वाशिंगटन: अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) और प्रबंधन और बजट कार्यालय (ओएमबी) ने पाया कि लगभग 50 मिलियन अमरीकी डालर यानी चार अरब तीन सौ सत्ताईस करोड़ रुपये का इस्तेमाल 'गाजा में स्वास्थ्य' के वित्तपोषण के लिए किया गया था. अमेरिकी प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार (स्थानीय समय) को अपनी पहली प्रेस ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी.
जानकारी के अनुसार अमेरिका की ओर से सहायता रोक केवल इजराइल और मिस्र को छोड़कर यूक्रेन समेत सभी देशों पर लागू है. दुनिया के सबसे बड़े दाता अमेरिका ने इजराइल और मिस्र के लिए इमर्जेंसी फूड और मिलिट्री फंड पर रोक नहीं लगाई है.
— Elon Musk (@elonmusk) January 28, 2025
'गाजा में हेल्थ' फंडिंग को 'बेतुका' बताते हुए लेविट ने कहा कि सरकार अमेरिकी डॉलर का अच्छा प्रबंधन करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने कहा, 'डीओजीई और ओएमबी ने यह भी पाया कि गाजा में हेल्थ को लेकर लगभग 50 मिलियन करदाताओं का पैसा खर्च किया गया. यह करदाताओं के पैसे की बेतुकी बर्बादी है. इसलिए इस रोक का उद्देश्य यही है कि करदाताओं के पैसे का अच्छा प्रबंधन किया जाए.'
My guess is that a lot of that money ended up in the pockets Hamas, not actually condoms
— Elon Musk (@elonmusk) January 28, 2025
मस्क बोले- अमेरिकी करदाताओं का पैसा ऐसी चीजों पर खर्च नहीं होना चाहिए
डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के नेता एलन मस्क ने इस बड़ी राशि पर संदेह व्यक्त किया. सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'मेरा अनुमान है कि उस पैसे का एक बड़ा हिस्सा हमास की जेब में चला गया, न कि हेल्थ के लिए. उन्होंने आगे कहा, 'हां, इस असंभावित घटना में भी कि पैसा वास्तव में हेल्थ पर खर्च किया गया था, हमें ऐसे कामों के लिए अमेरिकी करदाताओं का पैसा नहीं भेजना चाहिए.
ट्रंप ने हूती को विदेशी आतंकवादी संगठन का दर्जा दिया
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हूती को फिर से विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने के संदर्भ में लेविट ने एक रिपोर्टर के सवाल को 'बुरा विचार नहीं' बताया. रिपोर्टर ने पूछा कि क्या इस बात की जांच हुई है कि बाइडेन प्रशासन ने हूती से आतंकवादी संगठन का दर्जा क्यों हटाया.
लेविट प्रभावित दिखीं और कहा, 'यह बहुत अच्छी बात है. मैंने ऐसी जांच के बारे में चर्चा नहीं सुनी है, लेकिन यह बुरा विचार नहीं होगा, क्योंकि हाउती निश्चित रूप से आतंकवादी हैं. उन्होंने कहा, 'उन्होंने दुनिया भर में अमेरिकी नौसेना के जहाजों पर हमले किए हैं और इसलिए मुझे लगता है कि इस प्रशासन द्वारा उन्हें आतंकवादी समूह के रूप में फिर से नामित करना एक बहुत ही बुद्धिमानी भरा कदम था क्योंकि वे आतंकवादी हैं. मुझे लगता है कि पिछले प्रशासन द्वारा ऐसा करना एक मूर्खतापूर्ण निर्णय था, जहां तक जांच का सवाल है, मैं इस बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन यह एक बुरा विचार नहीं है.'
व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि डोनाल्ड ट्रम्प ने 22 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अंसार अल्लाह (जिसे हूती के नाम से भी जाना जाता है) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में पुनः नामित किया गया.
कार्यकारी आदेश एक ऐसी प्रक्रिया को गति प्रदान करता है जिसके तहत हौतियों को विदेशी आतंकवादी संगठन नामित किया जाएगा. बयान के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप ने जनवरी 2021 में ईरान समर्थित हूतियों को विदेशी आतंकवादी संगठन नामित किया था. बयान में कहा गया है कि पदभार ग्रहण करने के एक महीने के भीतर ही बाइडेन प्रशासन ने हौतियों के पदनाम को उलट दिया.