के लिए किसान मुंह ताकते रहते हैं. लेकिन सरकार किसानों से गेहूं खरीद के मामले में फिसड्डी साबित हो रही है.
बता दें कि 1 अप्रैल से ही बिहार में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. लेकिन अभी तक मात्र 3 हजार मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई है. सहकारिता मंत्री राणा रणधीर इस बात को स्वीकार भी करते हैं कि विभाग की लचर व्यवस्था के कारण ऐसे हालात बने हैं. लेकिन उनका कहना है कि 30 जून तक गेहूं खरीद करनी है और लक्ष्य दो लाख मीट्रिक टन खरीदगी का रखा गया है.
क्या सरकार पूरा करेगी अपना लक्ष्य
हालांकि, गेहूं की खरीद जिस रफ्तार से हो रही है, उससे ऐसा लगता है कि सरकार अपना लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी. क्योंकि 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई है और 10 जून तक मात्र तीन हजार मीट्रिक टन ही किसानों से गेहूं खरीदा गया है. आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि 2 महीने 10 दिन में केवल तीन हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गयी है.
सरकार गेहूं ही नहीं मक्का भी खरीदेगी
ऐसे में जब मंत्री राणा रणधीर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव के कारण काम धीमी गति से हुआ है. साथ ही उन्होंने दावा किया की 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब बिहार सरकार गेहूं ही नहीं मक्का का भी खरीद किसानों से करेगी और उसे बाजार में बेचेगी. उनका यह दावा है की किसानों का आय दोगुना होगा. लेकिन जिस मंथर गति से विभाग अनाज की खरीदी कर रहा है. उसको देखकर ऐसा तो नहीं लगता कि बिहार के किसान के अच्छे दिन आएंगे.