ETV Bharat / state

पटना का गांधी आश्रम, यहां 126 दिनों तक रहे थे बापू

1947 में दंगा शांत कराने के लिए बापू यहां आए और इस आश्रम में ठहरे थे. इस दौरान वह गांधी आश्रम में सबसे लंबे समय तक लगातार 40 दिनों तक रुके. नीतीश कुमार ने इसका जीर्णोद्धार तो करवाया लेकिन आज इस आश्रम की छत से पानी टपकता है.

author img

By

Published : Sep 29, 2019, 9:44 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 7:42 AM IST

गांधी आश्रम पटना

पटना: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बिहार से विशेष संबंध रहा है. चंपारण आंदोलन से लेकर पटना के गांधी आश्रम तक बापू की कई यादें जुड़ी हुई हैं. खासकर राजधानी के गांधी आश्रम के साथ, जो पहले कभी उस समय के शिक्षा मंत्री सैयद महमूद का आवास हुआ करता था. उनके आवास पर गांधीजी 1917 से लेकर 1947 तक कुल 126 दिनों तक रहे थे.

बापू ने यहां काफी समय बिताये
देशभर में जब 1947 में दंगे भड़के थे. तब बापू दंगा समाप्त करवाने के लिए बिहार आये थे. इस दौरान वह गांधी आश्रम में सबसे लंबे समय तक लगातार 40 दिनों तक रुके थे. वह प्रतिदिन इस आश्रम के पास स्थित गांधी मैदान में शाम के समय जाकर प्रार्थना सभा करते थे. वहीं, पर लगातार शांति समिति की बैठक भी किया करते थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिंह जैसे बिहार के दिग्गज नेता उनके साथ लगातार बैठकें करते थे. इसी आवास पर गांधी जी ने खान अब्दुल गफ्फार खान को भी बुलाया था. बाद में दंगा समाप्त कराने के बाद ही बापू पटना से वापस गए.

गांधी आश्रम के बारे जानकारी देते संवाददाता अविनाश

बदहाल स्तिथि में है आश्रम
साल 2017 में सैयद महमूद के आवास पर सीएम नीतीश कुमार की नजर पड़ी और इसका जीर्णोद्धार कराया गया, इसे गांधी आश्रम नाम दिया गया. राजधानी स्थित गांधी आश्रम एन सिन्हा इंस्टिट्यूट परिसर में है. एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पर इस आश्रम की देख-रेख की जिम्मेदारी है. बता दें कि गांधी आश्रम के नाम से मौजूद सैयद महमूद के आवास का जीर्णोद्धार तो किया गया, लेकिन आज भी इस आवास में कई जगह से बरसात का पानी पसीज रहा है. आवास की बिजली भी कटी हुई है. गांधी जी की महत्वपूर्ण तिथियों और कार्यक्रम के मौके पर इस आवास का ताला खुलता है.

patna news
बंद पड़ा आश्रम

आश्रम के बारे में नहीं है लोगों को जानकारी
इस आश्रम के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण लोग यहां आते भी नहीं हैं. वैसे देखने के लिए भी यहां कुछ खास नहीं है. बापू का कुछ पोस्टर और उनके नाम पर जारी डाक टिकट है जो कि प्रदर्शनी के तौर पर रखा गया है, लेकिन अंधेरे के कारण वह भी साफ-साफ नहीं दिख पाता है.

patna news
आश्रम में जानकारी के लिए लगा बोर्ड

बिहार की धरती पर कई बार आए बापू
बिहार की धरती पर महात्मा गांधी को चंपारण आंदोलन से एक नई पहचान मिली थी. गांधी जी पटना और बिहार चंपारण आंदोलन के दौरान 1917-18 में कई बार आए, 1920 में असहयोग आंदोलन के दौरान भी गांधी जी पटना आए थे. 1921 में बिहार विद्यापीठ की स्थापना के लिए भी गांधी जी पटना आए थे. 1925 में कोलकाता जाने के दौरान पटना आए थे. बापू ने सितंबर 1925 में खुदा बख्श लाइब्रेरी और मंगल तालाब का दौरा किया था. अक्टूबर 1925 में बापू भागलपुर भी आए और उसके बाद कई जगहों का बिहार में दौरा किया. लेकिन सबसे ज्यादा समय तक बापू गांधी आश्रम में ही रहे.

