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मुश्किल हालात में भी मनमानी पर उतरे निजी स्कूल, कई स्कूलों को भेजा गया नोटिस - आरडीडीई को मेल

प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पटना के कई नामी स्कूलों ने 7 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी की है. ऐसे स्कूलों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है.

मनमानी पर उतरे निजी स्कूल
मनमानी पर उतरे निजी स्कूल
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Published : Apr 10, 2020, 6:23 PM IST

पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे भारत में लॉकडाउन है. ऐसे हालात में पूरे बिहार के सभी स्कूल भी 14 अप्रैल तक बंद हैं. ऐसे मुश्किल समय में में भी निजी स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे. सरकार की गाइडलाइंस के बावजूद पटना के तीन स्कूलों ने 7 फीसदी से ज्यादा शुल्क बढ़ाकर अभिभावकों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. अभिभावकों ने कई स्कूलों के खिलाफ क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक को शिकायत दर्ज करवाई है. इसके बाद अब इन स्कूलों को नोटिस भेजकर 7 दिनों में अंदर जवाब मांगा गया है.

'स्कूलों पर होगी कार्रवाई'
इस मामले पर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों को भी स्कूल को लेकर शिकायत है. वो स्कूल की रसीद के साथ शुल्क वृद्धि की जानकारी आरडीडीई को मेल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर किसी बच्चे के परिजन लॉक डाउन के दौरान स्कूल को फी देने में असक्षम है, तो उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि पटना के कई नामी स्कूलों ने 7 फिसदी से ज्यादा फी में बढ़ोतरी की है. ऐसे स्कूलों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'30 अप्रैल तक फीस जमा करने में दें छूट'
संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार निजी स्कूल अधिनियम के मुताबिक कोई भी स्कूल हर साल 7 फीसदी से ज्यादा फी नहीं बढ़ा सकते. इसके लिए उन्हें संबंधित अधिकारी से परमिशन लेना जरूरी है. कई अभिभावकों ने फीस को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. अगर स्कूल बढ़े हुए फीस को वापस नहीं लेगें, तो ऐसे स्कूलों को खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. सरकार ऐसे स्कूल की मान्यता भी रद्द कर सकती है. उन्होंने स्कूलों से अपील करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय आपदा का समय है इसलिए स्कूल केंद्रीय विद्यालय की तरह 30 अप्रैल तक अभिभावकों को फीस जमा करने की छूट दें.

पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे भारत में लॉकडाउन है. ऐसे हालात में पूरे बिहार के सभी स्कूल भी 14 अप्रैल तक बंद हैं. ऐसे मुश्किल समय में में भी निजी स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे. सरकार की गाइडलाइंस के बावजूद पटना के तीन स्कूलों ने 7 फीसदी से ज्यादा शुल्क बढ़ाकर अभिभावकों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. अभिभावकों ने कई स्कूलों के खिलाफ क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक को शिकायत दर्ज करवाई है. इसके बाद अब इन स्कूलों को नोटिस भेजकर 7 दिनों में अंदर जवाब मांगा गया है.

'स्कूलों पर होगी कार्रवाई'
इस मामले पर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों को भी स्कूल को लेकर शिकायत है. वो स्कूल की रसीद के साथ शुल्क वृद्धि की जानकारी आरडीडीई को मेल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर किसी बच्चे के परिजन लॉक डाउन के दौरान स्कूल को फी देने में असक्षम है, तो उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि पटना के कई नामी स्कूलों ने 7 फिसदी से ज्यादा फी में बढ़ोतरी की है. ऐसे स्कूलों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'30 अप्रैल तक फीस जमा करने में दें छूट'
संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार निजी स्कूल अधिनियम के मुताबिक कोई भी स्कूल हर साल 7 फीसदी से ज्यादा फी नहीं बढ़ा सकते. इसके लिए उन्हें संबंधित अधिकारी से परमिशन लेना जरूरी है. कई अभिभावकों ने फीस को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. अगर स्कूल बढ़े हुए फीस को वापस नहीं लेगें, तो ऐसे स्कूलों को खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. सरकार ऐसे स्कूल की मान्यता भी रद्द कर सकती है. उन्होंने स्कूलों से अपील करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय आपदा का समय है इसलिए स्कूल केंद्रीय विद्यालय की तरह 30 अप्रैल तक अभिभावकों को फीस जमा करने की छूट दें.

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