पटना: लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. तीन दिनों की बारिश ने पूरे शहर को डुबा दिया है. तेज बारिश के कारण हर सड़क झील में तब्दील हो गई है. आलम यह है कि पटना का गांधी मैदान में मानों गंगा नदी बह रही हो.
आम से खास सभी इस बारिश के आगे बेबस
पिछले 72 घंटों से लगातार आफत की बारिश जारी है. आम से खास सभी इस बारिश के आगे बेबस हैं. पॉश से लेकर झुग्गी झोपड़ी के इलाकों में पानी भर चुका है. पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. निचले इलाकों में कई घरों तक पानी पहुंच गया है. यहां तक कि कई मंत्रियों तक के घरों में पानी जा घुसा है. अस्पतालों, रेल लाइनों पर भी जलजमाव है. पटना जंक्शन के सारे ट्रैक्स भी पूरी तरह डूब गए हैं. कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं.
बिहार में बारिश से इमरजेंसी जैसे हालात
राजधानी पटना में 45 वर्षों के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. आलम ये है कि बारिश के पानी ने लोगों को जल कैदी बना दिया है. पटना पुलिस मुख्यालय में हालात की गंभीरता के मद्देनजर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर खोला गया है. कई लोगों ने जलजमाव की ऐसी तस्वीर कभी नहीं देखी थी. लोग बताते हैं कि 1975 में भी पटना कुछ ऐसे ही हालात से रू-ब-रू हुआ था.
परिवहन व्यवस्था ठप
राजधानी में हो रही भारी बारिश ने परिवहन व्यवस्था को ठप कर दिया है. सरकार हालात पर पैनी नजर रखे हुए है. सीएम नीतीश कुमार खुद ही मॉनिटरिंग में लगे हैं. लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. मौसम विभाग ने रविवार तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है.
इन इलाकों में आई बाढ़
राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीवनगर, गर्दनीबाग, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, अशोक नगर, रामकृष्णानगर सहित तमाम इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं.