पटना: बिहार विधानसभा में सोमवार को रामनवमी के बाद हुए विभिन्न जगहों पर हिंसा का मामला गरमाया हुआ है. इस मामले पर सदन की कार्यवाही भी दोपहर 2:00 बजे तक स्थगित हो गई थी. बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा है कि ''यह दंगा की घटनाएं पूर्व से सुनियोजित थी और इसमें राजनीतिक दलों का पूरा हाथ है. 1 साल के अंदर देश में लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में इस घटना को वह चुनाव को लेकर पूर्व की तैयारी मानते हैं. इस घटना में शामिल जो भी लोग हैं उन्हें चिन्हित कर कर उन पर कड़ी कार्रवाई करने की वह मांग करते हैं.''
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'जिसको राजनीतिक लाभ वही करा रहा दंगे' : सुधाकर सिंह ने कहा कि इस पूरी घटना में प्रशासन के लोग भी शामिल है. बिना प्रशासन के लोगों के मिले हुए इस प्रकार की घटना हो ही नहीं सकती. यह बच्चों को कलम की जगह जो लोग तलवार और पत्थर थमाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें चिन्हित करके उन पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है. सुधाकर सिंह ने कहा कि देश के गृह मंत्री उल्टा लटका कर सीधा करने की बात करते हैं, जबकि उनके पास कलम की ताकत है. ऐसे में उनके बयान से स्पष्ट होता है कि इस तरीके की घटनाओं से उन्हें राजनीतिक लाभ मिल रहा है.
''सभी राजनीतिक दल जिनको ऐसी घटनाओं से फायदा होना है वह इसमें शामिल हैं, यह आप जानिए और प्रदेश की जनता जान रही है कि किसे ऐसी घटनाओं से फायदा हो रहा है?''- सुधाकर सिंह, आरजेडी एमएलए एवं पूर्व कृषि मंत्री, बिहार
'एसपी-डीएम को निलंबित कर देना चाहिए' : सुधाकर सिंह ने कहा कि राजनीतिक तौर पर ऐसी हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे लोगों को पहचानना होगा और दंडित करना होगा. मुख्यमंत्री के गृह जिले में दंगा की घटना के सवाल पर कहा कि किसी 1-2 जिला में ऐसी घटनाएं होती हैं तो उसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है, वहां के जिलाधिकारी और एसपी को निलंबित कर देना चाहिए. अगर पूरे बिहार भर में होगा तो उसका अलग उपाय निकाला जाएगा. वहीं गोपाल मंडल के बयान जिसमें वह कहते हैं कि नीतीश कुमार का कोई विरोध करेगा तो वह गर्दन उतार देंगे इस सवाल पर सुधाकर सिंह ने सवालिया लहजे में जवाब दिया कि कौन गोपाल मंडल?