पटना: बिहार की 400 से ज्यादा पंचायतों में 20 हजार से ज्यादा प्राथमिक शिक्षक नियोजन (Shikshak Niyojan) के लिए हुई काउंसलिंग (Counseling) में 40 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रह गई. शिक्षा विभाग (Education Department) से मिली जानकारी के मुताबिक 12 जुलाई को 38 जिलों में 20,803 पदों पर नियोजन के लिए काउंसलिंग हुई, जिसमें 8594 पद खाली रह गए.
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इस दौरान बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े (Fraudulent) की आशंका के कारण कई पंचायत नियोजन इकाइयों में काउंसलिंग रद्द (Counseling Canceled) कर दी गई है. कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई पंचायत सेवकों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
दरअसल, 5 जुलाई से 12 जुलाई तक बिहार में 90,762 प्राथमिक शिक्षक के पदों पर नियोजन की प्रक्रिया के तहत काउंसलिंग हुई. 5 से 12 जुलाई के बीच सिर्फ उन्हीं पंचायत प्रखंड और नगर निकाय में काउंसलिंग हुई है, जहां किसी नये दिव्यांग अभ्यर्थी ने आवेदन नहीं किया है. 12 जुलाई को सबसे ज्यादा 20803 पदों पर नियोजन के लिए 38 जिलों में काउंसलिंग हुई, लेकिन इनमें भी 8594 शिक्षकों के पद खाली रह गए हैं.
कक्षा 1 से 5 तक के लिए शिक्षक नियोजन के तहत हुई काउंसलिंग में 12,209 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र जमा हुए हैं. कुल मिलाकर राज्य की 4412 पंचायत नियोजन इकाइयों में काउंसिलिंग हुई. शिक्षा विभाग से मिली विस्तृत जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 706 पद, अररिया में 757 में से 446, गया में 1156 में से 463, दरभंगा में 360 में से 413, औरंगाबाद में 1137 में से 468 और पूर्वी चंपारण में 907 में से 503 पद खाली रह गए.
बता दें कि जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हो चुकी है, उन अभ्यर्थियों की पूरी लिस्ट हर जिले की एनआईसी की वेबसाइट पर इसी हफ्ते प्रकाशित की जाएगी. पंचायत नियोजन इकाइयों से बड़ी संख्या में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई भी की है. मुजफ्फरपुर के पारू और गायघाट, मधुबनी के बिस्फी, भोजपुर के सकड्डी और कुल्हड़िया समेत कई पंचायत नियोजन इकाइयों ने जमकर धांधली की है. इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को अभ्यर्थियों ने दी है.
शिक्षा विभाग की ओर से जांच कराई जा रही है. पारू और कई अन्य नियोजन इकाइयों की काउंसलिंग तो 12 जुलाई को ही रद्द कर दी गई थी. जानकारी के मुताबिक फर्जी सर्टिफिकेट पर काउंसलिंग कराने पहुंचे दो दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है.
शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक कुल 1000 से भी ज्यादा शिकायत मिली है, जिसकी जांच चल रही है. शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि फर्जी अभ्यर्थी और फर्जीवाड़े में शामिल पंचायत नियोजन इकाई के पंचायत सचिव समेत अन्य अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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