पटना: हरियाणा के अगवा कारोबारी को बिहार पुलिस ने पटना जंक्शन से सकुशल बरामद कर लिया है. अपहृत कारोबारी के साथ उनके तीन साथी भी बदमाशों के चंगुल में फंसे थे. जैसे ही पुलिस को अगवा होने की सूचना मिली, वो तुरंत हरकत में आई और कार्रवाई करते हुए कारोबारी को छुड़ाया.
साथ ही पुलिस ने इस केस में 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगने वाले 2 बदमाशों को भी गिरफ्तार किया है. हालांकि कार्रवाई के दौरान 2 आरोपी भागने में कामयाब रहे. पुलिस ने कारोबारी के तीनों साथियों को भी छुड़ा लिया.
ऐसे रची गई अपहरण की साजिश
अगवा हुए कारोबारी ने बताया कि वो व्यापार के सिलसिले में मधुबनी जा रहे थे. जब वो लोग छपरा में रुके हुए थे उसी दौरान फेसबुक फ्रैंड हरीभूषण और मुन्ना से बात हुई. वो उन्हें अपने घर ले गए. उस समय उन्हें पता भी नहीं चला कि वे सभी अगवा हो चुके हैं. दूसरे दिन जब उन्हें खेतों के रास्ते ले जाने लगे तो बदमाशों ने बंदूक की नोंक पर 1 करोड़ रुपए की डिमांड की. फिरौती की रकम नहीं देने पर सभी की किडनी निकलाकर बेचने की धमकी दी गई.
Facebook फ्रेंड ने 'फंसाया' WhatsApp ने छुड़ाया
अगवा हुए कारोबारी ने बताया कि उसने मौका देखकर ड्राइवर के WhatsApp पर फंस जाने का मैसेज छोड़ दिया. ड्राइवर ने ही फोन करके फुलवारीशरीफ पुलिस को हमारी मदद के लिए भेजा. बदमाशों के चंगुल से छूटते ही कारोबारी और उनके दोस्तों ने पटना पुलिस का शुक्रिया अदा किया.
2 आरोपी गिरफ्तार, 2 फरार
पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान हो चुकी है. दोनों छपरा के रहने वाले हैं. एक कोपा समहौता का सुभय कुमार है और दूसरा मजलिसपुर का रहने वाला गुड्डू सिंह. बाकी दो आरोपी विकास कुमार और रमण कुमार भागने में कामयाब रहे.
कारोबारी के अगवा साथियों तक पहुंची मदद
हरियाणा के कारोबारी ने पटना पुलिस को बताया कि उनके तीन और साथी आरोपियों के कब्जे में हैं, पटना पुलिस ने छपरा के कोपा थाने की मदद से बरामद कर लिया. तीन में से दो दिल्ली के रहने वाले है जबकि एक हरियाणा के सोनीपत का निवासी है.
कार भी बरामद, लेकिन कैश नदारद
पुलिस ने उस कार को भी बरामद कर लिया है जिसे बदमाशों ने लूट लिया था. हालाकि कार में रखे 3 लाख 80 हजार रुपयों के बारे में अभी तक पता नहीं चल सका है, और न ही कारोबारी का मोबाइल बरामद हुआ है. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. फरार हुए बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी जारी है.
फेसबुक फ्रैंड बनकर जिस तरह से अपहरण की साजिश रची गई वो तरीका हैरान करने वाला है. पुलिस भी इस कहानी को सुनकर दंग है. फेसबुक हो या फिर कोई और सोशल प्लेटफॉर्म, दोस्ती करें लेकिन साथ में एहतियात भी बरतें. क्योंकि हर किसी की किस्मत सुधीर की तरह नहीं होती.