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आंकड़ों के जरिए समझिए सच्चाई: कोरोना वैक्सीन ने बिगाड़ा स्वास्थ्य बजट

बिहार में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दिए जाने की हरी झंडी मिल चुकी है. सरकार में बैठे लोग अब वित्तीय व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं. स्वास्थ्य विभाग लगातार इस बात पर मंथन कर रहा है. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना
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Published : Apr 22, 2021, 9:24 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 9:56 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग को तेज कर दिया है. प्रदेश में 18 साल से 49 साल के बीच के लोगों को वैक्सीन दिया जाना है. बिहार सरकार ने इसके लिए हरी झंडी भी दे दी है. कुल 5 करोड़ 30 लाख लोग इस दायरे में आएंगे, जिन्हें एक मई से वैक्सीन दिया जाना है. बिहार में 18 से 23 वर्ष के युवाओं की संख्या लगभग एक करोड़ से अधिक है. सरकार के सामने चुनौती इस बात की है कि लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए वित्तीय प्रबंध कैसे होंगे.

ये भी पढ़ें- बिहार सरकार का बड़ा फैसला: 18 साल से ज्यादा की उम्र वालों को मुफ्त में लगेगी वैक्सीन

मुफ्त टीके से बिगड़ा बजट!
साल 2021-22 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 13 हजार 264 करोड़ का है, जिसमें 6900 करोड़ योजना मद में और 6300 करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाते हैं. बिहार सरकार अगर जरूरतमंदों को वैक्सीन दे देती है, तो वैसी स्थिति में सरकार के पास मात्र 2600 करोड़ रुपए बचे रह जाएंगे. लोगों को वैक्सीन देने में 4200 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

रामानुज प्रसाद, प्रवक्ता, राजद
रामानुज प्रसाद, प्रवक्ता, राजद

कैसे होगा वित्तीय प्रबंधन ?
अगर सभी जरूरतमंदों को वैक्सीन दे दी गई, तो स्वास्थ्य विभाग के बजट का बड़ा हिस्सा लोगों को वैक्सीन देने में ही निकल जाएगा. ऐसे में वैक्सीनेशन के लिए वित्तीय व्यवस्था कैसे की जाएगी. संभव है कि सरकार या तो कर्ज लेगी या फिर दूसरे विभाग के फंड डाइवर्ट किए जाएंगे. बिहार की मुख्य विपक्षी दल राजद भी मानती है कि वैक्सीनेशन को और तेज करना चाहिए.

''बिहार सरकार को वैक्सीनेशन की गति बढ़ानी चाहिए. केंद्र से अगर सहयोग लेना हो तो उसके लिए भी हम सरकार का साथ देंगे. जरूरत पड़े तो दूसरे मद से भी बजट का प्रावधान किया जाए''- रामानुज प्रसाद, प्रवक्ता, राजद

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

''वैक्सीनेशन को लेकर मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिल चुकी है. जरूरतमंदों को वैक्सीन दी जाएगी, इसके लिए सरकार काम कर रही है. बजट को लेकर भी मंथन चल रहा है और सरकार के पास इतने संसाधन है कि हम सभी लोगों को वैक्सीन दे देंगे''- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

वित्तीय व्यवस्था को लेकर बढ़ी चिंता
बिहार के बजट का आकार छोटा है और यहां 18 से 49 साल के आयु वर्ग के लोगों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा है. इसलिए राज्य सरकार को अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा वैक्सीन की खरीद पर खर्च करना होगा. जो प्रतिशत के मामले में किसी भी अन्य सरकार की तुलना में ज्यादा होगा. बिहार सरकार को वैक्सीन की खरीद पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करना होगा.

