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जीतन राम मांझी ने मान लिया NDA में अतर्द्वन्द, कहा- 'आपस में सलाह मशविरा जरूरी'

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सोमवार को (former CM Jitan Ram Manjhi in pushkar ajmer) पुष्कर आए. इस दौरान उन्होेंने ब्रह्मा मंदिर का परिवार समेत दर्शन किया. पत्रकारों से बातचीत ने उन्होंने कहा कि एनडीए में काफी अंतर्द्वंद्व चल रहा है. ऐसे में आपस में मशविरा करना जरूरी है.

जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी
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Published : May 23, 2022, 10:35 PM IST

पटना/अजमेर : बिहार के एनडीए गठबंधन में अंतर्द्वन्द चल रहा है. ऐसे में आपसी राय मशविरा जरूरी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने ये बात कही. वह अपनी अजमेर यात्रा के दौरान परिवार सहित तीर्थ नगरी पुष्कर (former CM Jitan Ram Manjhi in pushkar ajmer) पहुंचे थे. यहां वह अपने परिवार के साथ पुष्कर सरोवर की पूजा-अर्चना में शामिल हुए.

ये भी पढ़ें- जीतन राम मांझी की सलाह- 'नीतीश कुमार और बीजेपी घाटे का सौदा ना करें'

पुष्कर सरोवर पर मांझी परिवार को स्थानीय तीर्थ पुरोहित बाबूलाल ने सरोवर की पूजा-अर्चना करवाई. वहीं जीतन राम मांझी ऊंचीं सीढ़ियों के चलते जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन नहीं कर पाए. इसके चलते पुजारी वैभव वशिष्ठ ने मंदिर के बाहर पहुंचकर मांझी का सम्मान किया और उन्हें जगतपिता ब्रह्मा मंदिर का प्रसाद दिया. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने बताया कि अब तक राज्यसभा के चुनाव के लिए एनडीए में सीटों का निर्णय हो जाना चाहिए था.

फिलहाल दो भाजपा को दो राजद और 1 जेडीयू को सीटों का बंटवारा हुआ है जिनमें से 3 सीटों पर एनडीए की जीत का अनुमान है. ऐसे में गठबंधन में उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए जाने चाहिए थे. अभी तक नाम तय नहीं होने के चलते लगता है कि एनडीए में अंतर्द्वंद है. गठबंधन में राय मशविरा कर निर्णय ले लिया जाना चाहिए था. गठबंधन के बने रहने के सवाल पर मांझी ने कहा कि हर संगठन में मत अंतर हो सकता है लेकिन मतभेद नहीं होता.

बिहार में एनडीए की सरकार है और 2025 तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चलेगी. मांझी ने कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं है. कल क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता. फिलहाल बिहार का एनडीए गठबंधन मजबूत स्थिति में है. गौरतलब है कि हाल ही में मांझी के एनडीए में लोकतंत्र की कमी पर दिए गए बयान को लेकर बिहार की सियासत में उबाल आ रखा है. राज्यसभा की 1 सीट की मांग उठाने वाले मांझी ने भले ही सीट नहीं मिलने पर नाराजगी नहीं जताई हो, लेकिन एनडीए के अंतर्द्वंद पर दिए बयान को उनके नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है.

बता दें कि जीतन राम मांझी ने पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्‍तों पर कही बड़ी बात (statement on Nitish Kumar and BJP Relationship) कही थी. वहीं जदयू और भाजपा के बीच राजनीतिक उठापटक के कयासों के बीच सीएम नीतीश कुमार की ओर से बिहार में जातीय जनगणना को लेकर गतिविधि तेज हो गई है. नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बताया कि बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार इसको लेकर 27 मई को सर्वदलीय बैठक करने वाले (all party meeting on caste census) हैं. हमें उम्मीद है कि सभी दल इस मुद्दे पर सरकार के साथ रहेंगे. हालांकि पहले भी सभी दलों का समर्थन रहा है.

