पटना: बिहार के कद्दावर नेता और पूर्व कृषि मंत्री रामविचार राय का बुधवार को पटना के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने 69 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. वे कोरोना संक्रमित थे. उनके निधन की खबर फैलते ही मुजफ्फपुर के साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी. हर किसी की जुबान से उनके कार्यों और राजनीति संघर्ष की चर्चा हो रही है.
पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी नेता रामविचार राय के निधन पर सीएम नीतीश कुमार, आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कई दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. जानकारी के अनुसार, पूर्व कृषि मंत्री रामविचार राय का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
तेजस्वी यादव ने जाताया शोक
पूर्व मंत्री के निधन पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि "पूर्व मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता रामविचार राय जी का कोरोना संक्रमण के कारण हुए आकस्मिक निधन से मर्माहत हूं. वो मिलनसार प्रवृति के प्रखर समाजवादी नेता थे. उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. भगवान उनकी आत्मा को शांति व शोक-संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे."
रामविचार राय का राजनीतिक सफर
रामविचार राय मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे. 1990 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ कर पहली बार साहेबगंज से विधायक चुने गए थे, उसके बाद लगातार 2005 तक विभिन्न मंत्री पदों पर रहे. पुनः 2015 में राजद के टिकट पर चुनाव जीत कर कृषि मंत्री बने.
ये भी पढ़ें: कोरोना काल में लोगों की मदद कर रहे RJD नेता की पुलिस ने की पिटाई, दलील हैरान करने वाली!
पारू प्रखंड के माधोपुर बुजुर्ग गांव में जन्मे रामविचार राय 1974 में जेपी आन्दोलन के दौरान जेल गए थे. 1989 में चीनी मिल के मजदूरों को नियमित करने की मांग को लेकर पूर्व सांसद उषा सिन्हा के साथ चीनी मिल पर धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे, जहां पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जेल में आन्दोलनकारियों के साथ इनकी भी पुलिस ने पिटाई की थी. इसके बाद 1990 में जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते और पहली बार 1992 में लघु उद्योग के चेयरमैन बनाए गए थे. उसके बाद लगातार 2005 तक मंत्री बनाए जाते रहे.