patna news
एएन सिंहा इंस्टिट्यूट

सरकार की उपेक्षा का शिकार गांधी आश्रम
एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट के ठीक बगल में गांधी संग्रहालय है. जिसमें गांधी जी की कई यादें संजो कर रखी गई हैं. गांधी संग्रहालय के इंचार्ज रजी अहमद कई बार गांधी आश्रम को गांधी संग्रहालय से जोड़ने की मांग करते रहे, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसी कारण बापू का यह महत्वपूर्ण निवास स्थल चर्चा में नहीं आया. यह स्थल अभी तक उपेक्षित है.

patna news
आश्रम में प्रदर्शनी के लिए लगा डाक टिकट

पटना: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बिहार से विशेष संबंध रहा है. चंपारण आंदोलन से लेकर पटना के गांधी आश्रम तक बापू की कई यादें जुड़ी हुई हैं. खासकर राजधानी के गांधी आश्रम के साथ, जो पहले कभी उस समय के शिक्षा मंत्री सैयद महमूद का आवास हुआ करता था. उनके आवास पर गांधीजी 1917 से लेकर 1947 तक कुल 126 दिनों तक रहे थे.

बापू ने यहां काफी समय बिताये
देशभर में जब 1947 में दंगे भड़के थे. तब बापू दंगा समाप्त करवाने के लिए बिहार आये थे. इस दौरान वह गांधी आश्रम में सबसे लंबे समय तक लगातार 40 दिनों तक रुके थे. वह प्रतिदिन इस आश्रम के पास स्थित गांधी मैदान में शाम के समय जाकर प्रार्थना सभा करते थे. वहीं, पर लगातार शांति समिति की बैठक भी किया करते थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिंह जैसे बिहार के दिग्गज नेता उनके साथ लगातार बैठकें करते थे. इसी आवास पर गांधी जी ने खान अब्दुल गफ्फार खान को भी बुलाया था. बाद में दंगा समाप्त कराने के बाद ही बापू पटना से वापस गए.

गांधी आश्रम के बारे जानकारी देते संवाददाता अविनाश

बदहाल स्तिथि में है आश्रम
साल 2017 में सैयद महमूद के आवास पर सीएम नीतीश कुमार की नजर पड़ी और इसका जीर्णोद्धार कराया गया, इसे गांधी आश्रम नाम दिया गया. राजधानी स्थित गांधी आश्रम एन सिन्हा इंस्टिट्यूट परिसर में है. एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पर इस आश्रम की देख-रेख की जिम्मेदारी है. बता दें कि गांधी आश्रम के नाम से मौजूद सैयद महमूद के आवास का जीर्णोद्धार तो किया गया, लेकिन आज भी इस आवास में कई जगह से बरसात का पानी पसीज रहा है. आवास की बिजली भी कटी हुई है. गांधी जी की महत्वपूर्ण तिथियों और कार्यक्रम के मौके पर इस आवास का ताला खुलता है.

patna news
बंद पड़ा आश्रम

आश्रम के बारे में नहीं है लोगों को जानकारी
इस आश्रम के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण लोग यहां आते भी नहीं हैं. वैसे देखने के लिए भी यहां कुछ खास नहीं है. बापू का कुछ पोस्टर और उनके नाम पर जारी डाक टिकट है जो कि प्रदर्शनी के तौर पर रखा गया है, लेकिन अंधेरे के कारण वह भी साफ-साफ नहीं दिख पाता है.

patna news
आश्रम में जानकारी के लिए लगा बोर्ड

बिहार की धरती पर कई बार आए बापू
बिहार की धरती पर महात्मा गांधी को चंपारण आंदोलन से एक नई पहचान मिली थी. गांधी जी पटना और बिहार चंपारण आंदोलन के दौरान 1917-18 में कई बार आए, 1920 में असहयोग आंदोलन के दौरान भी गांधी जी पटना आए थे. 1921 में बिहार विद्यापीठ की स्थापना के लिए भी गांधी जी पटना आए थे. 1925 में कोलकाता जाने के दौरान पटना आए थे. बापू ने सितंबर 1925 में खुदा बख्श लाइब्रेरी और मंगल तालाब का दौरा किया था. अक्टूबर 1925 में बापू भागलपुर भी आए और उसके बाद कई जगहों का बिहार में दौरा किया. लेकिन सबसे ज्यादा समय तक बापू गांधी आश्रम में ही रहे.

