पटना: राजधानी पटना में आर्थिक अपराध इकाई ने फर्जी हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश को गिरफ्तार (Fake Chief Justice Of Patna) किया है. बताया जाता है कि फर्जी चीफ जस्टिस बनकर युवक ने डीजीपी को निर्देश जारी किया था कि बीते दिनों हुए गया एसएसपी पर कार्रवाई को बंद कर उन्हें क्लीनचिट दिया जाए. जिसके बाद डीजीपी ने उस अधिकारी को क्लीनचिट तक दे दिया. अब इस बात का खुलासा होने के बाद उक्त एसएसपी की गिरफ्तारी (Former Gaya SSP Arrest) की बात कही जा रही है.
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पूर्व गया एसएसपी पर गिरफ्तारी का लटका तलवार: दरअसल यह मामला पटना हाईकोर्ट से जुड़ा हुआ है. जहां एक फर्जी व्यक्ति ने मुख्य न्यायाधीश बनकर राज्य के डीजीपी को निर्देश जारी किया कि बीते दिनों हुए गया एसएसपी पर कार्रवाई पर दोषमुक्त करते हुए उन्हें क्लीनचिट दिया जाए. इस पूरे मामले पर सीएमओ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले की जांच इओयू को सौंप दिया. जिसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर इओयू की टीम ने फर्जी चीफ जस्टिस अभिषेक गोलकिया को गिरफ्तार किया है. इसके बाद पूछताछ कर मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.
फर्जी चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी को निर्देश देने वाले अभिषेक गोलकिया से पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे सामने आए हैं. इस मामले पर विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गया के पूर्व आईपीएस अधिकारी पर चल रही कार्रवाई पर बिहार के डीजीपी और सीएमओ को फर्जी तरीके से राहत देने का निर्देश दिया गया था. जिसके बाद बिना कोई जांच पड़ताल के डीजीपी ने गया के पूर्व आईपीएस अधिकारी को क्लीन चिट तक दे दिया. मिल रही जानकारी के अनुसार गया के पूर्व आईपीएस अधिकारी जो वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित हैं. वो इस कार्रवाई के बाद फरार हो गए हैं. हालांकि इस बात की पुष्टि आर्थिक अपराध इकाई ने नहीं की है.
गौरतलब हो कि जिस गया के पूर्व आईपीएस पर विगत कुछ दिन पहले से विभागीय कार्रवाई चल रही थी. उसी कार्रवाई में रिलीज करने का निर्देश दिया गया था. जिसके बाद डीजीपी ने इस आदेश के बाद उक्त अधिकारी को क्लीन चिट दिया गया था. अब इस पूरे मामले की जांच पड़ताल के बाद पूर्व एसएसपी गया और वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित अफसर पर गिरफ्तारी की कोशिशें जारी है. साथ ही मामले की छानबीन जारी है.