पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बयानबाजी करके कृषि मंत्री का पद गंवाने वाले सुधाकर सिंह ने अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को तेवर दिखाए हैं. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल से निकाले जाने के सवाल पर तेजस्वी यादव को सीधा जवाब दे दिया. सुधाकर सिंह ने अपने बयान में कहा कि ''किसी भी इलेक्टेड जनप्रतिनिधि को हटाने का फैसला सिर्फ जनता का होता है.'' सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि उन्होंने आरजेडी के उस नोटिस का जवाब भी एक पिछले महीने ही भेज दिया था.
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तेजस्वी को सुधाकर सिंह की दो टूक: दरअसल, सुधाकर सिंह ने मौलाना आजाद पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह में ये बातें एक सवाल के जवाब में कहीं. मीडिया कर्मियों ने जब उनसे पूछा कि तेजस्वी यादव समाधान यात्रा या किसी भी पब्लिक प्लेस पर सुधाकर सिंह को निकलने की चेतावनी देते रहे हैं. इसी पर सुधाकर सिंह ने दो टूक कह दिया कि किसी भी जनप्रतिनिधि को हटाने का काम जनता का होता है.
'आज भी बयान पर कायम': सुधाकर सिंह ने स्पष्ट किया कि वो आज भी नोटिस में दिए गए बयान पर कायम हैं. बावजूद इसके अगर उन्हें पार्टी दोबारा नोटिस भेजती है तो फिर से जवाब देने को तैयार हैं. सुधाकर सिंह ने कहा कि ''वो सवाल एक विधायक की हैसियत से पूछ रहे थे. सवाल सत्ता से पूछे जाते हैं विपक्ष से नहीं.''
17 जनवरी को दिया था जेडीयू ने नोटिस: गौरतलब है कि सुधाकर सिंह रामगढ़ विधानसभा से आरजेडी के विधायक हैं. वो आरजेडी की सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं. नीतीश पर कई बार आपत्तिजनक बयानों के चलते महागठबंधन में कई बार उथल-पुथल भी हुआ. जिस वजह से उन्हें 17 जनवरी को जेडीयू की ओर से नोटिस दिया गया. जेडीयू ने माना था कि उनकी बयानबाजी पार्टी लाइन से हटके हो रही है. तेजस्वी यादव भी सुधाकर सिंह के बयान को बीजेपी के इशारे पर दिया हुआ बयान बताते हैं.
किस असमंजस में आरजेडी?: आरजेडी के नोटिस का सुधाकर सिंह अपना जवाब भी दे चुके हैं. लालू प्रसाद यादव उस वक्त किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर गए हुए थे. कयास लगाए जा रहे थे कि लालू के लौटने के बाद उनपर कार्रवाई हो सकती है. लेकिन अभी भी सिर्फ आरजेडी की ओर से चेतावनी पर चेतावनी दी जा रही है.