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BJP के पूर्व MLA के दो सगे भाइयों के हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, पांडव गिरोह का 1 सदस्य गिरफ्तार - etv news

पटना पुलिस ने बीजेपी के पूर्व विधायक के दो सगे भाइयों की हत्या (former BJP MLA brother murder case exposed) की गुत्थी सुलझा ली है. हत्याकांड में शामिल 1 अपराधी को गिरफ्तार किया है. हालांकि अभी भी 5 अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. पढ़ें पूरी खबर..

former BJP MLA brother murder case exposed in patna
former BJP MLA brother murder case exposed in patna
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Published : Jun 2, 2022, 6:03 PM IST

पटना: बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन सिंह ( Former BJP MLA Chittaranjan Singh) के दो भाइयों के हत्याकांड का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है. गुरुवार को SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो (SSP Manavjit Singh Dhillon) ने इस पूरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया है कि इस मामले में कुल 6 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है और इसी कड़ी में इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले नीमा गांव के ही रहने वाले बबलू सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अपराधी को गिरफ्तार करने के साथ-साथ हत्याकांड मामले से जुड़े हुए लोगों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है.

पढ़ें- एक महीने में पूर्व BJP विधायक के 4 परिजनों की हत्या, 26 अप्रैल को चाचा और चचेरे भाई का हुआ था मर्डर

हत्या में पांडव गिरोह का हाथ: बता दें कि मंगलवार को पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के काली मंदिर रोड बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन सिंह के दो सगे भाईयों को अपराधियों ने गोलियों से भून डाला था. एसएसपी ने बताया कि वर्ष 1992 में पटना के एक समुदाय विशेष के पांच व्यक्तियों के द्वारा कथित रूप से नक्सलियों के विरोध में स्थानीय लोगों के सुरक्षा के नाम पर पांडव सेना का गठन किया गया था. धीरे-धीरे लोगों को सुरक्षा देने वाला गिरोह लोगों से रंगदारी वसूली और सुपारी लेने जैसे धंधे से से जुड़ गया. कहीं ना कहीं पैसा बंटवारा मामले को लेकर गिरोह में हुए आपसी फूट के बाद इसी गिरोह के लोग एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गए.

आपसी मतभेद घटना के पीछे का कारण: हालांकि 5 दिन पहले जिन 5 लोगों ने मिलकर इस पांडव गिरोह का गठन किया था उसमें से दो की हत्या हो गई और एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में मारा गया था. उसके बाद इस गिरोह में संजय सिंह और चितरंजन सिंह शेष रह गए हैं. एसएसपी ने कहा है कि इस गिरोह के कमर को तोड़ने के लिए पुलिस विशेष मुहिम चलाएगी.

पूर्व विधायक के 4 परिजनों की हो चुकी है हत्या: पांच पांडव में से अब सिर्फ गिरोह में दो लोग बचे हैं, संजय सिंह और चित्तरंजन सिंह. गिरफ्तार अपराधी से हमने 12 घंटे पूछताछ की तो उसने पूरी सच्चाई बयां कर दी. चित्तरंजन सिंह जब विधायक बने तो घटना शांत हो गई थी लेकिन फिर से 2020 में संजय सिंह पर गोली चली थी उनको गोली लगी थी. इसके बाद कहा गया कि पूर्व विधायक के समर्थकों द्वारा हमला कराया गया है. संजय सिंह बच गया लेकिन बदला लेने के लिए अपने लोगों को तैयार कर रहा था. 26 अप्रैल को जहानाबाद शहर के होटल कारोबारी अभिराम शर्मा (Businessman shot dead in Jehanabad) और मसौढ़ी में दिनेश शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी दोनों चितरंजन सिंह के चाचा भतीजा थे. इस हत्या का मेन शूटर नीतीश था, उसे जेल भेजा गया था. संजय सिंह ने नीतीश से मुलाकात की थी और अगले दिन चाचा भतीजा का आधे घंटे के अंदर मर्डर कर दिया गया था. हत्या के तुरंत बाद नीतीश झारखंड भाग गया था.

संजय सिंह और चितरंजन सिंह के बीच दुश्मनी: साल 2004 में वकील प्रशांत सहाय की हजारीबाग न्यायालय परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में संजय सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. संजय सिंह को संदेह हो गया था कि इस हत्याकांड में उनकी संलिप्ता के बारे में पुलिस को पूर्व विधायक ने जानकारी दी थी. इसी के बाद पांडव सेना के दो सदस्य संजय सिंह और चितरंजन सिंह के बीच पूर्व से चले आ रहे मतभेद और वर्चस्व की लड़ाई हिंसक हो गई. इस क्रम में दोनों गुट के बीच लगभग एक दर्जन से ज्यादा हत्या एवं हत्या के प्रयास के कारण विभिन्न जिलों में मामला दर्ज है. हलाकि अभी भी 5 अपराधी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है. पुलिस जल्द ही सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लेगी.