patna news
एएन सिंहा इंस्टिट्यूट

सरकार की उपेक्षा का शिकार गांधी आश्रम
एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट के ठीक बगल में गांधी संग्रहालय है. जिसमें गांधी जी की कई यादें संजो कर रखी गई हैं. गांधी संग्रहालय के इंचार्ज रजी अहमद कई बार गांधी आश्रम को गांधी संग्रहालय से जोड़ने की मांग करते रहे, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसी कारण बापू का यह महत्वपूर्ण निवास स्थल चर्चा में नहीं आया. यह स्थल अभी तक उपेक्षित है.

patna news
आश्रम में प्रदर्शनी के लिए लगा डाक टिकट
Intro:पटना-- महात्मा गांधी का बिहार से विशेष संबंध रहा है । चंपारण आंदोलन से लेकर पटना के गांधी आश्रम तक बापू कि कई स्मृतियां शेष है। खासकर राजधानी पटना का गांधी आश्रम जो पहले कभी सैयद महमूद का आवास था । सैयद महमूद उस समय के शिक्षा मंत्री हुआ करते थे उनके आवास में गांधीजी 1947 तक 126 दिनों तक रहे हैं 1947 में 40 दिन लगातार रहे जब बिहार में दंगा शुरू हो गया था और दंगा समाप्त कराने के बाद ही गांधीजी पटना से वापस गए। 2017 में सैयद महमूद के आवास पर नीतीश कुमार की नजर पड़ी और इसका जीर्णोद्धार कराया गया, इसे गांधी आश्रम नाम दिया गया।
देखिये खास रिपोर्ट---


Body:गांधी आश्रम एन सिन्हा इंस्टिट्यूट परिसर में है और एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के ऊपर इसकी देखरेख की जिम्मेवारी है। गांधी आश्रम के नाम से सैयद महमूद के आवास का जीर्णोद्धार तो किया गया लेकिन आज भी आवास में कई जगह से बरसात का पानी पसीज रहा है। आवास की बिजली भी कटी हुई है। गांधी जी के महत्वपूर्ण तिथियों और कार्यक्रम के मौके पर इस आवास का ताला खुलता है । लोगों को जानकारी नहीं है और इसके कारण ही लोग यहां आते भी नहीं है। देखने के लिए भी यहां कुछ खास नहीं है बापू का कुछ पोस्टर और उनके नाम पर जारी डाक टिकट प्रदर्शनी के तौर पर रखा गया है लेकिन अंधेरे के कारण वह भी साफ-साफ दिख नहीं पा रहा। सबसे अधिक गांधीजी 1947 में जब यहां आए तो लगातार 40 दिन रहे थे उसमें पूरे देश में दंगा हो रहा था बिहार में भी कई जगह दंगा शुरू था तो गांधीजी दंगा समाप्त कराने ही यहां पहुंचे थे प्रतिदिन गांधी मैदान जो कुछ मीटर की दूरी पर ही इस आश्रम से है, वहां शाम में जाकर प्रार्थना सभा करते थे लगातार शांति समिति की बैठक भी यही करते थे। डॉ राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिंह सरीखे बिहार के दिग्गज नेता उनके साथ लगातार बैठकें करते।
इसी आवास पर गांधी जी ने खान अब्दुल गफ्फार खान को भी बुलाया था। बिहार में गांधीजी का सबसे अधिक दिन निवास स्थल गांधी आश्रम ही है। गांधीजी 1917 से बिहार आना शुरू किए ।


Conclusion:चंपारण आंदोलन से उन्हें एक नई पहचान मिली।गांधीजी पटना और बिहार चंपारण आंदोलन के दौरान 2017 18 में कई बार आए, 1920 में असहयोग आंदोलन के दौरान भी गांधीजी पटना आए थे । 1921 में बिहार विद्यापीठ की स्थापना के लिए भी गांधीजी पटना आए थे 1925 में कोलकाता जाने के दौरान पटना आए थे सितंबर 1925 में खुदा बख्श लाइब्रेरी और मंगल तालाब का दौरा किया था। अक्टूबर 1925 में बापू भागलपुर भी आए और उसके बाद कई जगह का बिहार में दौरा किया । लेकिन सबसे ज्यादा बापू गांधी आश्रम में ही निवास किए।
ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के ठीक बगल में गांधी संग्रहालय भी है जिसमें गांधी जी की कई यादें सजो कर रखी गई है गांधी संग्रहालय के इंचार्ज रजी अहमद कई बार गांधी आश्रम को गांधी संग्रहालय से जोड़ने की मांग करते रहे लेकिन सरकार ने नहीं दिया और उसके कारण ही बापू का यह महत्वपूर्ण निवास स्थल चर्चा में नहीं आया और एक तरह से उपेक्षित भी रहा है।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Oct 2, 2019, 7:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.