पटना: प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है. वर्तमान में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन का पहला डोज दिया जा रहा है. पहले चरण में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज ले चुके स्वास्थ्यकर्मी दूसरा डोज ले रहे हैं. प्रदेश में जनसंख्या के अनुपात में वैक्सीनेशन की गति काफी सुस्त है. अभी आम लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है. आम लोगों को टीका लगाने के लिए और अधिक संसाधन की जरूरत होगी.
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इसे ध्यान में रखते हुए चिकित्सा जगत से जुड़े लोग सरकार को टीकाकरण अभियान में प्राइवेट सेक्टर को भी शामिल करने की सलाह दे रहे हैं. पटना के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि जब प्रदेश में सीनियर सिटीजन को टीका देना शुरू होगा तो पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर वैक्सीनेशन किया जाए. टीका लेने वालों की संख्या अधिक है. सभी लोगों को टीका देने के लिए सरकार को अब प्राइवेट सेक्टर को भी कोरोना टीकाकरण की अनुमति देनी चाहिए.
कोविन पोर्टल से आ रही परेशानी
वरिष्ठ डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ाने के लिए सरकार को कुछ बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. जब प्रदेश में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू होगा तब पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर टीका देना चाहिए. अभी वैक्सीनेशन के लिए पहले पोर्टल में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं कि स्वास्थ्य विभाग के कोविन पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के कारण लोग टीका लेने से वंचित रह जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बतौर हेल्थ केयर वर्कर हमलोगों ने वैक्सीनेशन के लिए जब अपना नाम दिया था तो टीका लेने के लिए काफी भटकना पड़ा था. कहां नाम है और किस सेंटर पर वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर भेजा गया है, इसे पता करने में इधर-उधर भटकना पड़ा था और काफी परेशानी हुई थी. वैक्सीन का फर्स्ट डोज 3 फरवरी को लिया था लेकिन जो सर्टिफिकेट मिला उसमें 12 फरवरी का डेट दिया गया है.
टीकाकरण के लिए सहूलियत दे सरकार
डॉक्टर दिवाकर ने कहा कि पोर्टल में लगातार तकनीकी दिक्कतें आ रही है. जब 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू होगा तब सरकार को यह प्रयास करना चाहिए कि सीनियर सिटीजन अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर अपना कोई भी पहचान पत्र दिखाकर वैक्सीन का लाभ ले सकें. आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र लेकर पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर सीनियर सिटीजन का वैक्सीनेशन शुरू कर देना चाहिए.
इससे प्रदेश में वैक्सीनेशन की गति तेज होगी और लोगों को सहूलियत भी मिलेगी. अगर पोर्टल की तकनीकी दिक्कतों के कारण किसी को वैक्सीनेशन सेंटर से बिना टीका लिए ही लौटना पड़ता है तो वह परेशान होगा. वैक्सीन के प्रति उसका मनोबल कमजोर हो जाएगा. यह भी संभव है कि वह आगे वैक्सीनेशन के लिए दिलचस्पी ना दिखाए.
प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन कर देना चाहिए वैक्सीनेशन
डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि वैक्सीनेशन को अब प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन कर देना चाहिए. प्राइवेट हॉस्पिटल में भी कुछ निर्धारित शुल्क पर वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकता है. टीकाकरण अभियान तेज करने के लिए प्राइवेट सेक्टर को वैक्सीनेशन की अनुमति देने को लेकर एमसीआई की तरफ से नीति आयोग को एक प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया है.
अगर प्राइवेट सेक्टर को वैक्सीनेशन की अनुमति मिल जाती है तो टीकाकरण की गति भी बढ़ेगी और लोगों का टीका के प्रति विश्वास भी मजबूत होगा. वर्तमान में निशुल्क वैक्सीनेशन की व्यवस्था है, लेकिन जब प्राइवेट सेक्टर को वैक्सीनेशन की अनुमति मिल जाएगी और लोग देखेंगे कि काफी संख्या में लोग अपना पैसा खर्च कर टीका लगवा रहे हैं तो जो लोग निशुल्क वैक्सीनेशन अभियान में रुचि नहीं ले रहे हैं और नाम आने के बावजूद वैक्सीनेशन सेंटर पर नहीं जा रहे हैं वे लोग दिलचस्पी दिखाएंगे.
"वैक्सीनेशन कार्यक्रम को गति देने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी पहल करनी चाहिए. जब सीनियर सिटीजन का वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू होगा तब वैसे एमपी और एमएलए जो 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं उनलोगों को आगे आकर वैक्सीन लगवाना चाहिए. जनप्रतिनिधियों की इस पहल से समाज में वैक्सीनेशन को लेकर एक सकारात्मक संदेश फैलेगा. लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर जो गलत धारना बैठ गई है वह खत्म होगी."- डॉ दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक
क्या कहते हैं आम लोग
रामा शंकर दुबे: प्रदेश में वैक्सीनेशन की अनुमति प्राइवेट सेक्टर को भी दे दी जानी चाहिए ताकि वैक्सीनेशन अभियान में गति आए. अभी सिर्फ स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दिया जा रहा है. अगर प्राइवेट सेक्टर को टीका लगाने की अनुमति दी जाती है तो इससे सक्षम लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर अपना टीकाकरण करा सकते हैं. बड़ी प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों का टीकाकरण कुछ राशि खर्च कर करा सकती है.
गुन्नू राम: जो लोग वैक्सीन खरीदने में सक्षम हैं वे अपनी सुविधा अनुसार नजदीकी प्राइवेट हॉस्पिटल जाकर वैक्सीनेशन करा सकते हैं. इससे कोरोना टीकाकरण अभियान तेज होगा.
जय प्रकाश चौधरी: जिस प्रकार से अभी सरकारी केंद्रों में वैक्सीनेशन चल रहा है इसकी रफ्तार काफी सुस्त है. प्राइवेट सेक्टर को वैक्सीनेशन की अनुमति अगर मिल जाती है तो वैक्सीनेशन अभियान में गति आएगी और जल्द से जल्द सभी लोग अपना टीकाकरण करा पाएंगे.