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पटना दौरे पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पटना साहिब गुरुद्वारा में टेका मथा - Etv Bharat Bihar

भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को श्री हरमंदिर पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचे. जहां उन्होंने अपने परिवारों के साथ माथा टेका. इस दौरान प्रबंधक कमेटी की ओर से सम्मानित किया गया. जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने सरोपा भी भेंट किया. देखें वीडियो...

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे पटना
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे पटना
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Published : Dec 3, 2022, 1:45 PM IST

पटनाः पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Former President Ramnath Kovind) शनिवार को पटना पहुंचे. जहां हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सभी परिवार श्री हरमंदिर पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंच कर माथा टेका. प्रबंधक कमेटी की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया. मौके पर जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने सरोपा भेंट किया.

यह भी पढ़ेंः पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाबोधि मंदिर में की पूजा-अर्चना

देश में सुख-शांति की कामनाः इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुरु महाराज की असीम कृपा है हमपर, क्योंकि बिहार के राज्यपाल बनने से लेकर देश के राष्ट्रपति बनने तक हमें गुरु महाराज का यश प्राप्त हुआ है. आज भी हम पूरा परिवार गुरु महाराज के दरबार में हाजिर होकर मत्था टेक देश में सुख-शांति व समृद्धि की कामना की.

बोधगया भी गए थे रामनाथ कोविंदः शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोधगया में इंटरनेशनल त्रिपिटक पूजा का शुभारंभ किया था. बता दें कि बोधगया में त्रिपिटक पूजा में 10 देशों के करीब 4000 बौद्ध अनुयाई शामिल हुए हैं. पूजा को लेकर पूरा माहौल खुशनुमा हो गया है. रामनाथ कोविंद ने बौद्ध अनुयाई भी मुलाकात कर हाल चाल जाना. साथ ही किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं हो रही है इसकी भी जानकारी ली.

4000 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुएः बता दें कि इंटरनेशनल त्रिपिटक पूजा का कार्यक्रम कालचक्र मैदान में हो रहा है. इसी दौरान समारोह का उद्घाटन भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया है. पूर्व राष्ट्रपति अपराह्न 12:00 बजे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा गया पहुंचे. वे लगभग 1:30 बजे 17वां इंटरनेशनल त्रिपिटक चैटिंग सेरिमनी में शामिल हुए. चैटिंग समारोह में अलग-अलग देशों के भिक्षु व श्रद्धालु सूत्त पिटक का जाप करते हैं.

शनिवार को सुत्तपाठ होगाः 3 दिसंबर से दो सत्रों में प्रातः 07 बजे से 11 बजे व पूर्वाह्न 01:30 बजे से 05 बजे तक सुत्तपाठ होगा. सांय 06 से नौ बजे तक धम्म चर्चा होगा. आम्रवन तक पदयात्रा कालचक्र मैदान पर 10 हजार वर्गफीट का पंडाल बनाया गया है. जहां बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था रहेगी. वांगमो डिक्सी ने बताया कि सूत्रपाठ के बाद 13 दिसंबर को बोधगया से जेठियन घाटी व वहां से राजगीर के आम्रवन तक की पदयात्रा होगी.

पटनाः पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Former President Ramnath Kovind) शनिवार को पटना पहुंचे. जहां हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सभी परिवार श्री हरमंदिर पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंच कर माथा टेका. प्रबंधक कमेटी की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया. मौके पर जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने सरोपा भेंट किया.

यह भी पढ़ेंः पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाबोधि मंदिर में की पूजा-अर्चना

देश में सुख-शांति की कामनाः इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुरु महाराज की असीम कृपा है हमपर, क्योंकि बिहार के राज्यपाल बनने से लेकर देश के राष्ट्रपति बनने तक हमें गुरु महाराज का यश प्राप्त हुआ है. आज भी हम पूरा परिवार गुरु महाराज के दरबार में हाजिर होकर मत्था टेक देश में सुख-शांति व समृद्धि की कामना की.

बोधगया भी गए थे रामनाथ कोविंदः शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोधगया में इंटरनेशनल त्रिपिटक पूजा का शुभारंभ किया था. बता दें कि बोधगया में त्रिपिटक पूजा में 10 देशों के करीब 4000 बौद्ध अनुयाई शामिल हुए हैं. पूजा को लेकर पूरा माहौल खुशनुमा हो गया है. रामनाथ कोविंद ने बौद्ध अनुयाई भी मुलाकात कर हाल चाल जाना. साथ ही किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं हो रही है इसकी भी जानकारी ली.

4000 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुएः बता दें कि इंटरनेशनल त्रिपिटक पूजा का कार्यक्रम कालचक्र मैदान में हो रहा है. इसी दौरान समारोह का उद्घाटन भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया है. पूर्व राष्ट्रपति अपराह्न 12:00 बजे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा गया पहुंचे. वे लगभग 1:30 बजे 17वां इंटरनेशनल त्रिपिटक चैटिंग सेरिमनी में शामिल हुए. चैटिंग समारोह में अलग-अलग देशों के भिक्षु व श्रद्धालु सूत्त पिटक का जाप करते हैं.

शनिवार को सुत्तपाठ होगाः 3 दिसंबर से दो सत्रों में प्रातः 07 बजे से 11 बजे व पूर्वाह्न 01:30 बजे से 05 बजे तक सुत्तपाठ होगा. सांय 06 से नौ बजे तक धम्म चर्चा होगा. आम्रवन तक पदयात्रा कालचक्र मैदान पर 10 हजार वर्गफीट का पंडाल बनाया गया है. जहां बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था रहेगी. वांगमो डिक्सी ने बताया कि सूत्रपाठ के बाद 13 दिसंबर को बोधगया से जेठियन घाटी व वहां से राजगीर के आम्रवन तक की पदयात्रा होगी.

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