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गोल्ड हॉल मार्किंग कानून : स्वर्ण व्यवसायियों को राहत, पुराने स्टॉक बेचने के लिए एक सितंबर तक का समय - Time till 1st September to sell old GOLD stocks

केंद्र सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. 16 जून से इसे लागू कर दिया गया है. वहीं सरकार ने व्यवसायियों को राहत देते हुए एक सितंबर तक पुराने गोल्ड ज्वेलरी के स्टॉक को क्लियर करने का वक्त दिया है. जानिए सरकार की इस पहल पर पटना के व्यवासायियों ने क्या कहा...

गोल्ड हॉल मार्किंग कानून
गोल्ड हॉल मार्किंग कानून
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Published : Jun 27, 2021, 8:52 AM IST

पटना: कोरोना संक्रमण को लेकर पहले से ही स्वर्ण व्यवसायियों ( (Gold Merchants) का बुरा हाल है. इसी बीच 16 जून से गोल्ड ज्वेलरी पर हॉल मार्किंग अनिवार्य हो गई है. हालांकि स्वर्ण व्यवसायियों को सरकार द्वारा रियायत भी दी गई है. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम ने बिहार के स्वर्ण व्यवसायियों से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार ने जो रियायत दी है, वह हमारे लिए काफी है.

इसे भी पढ़ें : इस फैसले के बाद आपके सोने का क्या होगा ? जानिये हॉलमार्क से जुड़े हर सवाल का जवाब

पुराने स्टॉक क्लियर करने का मिला वक्त
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार कन्वेनर अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि हॉल मार्किंग कानून को लागू हो चुका है. लेकिन सरकार ने हमें एक सितंबर तक का समय दिया है ताकि पुराने स्टॉक को खत्म कर सकें. इस दौरान किसी भी व्यवसायी पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी, साथ ही कोई माल भी जब्त नहीं होगा.

देखें वीडियो

'सरकार ने जो रियायत दी है, उसमें पहले स्वर्ण व्यवसायियों को पंजीकरण कराना होता था, जिसके बाद फिर कुछ वर्षों के बाद उन्हें पंजीकरण कराना होता था लेकिन अब सिर्फ एक बार ही पंजीकरण कराना है. जिसकी वैधता लाइफटाइम होगी. ऐसे में सरकार को हम धन्यवाद देते हैं. छोटे और बड़े व्यवसायियों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है. 40 लाख से नीचे तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को अनिवार्य हॉल मार्किंग कानून से बाहर रखा गया है. जिससे छोटे व्यवसायियों को काफी लाभ होगा.' :- अशोक कुमार, ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार कन्वेनर

कानून से सभी को मिलेगा लाभ
वहीं स्वर्ण व्यवसायी प्रेम नाथ गुप्ता ने बताया कि सरकार ने जो रियायत दी है. वह हमारे लिए काफी है. कई स्वर्ण व्यवसायियों ने अपना बचा हुआ काफी स्टॉक खत्म कर लिया है. हमारा स्टॉक भी जल्द खत्म हो जाएगा. हालांकि थोड़ा बहुत स्टॉक बचा रहता है. अब हमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है.

'हॉल मार्किंग कानून लागू होने से लोगों को काफी लाभ मिलेगा. इस कानून से गुणवत्ता बढ़ेगी. जिससे लोगों को अपने आस-पड़ोस के दुकानदारों पर विश्वास बढ़ेगा. उनकी खरीदारी भी बढ़ेगी.' :- प्रेमनाथ गुप्ता, स्वर्ण व्यवसायी

ये भी पढ़ें : बिहार: स्वर्ण व्यवसायियों की मांग, हॉल मार्किंग कानून की तिथि को आगे बढ़ाएं सरकार, नहीं तो होगा भारी नुकसान

बता दें कि हॉल मार्किंग कानून लागू होने से ग्राहकों को काफी लाभ मिलेगा. ज्वेलर्स को 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की हॉलमार्क ज्वेलरी बेचने की अनुमति है. ग्राहक को मानक के हिसाब से सोना मिले, इसके लिए हॉल मार्किंग जरूरी है. इसलिए पूरे देश में 16 जून से हॉल मार्किंग कानून लागू कर दिया गया है.

पटना: कोरोना संक्रमण को लेकर पहले से ही स्वर्ण व्यवसायियों ( (Gold Merchants) का बुरा हाल है. इसी बीच 16 जून से गोल्ड ज्वेलरी पर हॉल मार्किंग अनिवार्य हो गई है. हालांकि स्वर्ण व्यवसायियों को सरकार द्वारा रियायत भी दी गई है. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम ने बिहार के स्वर्ण व्यवसायियों से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार ने जो रियायत दी है, वह हमारे लिए काफी है.

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पुराने स्टॉक क्लियर करने का मिला वक्त
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार कन्वेनर अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि हॉल मार्किंग कानून को लागू हो चुका है. लेकिन सरकार ने हमें एक सितंबर तक का समय दिया है ताकि पुराने स्टॉक को खत्म कर सकें. इस दौरान किसी भी व्यवसायी पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी, साथ ही कोई माल भी जब्त नहीं होगा.

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'सरकार ने जो रियायत दी है, उसमें पहले स्वर्ण व्यवसायियों को पंजीकरण कराना होता था, जिसके बाद फिर कुछ वर्षों के बाद उन्हें पंजीकरण कराना होता था लेकिन अब सिर्फ एक बार ही पंजीकरण कराना है. जिसकी वैधता लाइफटाइम होगी. ऐसे में सरकार को हम धन्यवाद देते हैं. छोटे और बड़े व्यवसायियों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है. 40 लाख से नीचे तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को अनिवार्य हॉल मार्किंग कानून से बाहर रखा गया है. जिससे छोटे व्यवसायियों को काफी लाभ होगा.' :- अशोक कुमार, ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार कन्वेनर

कानून से सभी को मिलेगा लाभ
वहीं स्वर्ण व्यवसायी प्रेम नाथ गुप्ता ने बताया कि सरकार ने जो रियायत दी है. वह हमारे लिए काफी है. कई स्वर्ण व्यवसायियों ने अपना बचा हुआ काफी स्टॉक खत्म कर लिया है. हमारा स्टॉक भी जल्द खत्म हो जाएगा. हालांकि थोड़ा बहुत स्टॉक बचा रहता है. अब हमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है.

'हॉल मार्किंग कानून लागू होने से लोगों को काफी लाभ मिलेगा. इस कानून से गुणवत्ता बढ़ेगी. जिससे लोगों को अपने आस-पड़ोस के दुकानदारों पर विश्वास बढ़ेगा. उनकी खरीदारी भी बढ़ेगी.' :- प्रेमनाथ गुप्ता, स्वर्ण व्यवसायी

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बता दें कि हॉल मार्किंग कानून लागू होने से ग्राहकों को काफी लाभ मिलेगा. ज्वेलर्स को 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की हॉलमार्क ज्वेलरी बेचने की अनुमति है. ग्राहक को मानक के हिसाब से सोना मिले, इसके लिए हॉल मार्किंग जरूरी है. इसलिए पूरे देश में 16 जून से हॉल मार्किंग कानून लागू कर दिया गया है.

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