पटनाः पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर रविवार की शाम दिल्ली से पटना पहुंचा. उनके आवास राजा बाजार स्थिति कौटिल्य नगर में कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. सोमवार को रघुवंश बाबू का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव हसनपुर में किया जाएगा.
रघुवंश प्रसाद सिंह के बेटे राजेश सिंह ने बताया कि पैतृक गांव हसनपुर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
रघुवंश बाबू की अंतिम यात्रा का Live अपडेट्स:
- नम आंखों से लोगों ने दी विदाई
- वैशाली में अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी लोगों की भीड़
- नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी जाएंगे महनार
- बिहार सरकार के 5 मंत्रियों के जाने की भी मिल रही है सूचना
- रघुवंश बाबू के अंतिम संस्कार में होंगे शामिल
- रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर पटना से पहुंचा हाजीपुर
- हाजीपुर के अंजानपीर चौक पर दी गई श्रद्धांजलि
- वैशाली विधायक राज किशोर सिंह और लालगंज विधायक राजकुमार साह ने भी दी श्रद्धांजलि
- हाजीपुर से पार्थिव शरीर लालगंज होते हुए पहुंचेगा वैशाली
- वैशाली से अलग-अलग चौक चौराहों पर रोकते हुए पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास महनार शाहपुर पहुंचेगा
- शाहपुर में अंतिम दर्शनों के बाद महनार के हसनपुर घाट पर होगा रघुवंश प्रसाद सिंह का अंतिम संस्कार
- वैशाली के हसनपुर घाट पर होगा अंतिम संस्कार
- रघुवंश बाबू का पार्थिव शरीर पटना से उनके पैतृक गांव हसनपुर के लिए रवाना.
- आरजेडी के एमएलसी सुबोध राय ने रघुवंश बाबू को दी श्रद्धांजलि.
- जाप प्रमुख पप्पू यादव ने रघुवंश बाबू को दी श्रद्धांजलि.
- राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
रघुवंश प्रसाद सिंह की अंतिम यात्रा का कार्यक्रम
- पटना आवास से 7 बजे वैशाली गढ़ के लिए प्रस्थान (वैशाली गढ़ पर 9.30 बजे आमजनों के दर्शन के लिए)
वाया- जे पी सेतु, अंजनपीर चौक (हाजीपुर), लालगंज मार्ग होते हुए वैशाली गढ़
- 2. वैशाली गढ़ से 9.40 बजे शाहपुर के लिए प्रस्थान (शाहपुर में 1 घंटा लोगों के दर्शन के लिए)
वाया- चहुमुखी महादेव कन्या चौक, भगवानपुर, पटेढ़ी, बेलसर, गोरौल, भगवानपुर, इमादपुर,मगरू चौक, अब्दुलपुर चौक, लक्षणपुर चौक होते हुए, खोपी गुरु चौक से पुनः सलहा महनार रोड
- 3. हसनपुर घाट के लिए 1.30 बजे प्रस्थान व अंतिम संस्कार
मांगों को किया जाएगा पूरा
रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने सरकार से तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा करने की मांग की है. नरेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रघुवंश बाबू ने जो चिट्ठी लिखी थी उसमें किए गए मांगों को पूरा किया जाएगा.
"रघुवंश बाबू विरले स्वभाव के नेता थे. उनके जाने से देश को अपूर्णीय क्षति हुई है. वे हमेशा समाज और राज्य हित की बात करते थे. उन्होंने आरजेडी नेतृत्व के तानाशाही रवैये के खिलाफ हमेशा मुखर होकर आवाज बुलंद की. रघुवंश बाबू के इतने साल के राजनीतिक करियर में कभी कोई दाग नहीं लगा."
-नरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री
रविवार को हुआ निधन
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के एक बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को निधन हो गया. वो इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती थे. तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उनका निधन हो गया. वो 74 साल के थे.
फेफड़े में इंफेक्शन की थी शिकायत
रघुवंश बाबू पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हो गए थे. वो फेफड़े में इंफेक्शन से जूझ रहे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें शुक्रवार से वेंटीलेटर पर रखा गया था. उन्हें करीब एक सप्ताह पहले एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. उन्हें जून के महीने में कोरोना संक्रमण हुआ था जिसके बाद भी उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. तब वो ठीक हो गए थे.
हाल ही में उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दिया था. उन्होंने एम्स से ही अपना इस्तीफा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को लिखा था. हालांकि लालू प्रसाद ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था. और कहा था कि वो कहीं नहीं जा रहे. इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार को भी पत्र लिखा था. कयास लगाए जा रहे थे कि वो जल्द ही जेडीयू का दामन थामेंगे. रघुवंश प्रसाद का जन्म वैशाली में 6 जून 1946 में हुआ था. वो 74 साल के थे.