"एनडीए के घटक दलों के रिश्तों पर कोई प्रभाव पड़ेगा तो एनडीए को बहुत बड़ा घाटा होगा. एनडीए को जो मेंडेट मिला है वह 2025 तक के लिए है. 2025 तक नीतीश कुमार बिहार के सीएम रहेंगे. आशा है कि भाजपा और जदयू हजारों मतभेद के बाद भी आपस में मन भेद नहीं करेंगे. संगठन जैसा का तैसा बना रहेगा. नीतीश कुमार और बीजेपी घाटे का सौदा नहीं करेंगे. दोनों दल के रिश्तों में अगर दरार आता है तो दोनों को घाटा होगा." -जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

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पटना/अजमेर : बिहार के एनडीए गठबंधन में अंतर्द्वन्द चल रहा है. ऐसे में आपसी राय मशविरा जरूरी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने ये बात कही. वह अपनी अजमेर यात्रा के दौरान परिवार सहित तीर्थ नगरी पुष्कर (former CM Jitan Ram Manjhi in pushkar ajmer) पहुंचे थे. यहां वह अपने परिवार के साथ पुष्कर सरोवर की पूजा-अर्चना में शामिल हुए.

ये भी पढ़ें- जीतन राम मांझी की सलाह- 'नीतीश कुमार और बीजेपी घाटे का सौदा ना करें'

पुष्कर सरोवर पर मांझी परिवार को स्थानीय तीर्थ पुरोहित बाबूलाल ने सरोवर की पूजा-अर्चना करवाई. वहीं जीतन राम मांझी ऊंचीं सीढ़ियों के चलते जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन नहीं कर पाए. इसके चलते पुजारी वैभव वशिष्ठ ने मंदिर के बाहर पहुंचकर मांझी का सम्मान किया और उन्हें जगतपिता ब्रह्मा मंदिर का प्रसाद दिया. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने बताया कि अब तक राज्यसभा के चुनाव के लिए एनडीए में सीटों का निर्णय हो जाना चाहिए था.

फिलहाल दो भाजपा को दो राजद और 1 जेडीयू को सीटों का बंटवारा हुआ है जिनमें से 3 सीटों पर एनडीए की जीत का अनुमान है. ऐसे में गठबंधन में उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए जाने चाहिए थे. अभी तक नाम तय नहीं होने के चलते लगता है कि एनडीए में अंतर्द्वंद है. गठबंधन में राय मशविरा कर निर्णय ले लिया जाना चाहिए था. गठबंधन के बने रहने के सवाल पर मांझी ने कहा कि हर संगठन में मत अंतर हो सकता है लेकिन मतभेद नहीं होता.

बिहार में एनडीए की सरकार है और 2025 तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चलेगी. मांझी ने कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं है. कल क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता. फिलहाल बिहार का एनडीए गठबंधन मजबूत स्थिति में है. गौरतलब है कि हाल ही में मांझी के एनडीए में लोकतंत्र की कमी पर दिए गए बयान को लेकर बिहार की सियासत में उबाल आ रखा है. राज्यसभा की 1 सीट की मांग उठाने वाले मांझी ने भले ही सीट नहीं मिलने पर नाराजगी नहीं जताई हो, लेकिन एनडीए के अंतर्द्वंद पर दिए बयान को उनके नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है.

बता दें कि जीतन राम मांझी ने पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्‍तों पर कही बड़ी बात (statement on Nitish Kumar and BJP Relationship) कही थी. वहीं जदयू और भाजपा के बीच राजनीतिक उठापटक के कयासों के बीच सीएम नीतीश कुमार की ओर से बिहार में जातीय जनगणना को लेकर गतिविधि तेज हो गई है. नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बताया कि बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार इसको लेकर 27 मई को सर्वदलीय बैठक करने वाले (all party meeting on caste census) हैं. हमें उम्मीद है कि सभी दल इस मुद्दे पर सरकार के साथ रहेंगे. हालांकि पहले भी सभी दलों का समर्थन रहा है.

"एनडीए के घटक दलों के रिश्तों पर कोई प्रभाव पड़ेगा तो एनडीए को बहुत बड़ा घाटा होगा. एनडीए को जो मेंडेट मिला है वह 2025 तक के लिए है. 2025 तक नीतीश कुमार बिहार के सीएम रहेंगे. आशा है कि भाजपा और जदयू हजारों मतभेद के बाद भी आपस में मन भेद नहीं करेंगे. संगठन जैसा का तैसा बना रहेगा. नीतीश कुमार और बीजेपी घाटे का सौदा नहीं करेंगे. दोनों दल के रिश्तों में अगर दरार आता है तो दोनों को घाटा होगा." -जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

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