पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिन 82 लाख से अधिक परिवारों की आय 6 हजार से 10 हजार रुपये मासिक हैं, उन्हें क्या सरकार अमीर मानती है. इनमें 32 लाख से ज्यादा परिवार तो केवल अतिपिछड़ा वर्ग के हैं. उन्होंने सरकार से सवाल किये हैं कि इन लाखों परिवारों को "बिहार लघु उद्यमी योजना" के तहत 2-2 लाख रुपये देने के लाभ से वंचित क्यों रखा गया.
"क्या 10 हजार आय वाले अतिपिछड़ी जाति के 32 लाख परिवार गरीब नहीं हैं. मोदी ने कहा कि अतिपिछड़ा, पिछड़ा, एससी-एसटी के आंकड़ों को आधार बना कर उनके विकास के लिए अलग-अलग योजना क्यों नहीं बनायी गई."- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद
हर जाति-वर्ग के लिए अलग-अलग योजनाएं लागू करेंः सुशील मोदी ने कहा कि सर्वे के अनुसार 10 से 20 हजार मासिक आय वाले जो 50 लाख से ज्यादा परिवार हैं, उनके विकास के लिए क्या योजना है. 2.18 करोड़ कास्तकारों के कल्याण के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनी. मोदी ने कहा कि सरकार ने जातीय सर्वे में प्राप्त भूमिहीन परिवारों के आंकड़े ना तो सार्वजनिक किये, न इन परिवारों को कृषि भूमि देने की कोई योजना बनायी. सुशील मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे कराते समय आश्वस्त किया गया था कि इस के आंकड़ों को आधार बना कर हर जाति-वर्ग के लिए अलग-अलग योजनाएं लागू की जाएगी.
क्या है बिहार लघु उद्यमी योजनाः 94 लाख 33312 गरीब परिवारों के लिए यह योजना है. जिनकी मासिक आमदनी 6000 से कम है, उसको ही इसका लाभ मिल सकेगा. ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा. रैंडम सेलेक्शन होगा. 62 तरह के लघु उद्योग के लिए राशि दी जाएगी. 5 साल की यह योजना है. प्रत्येक साल निर्धारित लक्ष्य के अनुसार आवेदकों का चयन किया जाएगा. 20% आवेदक को प्रतीक्षा सूची में भी रखा जाएगा. राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी. प्रथम किस्त में परियोजना लागत की 25% द्वितीय किस्त में 50% और तृतीय किस्त में परियोजना लागत की 25% राशि दी जाएगी.
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