ये भी पढ़ें- नीतीश की घोषणा पर तेजस्वी ने कहा शुक्रिया, देर आए दुरुस्त आए

सीएम ने लिया था फ्री वैक्सीन का फैसला
बता दें कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के विकराल होने के बीच सरकार ने मुफ्त टीकाकरण का बड़ा फैसला लिया था. 1 मई से अब देश में 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुआ था. इसके बाद बुधवार को सीएम नीतीश ने ट्वीट कर कहा कि 18 वर्ष और इससे ऊपर के सभी बिहार वासियों का मुफ्त टीकाकरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.

पटना: बिहार सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग को तेज कर दिया है. प्रदेश में 18 साल से 49 साल के बीच के लोगों को वैक्सीन दिया जाना है. बिहार सरकार ने इसके लिए हरी झंडी भी दे दी है. कुल 5 करोड़ 30 लाख लोग इस दायरे में आएंगे, जिन्हें एक मई से वैक्सीन दिया जाना है. बिहार में 18 से 23 वर्ष के युवाओं की संख्या लगभग एक करोड़ से अधिक है. सरकार के सामने चुनौती इस बात की है कि लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए वित्तीय प्रबंध कैसे होंगे.

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मुफ्त टीके से बिगड़ा बजट!
साल 2021-22 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 13 हजार 264 करोड़ का है, जिसमें 6900 करोड़ योजना मद में और 6300 करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाते हैं. बिहार सरकार अगर जरूरतमंदों को वैक्सीन दे देती है, तो वैसी स्थिति में सरकार के पास मात्र 2600 करोड़ रुपए बचे रह जाएंगे. लोगों को वैक्सीन देने में 4200 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

रामानुज प्रसाद, प्रवक्ता, राजद
रामानुज प्रसाद, प्रवक्ता, राजद

कैसे होगा वित्तीय प्रबंधन ?
अगर सभी जरूरतमंदों को वैक्सीन दे दी गई, तो स्वास्थ्य विभाग के बजट का बड़ा हिस्सा लोगों को वैक्सीन देने में ही निकल जाएगा. ऐसे में वैक्सीनेशन के लिए वित्तीय व्यवस्था कैसे की जाएगी. संभव है कि सरकार या तो कर्ज लेगी या फिर दूसरे विभाग के फंड डाइवर्ट किए जाएंगे. बिहार की मुख्य विपक्षी दल राजद भी मानती है कि वैक्सीनेशन को और तेज करना चाहिए.

''बिहार सरकार को वैक्सीनेशन की गति बढ़ानी चाहिए. केंद्र से अगर सहयोग लेना हो तो उसके लिए भी हम सरकार का साथ देंगे. जरूरत पड़े तो दूसरे मद से भी बजट का प्रावधान किया जाए''- रामानुज प्रसाद, प्रवक्ता, राजद

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''वैक्सीनेशन को लेकर मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिल चुकी है. जरूरतमंदों को वैक्सीन दी जाएगी, इसके लिए सरकार काम कर रही है. बजट को लेकर भी मंथन चल रहा है और सरकार के पास इतने संसाधन है कि हम सभी लोगों को वैक्सीन दे देंगे''- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

वित्तीय व्यवस्था को लेकर बढ़ी चिंता
बिहार के बजट का आकार छोटा है और यहां 18 से 49 साल के आयु वर्ग के लोगों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा है. इसलिए राज्य सरकार को अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा वैक्सीन की खरीद पर खर्च करना होगा. जो प्रतिशत के मामले में किसी भी अन्य सरकार की तुलना में ज्यादा होगा. बिहार सरकार को वैक्सीन की खरीद पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करना होगा.

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सीएम ने लिया था फ्री वैक्सीन का फैसला
बता दें कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के विकराल होने के बीच सरकार ने मुफ्त टीकाकरण का बड़ा फैसला लिया था. 1 मई से अब देश में 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुआ था. इसके बाद बुधवार को सीएम नीतीश ने ट्वीट कर कहा कि 18 वर्ष और इससे ऊपर के सभी बिहार वासियों का मुफ्त टीकाकरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.

Last Updated : Apr 22, 2021, 9:56 PM IST
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