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बिहार में तटबंधों पर दबाव कम करने के लिए नदियों के पानी को नहरों में भेजने की योजना

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Published : Jul 9, 2022, 11:11 PM IST

बिहार में बाढ़ (Flood In Bihar) का खतरा बढ़ गया है. जलस्तर में लगातार वृद्धि से नदियों में उफान है. ऐसे में जल संसाधन विभाग बाढ़ के दौरान राज्य में कम से कम नुकसान हो, इसकी तैयारियों के लिए योजना बना रहा है. पढ़ें पूरी खबर....

बिहार में बाढ़
बिहार में बाढ़

पटना: बिहार में नदियों के उफान (Water Levels Of River In Bihar) पर होने के बाद तटबंधों पर बढ़े दबाव को कम करने और पानी की तीव्रता पर अंकुश लगाने के लिए नदियों के पानी को डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनाई जा रही है. बिहार में बारिश के दौरान नदियों में बाढ़ नियति बन गई है, जिससे काफी नुकसान होता है. जल संसाधन विभाग अब इस नुकसान को कम करने की योजना बनाई जा रही है.

यह भी पढ़ें: बिहार में डराने लगी नदियां: कोसी, महानंदा, बागमती समेत कई नदियां बह रही खतरे के निशान से ऊपर

जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के एक अधिकारी ने बताया कि नदियों के उफान और उसके पानी के बहाव की तीव्रता को रोकने के लिए उसे डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनायी गई है. सरकार का दावा है कि यह न केवल बाढ़ के प्रसार को रोकेगा बल्कि तटबंधों पर पड़ रहे अनावश्यक दबाव को भी कम करेगा. इससे सिंचाई के लिए भी किसानों को व्यापक सुविधा मिलेगी. उन्हें जरूरत का पानी अपने नहरों से मिल सकेगा.

सरकार का मानना है कि राज्य में कई जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं जबकि कई जिले सूखे से भी प्रभावित रहते हैं. अक्सर उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या से प्रभावित होता है, वहीं दक्षिण बिहार का बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में रहता है. इस साल भी, दक्षिण बिहार की छोटी बड़ी नदियां भी सूखी पड़ी हैं, जबकि उत्तर बिहार की अधिकांश प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं.

ऐसे में विभाग बाढ़ प्रभावित नदियों के पानी को फैलाव देने की योजना बनी है. इन नदियों के पानी को डायवर्ट कर नहरों में भेजने की योजना बनाई है. इसके अलावा दक्षिण बिहार की नहरें भी सूखी रहती हैं. नहरों में पानी की उपलब्धता होने से किसानों को भी लाभ मिलेगा.

यह भी पढ़ें: कोसी का कहर: लाल पानी आने से तटबंध के भीतर कटाव तेज, 41 घर नदी में विलीन, देखें VIDEO


पटना: बिहार में नदियों के उफान (Water Levels Of River In Bihar) पर होने के बाद तटबंधों पर बढ़े दबाव को कम करने और पानी की तीव्रता पर अंकुश लगाने के लिए नदियों के पानी को डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनाई जा रही है. बिहार में बारिश के दौरान नदियों में बाढ़ नियति बन गई है, जिससे काफी नुकसान होता है. जल संसाधन विभाग अब इस नुकसान को कम करने की योजना बनाई जा रही है.

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जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के एक अधिकारी ने बताया कि नदियों के उफान और उसके पानी के बहाव की तीव्रता को रोकने के लिए उसे डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनायी गई है. सरकार का दावा है कि यह न केवल बाढ़ के प्रसार को रोकेगा बल्कि तटबंधों पर पड़ रहे अनावश्यक दबाव को भी कम करेगा. इससे सिंचाई के लिए भी किसानों को व्यापक सुविधा मिलेगी. उन्हें जरूरत का पानी अपने नहरों से मिल सकेगा.

सरकार का मानना है कि राज्य में कई जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं जबकि कई जिले सूखे से भी प्रभावित रहते हैं. अक्सर उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या से प्रभावित होता है, वहीं दक्षिण बिहार का बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में रहता है. इस साल भी, दक्षिण बिहार की छोटी बड़ी नदियां भी सूखी पड़ी हैं, जबकि उत्तर बिहार की अधिकांश प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं.

ऐसे में विभाग बाढ़ प्रभावित नदियों के पानी को फैलाव देने की योजना बनी है. इन नदियों के पानी को डायवर्ट कर नहरों में भेजने की योजना बनाई है. इसके अलावा दक्षिण बिहार की नहरें भी सूखी रहती हैं. नहरों में पानी की उपलब्धता होने से किसानों को भी लाभ मिलेगा.

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