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धरने पर बैठे जीतन राम मांझी, बोले- क्वारंटीन सेंटर की आड़ में हुआ घोटाला

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया. इस दौरान उन्होंने सरकार के मजदूर और गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

धरने पर बैठे जीतन राम मांझी
धरने पर बैठे जीतन राम मांझी
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Published : Jun 3, 2020, 12:54 PM IST

पटना: बुधवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे नजर आए. उन्होंने राज्य सरकार की नीति के खिलाफ गुस्सा जताया. इस दौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार सरकार ने दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया है. बिहार में क्वारंटीन सेंटर के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है.

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बिहार आए प्रवासी मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. क्वारंटीन सेंटरों पर उन्हें मुकम्मल सुविधाएं नहीं मिली. खर्च कुछ हुआ और बिल कुछ और पास किया गया है. निश्चित तौर पर इसकी जांच सरकार को करनी चाहिए.

देखें पूरी रिपोर्ट

गरीब प्रवासियों को दिया जाए रोजगार
धरने पर बैठे हम प्रमुख ने कहा कि सरकार कह रही है कि मनरेगा में मजदूर को रोजगार दिया जा रहा है. सरकार का ये दावा गलत है. जिस तरह मनरेगा के मास्टर रोल बनाये जा रहे हैं इससे काम कम मजदूर को मिल रहा है, डेटा ज्यादा दिखाया जा रहा है. उन्होंने इसकी भी जांच की मांग की.

patna
अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे जीतन राम मांझी

'हर गरीब को मिले सरकारी मदद'
मांझी ने आरोप लगाया कि गरीब और मजदूरों की मदद के लिए सरकार जो घोषणाएं कर रही है सब कागजों में ही है. मजदूर या गरीब आदमी को कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि हम लगातार मांग करते हैं कि गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों को राशन कार्ड नहीं भी रहने पर 1000 रुपये की मदद और राशन की सहायता भी सरकार की ओर से मिलनी चाहिए.

पटना: बुधवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे नजर आए. उन्होंने राज्य सरकार की नीति के खिलाफ गुस्सा जताया. इस दौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार सरकार ने दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया है. बिहार में क्वारंटीन सेंटर के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है.

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बिहार आए प्रवासी मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. क्वारंटीन सेंटरों पर उन्हें मुकम्मल सुविधाएं नहीं मिली. खर्च कुछ हुआ और बिल कुछ और पास किया गया है. निश्चित तौर पर इसकी जांच सरकार को करनी चाहिए.

देखें पूरी रिपोर्ट

गरीब प्रवासियों को दिया जाए रोजगार
धरने पर बैठे हम प्रमुख ने कहा कि सरकार कह रही है कि मनरेगा में मजदूर को रोजगार दिया जा रहा है. सरकार का ये दावा गलत है. जिस तरह मनरेगा के मास्टर रोल बनाये जा रहे हैं इससे काम कम मजदूर को मिल रहा है, डेटा ज्यादा दिखाया जा रहा है. उन्होंने इसकी भी जांच की मांग की.

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अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे जीतन राम मांझी

'हर गरीब को मिले सरकारी मदद'
मांझी ने आरोप लगाया कि गरीब और मजदूरों की मदद के लिए सरकार जो घोषणाएं कर रही है सब कागजों में ही है. मजदूर या गरीब आदमी को कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि हम लगातार मांग करते हैं कि गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों को राशन कार्ड नहीं भी रहने पर 1000 रुपये की मदद और राशन की सहायता भी सरकार की ओर से मिलनी चाहिए.

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