"इन दोनों गिरोह के आपसी रंजिश के कारण पिछले 20 वर्षों में इस गिरोह के 13 लोगों की हत्या की जा चुकी है. इसी कड़ी में संजय सिंह के इशारे पर नीमा गांव का रहने वाला बबलू सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह के साथ एक अन्य अपराधी ने गौतम और शंभू की दो दिनों तक रेकी करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी. जल्द ही सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने की कार्रवाई शुरू की जाएगी."- मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसएसपी पटना

ये भी पढ़ें: पटना में पूर्व बीजेपी विधायक के भाइयों को गोलियों से भूना, पांडव गिरोह पर संदेह

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पटना: बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन सिंह ( Former BJP MLA Chittaranjan Singh) के दो भाइयों के हत्याकांड का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है. गुरुवार को SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो (SSP Manavjit Singh Dhillon) ने इस पूरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया है कि इस मामले में कुल 6 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है और इसी कड़ी में इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले नीमा गांव के ही रहने वाले बबलू सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अपराधी को गिरफ्तार करने के साथ-साथ हत्याकांड मामले से जुड़े हुए लोगों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है.

पढ़ें- एक महीने में पूर्व BJP विधायक के 4 परिजनों की हत्या, 26 अप्रैल को चाचा और चचेरे भाई का हुआ था मर्डर

हत्या में पांडव गिरोह का हाथ: बता दें कि मंगलवार को पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के काली मंदिर रोड बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन सिंह के दो सगे भाईयों को अपराधियों ने गोलियों से भून डाला था. एसएसपी ने बताया कि वर्ष 1992 में पटना के एक समुदाय विशेष के पांच व्यक्तियों के द्वारा कथित रूप से नक्सलियों के विरोध में स्थानीय लोगों के सुरक्षा के नाम पर पांडव सेना का गठन किया गया था. धीरे-धीरे लोगों को सुरक्षा देने वाला गिरोह लोगों से रंगदारी वसूली और सुपारी लेने जैसे धंधे से से जुड़ गया. कहीं ना कहीं पैसा बंटवारा मामले को लेकर गिरोह में हुए आपसी फूट के बाद इसी गिरोह के लोग एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गए.

आपसी मतभेद घटना के पीछे का कारण: हालांकि 5 दिन पहले जिन 5 लोगों ने मिलकर इस पांडव गिरोह का गठन किया था उसमें से दो की हत्या हो गई और एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में मारा गया था. उसके बाद इस गिरोह में संजय सिंह और चितरंजन सिंह शेष रह गए हैं. एसएसपी ने कहा है कि इस गिरोह के कमर को तोड़ने के लिए पुलिस विशेष मुहिम चलाएगी.

पूर्व विधायक के 4 परिजनों की हो चुकी है हत्या: पांच पांडव में से अब सिर्फ गिरोह में दो लोग बचे हैं, संजय सिंह और चित्तरंजन सिंह. गिरफ्तार अपराधी से हमने 12 घंटे पूछताछ की तो उसने पूरी सच्चाई बयां कर दी. चित्तरंजन सिंह जब विधायक बने तो घटना शांत हो गई थी लेकिन फिर से 2020 में संजय सिंह पर गोली चली थी उनको गोली लगी थी. इसके बाद कहा गया कि पूर्व विधायक के समर्थकों द्वारा हमला कराया गया है. संजय सिंह बच गया लेकिन बदला लेने के लिए अपने लोगों को तैयार कर रहा था. 26 अप्रैल को जहानाबाद शहर के होटल कारोबारी अभिराम शर्मा (Businessman shot dead in Jehanabad) और मसौढ़ी में दिनेश शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी दोनों चितरंजन सिंह के चाचा भतीजा थे. इस हत्या का मेन शूटर नीतीश था, उसे जेल भेजा गया था. संजय सिंह ने नीतीश से मुलाकात की थी और अगले दिन चाचा भतीजा का आधे घंटे के अंदर मर्डर कर दिया गया था. हत्या के तुरंत बाद नीतीश झारखंड भाग गया था.

संजय सिंह और चितरंजन सिंह के बीच दुश्मनी: साल 2004 में वकील प्रशांत सहाय की हजारीबाग न्यायालय परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में संजय सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. संजय सिंह को संदेह हो गया था कि इस हत्याकांड में उनकी संलिप्ता के बारे में पुलिस को पूर्व विधायक ने जानकारी दी थी. इसी के बाद पांडव सेना के दो सदस्य संजय सिंह और चितरंजन सिंह के बीच पूर्व से चले आ रहे मतभेद और वर्चस्व की लड़ाई हिंसक हो गई. इस क्रम में दोनों गुट के बीच लगभग एक दर्जन से ज्यादा हत्या एवं हत्या के प्रयास के कारण विभिन्न जिलों में मामला दर्ज है. हलाकि अभी भी 5 अपराधी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है. पुलिस जल्द ही सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लेगी.

"इन दोनों गिरोह के आपसी रंजिश के कारण पिछले 20 वर्षों में इस गिरोह के 13 लोगों की हत्या की जा चुकी है. इसी कड़ी में संजय सिंह के इशारे पर नीमा गांव का रहने वाला बबलू सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह के साथ एक अन्य अपराधी ने गौतम और शंभू की दो दिनों तक रेकी करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी. जल्द ही सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने की कार्रवाई शुरू की जाएगी."- मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसएसपी पटना

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