पटना: बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 28 हजार के पार हो चुकी है. हर दिन संक्रमित मरीजों का विस्फोट हो रहा है. कोरोना संक्रमण मरीजों का इलाज सभी बड़े सरकारी हॉस्पिटल में चल रहा है. लेकिन अस्पतालों में कुव्यवस्था का जिस तरह से वीडियो वायरल हो रहा है. इससे सरकार की व्यवस्था का पोल खुल रहा है. वहीं बढ़ते संक्रमित मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में कराने का आदेश दे दिया है.
इसके बाद राज्य के अधिकतर हॉस्पिटलों कोरोना का इलाज शुरू हो गया है. लेकिन प्रईवेट हॉस्पिटल में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों को ही खर्च उठाना होगा. सरकार के फैसले का आरजेड़ी ने स्वागत करते हुए सरकार से मांग की है कि राज्य में जितने भी कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में होगा, उसका सरा खर्च सरकार को देना चाहिए.
'अब सरकार की खुली है निंद'
आरजेडी विधायक शिवचंद्र राम ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल होने के नाते हमारी पार्टी पहले से ही सरकार की व्यवस्था को लेकर आईना दिखा रही थी. लेकिन सरकार ने गरीबों के लिए कोई काम अभी तक नहीं किया है. जिससे उनका कल्याण हो सके. अब मरीजों की संख्या बढ़ने लगी, तो पांच महीने बाद सरकार की निंद खुली है.
'इलाज का खर्च वहन करें सरकार'
विधायक शिवचंद्र राम ने कहा कि सरकारी तंत्र को फेल होता देख मुख्यमंत्री जी ने अंतोगत्वा प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का इलाज कराने का आदेश दिया है. सरकार का यह फैसला तो अच्छा है. लेकिन हम सरकार से पूछना चाहता है कि प्राइवेट हॉस्पिटल में जो लोग इलाज करवाएंगे उसका पैसा कौन देगा? इसलिए हम सरकार से मांग करते है कि जो भी लोग प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज कराएंगे उनका खर्च सरकार वहन करे.