पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद हर दिन शराब की बड़ी खेप बरामद हो रही है. बिहार पुलिस भी तस्करों पर नकेल कसने में पीछे नहीं है, लगातार शराब तस्करों की गिरफ्तारी कर रही है. एक बार फिर राजधानी पटना के मसौढ़ी अनुमंडल पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर ट्रक से भारी मात्रा में शराब बरामद (Foreign liquor recovered in Patna Masaurhi) की है. लेकिन छापेमारी की सूचना से शराब तस्कर मौके से फरार हो गए.
शराबबंदी के बावजूद शराब लाने के लिए बिहार-यूपी सीमा सेफ जोन बन गया है. अधिकांश कारोबारी इन्ही सीमाई रास्तों से बिहार में शराब की खेप पहुंचा रहे हैं और इसके लिए तरह तरह के टेक्निक आजमा रहे हैं. कभी मूंगफली के छिलकों के बीच तो कभी कोयला के राख के बीच तो कभी अंडों के गत्तों के बीच बड़े वाहनों से पुलिस को चकमा देने की कोशिश शराब कारोबारी करते रहे हैं. इसी क्रम में धनरूआ थाना क्षेत्र के मखदुमपुर गांव के नजदीक शराब माफिया के द्वारा ट्रक से शराब की खेप उतारे जाने की सूचना पुलिस को मिली. जिसके आधार एसडीपीओ मसौढ़ी के निर्देशानुसार एक विशेष टीम का गठन किया गया. जिसका नेतृत्व मसौढ़ी सर्किल इंस्पेक्टर कमलेश्वर प्रसाद सिंह कर रहे थे.
गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने सूचना वाले इलाके में छापेमारी की. धनरुआ थाना क्षेत्र के मखदुमपुर गांव के पास अंग्रेजी शराब की एक बड़ी खेप को ट्रक से उतारे जाने के क्रम में पुलिस ने छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में शराब को जब्त किया है. लेकिन पुलिस को देखते ही सभी धंधेबाज अंधेरे का फायदा उठा कर मौके से फरार हो गए. मसौढ़ी एसडीपीओ वैभव शर्मा ने बताया कि ट्रक के अंदर करीब 500 कार्टन अंग्रेजी शराब होगी, जिसकी कीमत लाखों में आंकी जा रही है.
वहीं, दूसरी ओर मसौढ़ी थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार रजक ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के नियामतपुर गांव के तरफ से एक पिकअप वैन देसी दारू की एक बड़ी खेप को बदरोई गांव से लेकर आ रही है. गुप्त सूचना पर तुरंत थाना अध्यक्ष मसौढ़ी रंजीत कुमार और दारोगा मनोज सिंह ने सूचना वाले स्थान पर सादे लिबास में छापेमारी की और दारू और पीकअप वैन को जब्त कर लिया. हालांकि यहां भी पुलिस का नाकामी देखने को मिला, पुलिस पिकअप ड्राइवर सह धंधेबाज को नहीं पकड़ सकी. देर रात में पुलिस की इस करवाई से देसी दारू माफियाओं में हड़कंप मच गया है. फिलहाल पुलिस धंधेबाज को खोजने में लगी हुई है.
बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद एक अप्रैल 2016 को बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.
नोट: बिहार में मद्य निषेध अर्थात् शराब से जुड़ी कोई भी शिकायत टोल फ्री नंबर 15545 पर की जा सकेगी.
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