पटना: नेपाल में हो रही लगातार बारिश और वहां से नदियों में छोड़े जा रहे पानी के कारण बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. प्रदेश की कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. वहीं, राजधानी पटना में भी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा के आस-पास के मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
गंगा के जलस्तर में दर्ज की गई वृद्धि
पटना में पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 23 सेंटीमीटर वृद्धि दर्ज की गई है. पटना के एनआईटी घाट पर गंगा का जलस्तर मापने के लिए जो इंडिकेटर लगाया गया है. उसमें रविवार की दोपहर गंगा का जलस्तर 47.010 मीटर दर्ज किया गया. वहीं, शनिवार तक एनआईटी घाट की जो सीढ़ियां साफ दिख रही थी, वो रविवार की दोपहर पानी में पूरी तरह डूबी नजर आई. घाट पर सीढ़ियां डूब जाने के कारण एनआईटी घाट पर काफी संख्या में युवा अपनी जान को जोखिम में डाल गंगा नदी की लहरों का लुफ्त लेते और स्नान करते नजर आए.
खतरे के निशान को पार कर जाएगी गंगा
दरअसल, शनिवार की दोपहर एनआईटी घाट पर गंगा का जलस्तर 46.780 मीटर दर्ज किया गया था. वर्तमान समय में पटना में एनआईटी घाट के पास गंगा वार्निंग लेवल से मात्र 59 सेंटीमीटर नीचे बह रही है और डेंजर लेवल से 1.59 मीटर नीचे बह रही है. जिस रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. उससे साफ लग रहा है कि 2 से 3 दिनों में गंगा खतरे के निशान को पार कर जाएगी.
सुबह 10 बजे के बाद गंगा का जलस्तर रहा कांस्टेंट
पटना के एनआईटी घाट पर स्थित केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात गंगा के जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि देखने को मिली थी. लेकिन रात 9 बजे के बाद गंगा का जलस्तर प्रति घंटे 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ा और बाद में यह रविवार सुबह होते-होते प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार पर आ गया. रविवार सुबह 10 बजे के बाद गंगा का जलस्तर कांस्टेंट रहा.