पटना: बिहार राज्य न्यायालय कर्मचारी संघ ने अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर 16 जनवरी से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. उनके हड़ताल पर जाने से राज्य के न्यायालयों में कार्य बाधित हो सकते हैं. पिछले 2 जनवरी को पूरे बिहार इकाई संघ की बैठक हुई थी, जिसमें सर्व समिति से यह निर्णय लिया गया था.
क्या है इनकी मांग?: बिहार राज्य न्यायालय कर्मचारी संघ ने कहा कि सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने के दोषी पदाधिकारी और अधिकारी के विरूद्ध न्यायालय के अवमानना की कार्रवाई कर दंडित कर न्यायाल की गरिमा बहाल की जाए. इनका कहना है कि न्यायालय के विभिन्न आदेशों के अनुरूप 16 जनवरी तक सचिवालय सहायक के समतुल्य वेतन उत्क्रमण किया जाए. साथ ही विभिन्न प्रोन्नति लाभ और उनके आर्थिक लाभ का भुगतान सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में 1 अप्रैल 2003 के प्रभाव से सुनिश्चित किया जाए.
16 जनवरी तक का अल्टीमेटम: कर्मचारी संघ ने ये भी मांग की है कि सेवा कल के दौरान मृत कर्मी को उनकी योग्यता के आधार पर अनुकंपा पर लंबित नियुक्ति 16 जनवरी 2025 तक सुनिश्चित किया जाए. इनका कहना है कि कोर्ट मैनेजर सह मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी का पद हमारा प्रोन्नति का पद है. इस पद पर सीधी नियुक्ति नहीं की जा सकती है. इस आशय की याचिका जुलाई 2017 से ही सुनवाई के लिए लंबित है. इस पद पर नियमित प्रोन्नति प्रदान कर न्यायिक आयोग की ओर से अनुशंसित और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत और जारी आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित हो.
क्या बोले प्रदेश अध्यक्ष?: प्रदेश अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को नजर अंदाज करते हुए हमारी योग्यता नियुक्ति कार्यशैली और दायित्व को उच्च न्यायालय और सचिवालय कर्मियों के समक्ष होने के बावजूद वेतन की तुलना मुश्किल स्टार के कर्मियों से की जाती है, जो कि न्याय एवं प्रशासनिक आदेश का घोर उल्लंघन है. लगातार उपेक्षा और भेदभाव पूर्ण रवैये कारण फिर से न्यायिक आदेश पारित करने के लिए एक एलपीए दाखिल किया गया है. हमने सर्व समिति से हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है.
"राज्य सरकार द्वारा वेतन बढ़ोतरी के लिए उच्च न्यायालय द्वारा आदेश के बावजूद उसका पालन नहीं किया जा रहा है. जिसके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 7 अक्टूबर 2009 तथा 16 मार्च 2015 का आदेशित किया गया. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्यायपालिका का कार्य विधायिका एवं कार्यपालिका से इतर एवं उत्कृष्ट श्रेणी का मानते हुए राज्य के न्यायिक सेवा के अधिकारियों को केंद्रीय स्तर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सर्वोच्च अधिकारियों से भी उच्चतर वेतनमान एवं भत्ते अनुमन्य हैं"- राजेश्वर तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार राज्य न्यायालय कर्मचारी संघ
मसौढ़ी में कर्मचारी संघ का प्रदर्शन: अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को मसौढ़ी सिविल कोर्ट के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. पेशकार पंकज कुमार ने बताया कि पिछले कई सालों से सरकार हम सभी न्यायालय कर्मियों पर ध्यान नहीं दे रही है. न्यायालय में काम करने वाले सभी पेशकार और अन्य कर्मचारियों को वेतन विसंगति दूर नहीं किया जा रहा है. हमने गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है.
ये भी पढे़ं: व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी 16 जनवरी से करेंगे हड़ताल! वेतन विसंगति दूर करने की मांग