पटना : बिहार के पहले एक्सप्रेसवे आमस दरभंगा एक्सप्रेस वे (Amas Darbhanga Expressway) का इसी महीने निर्माण के शिलान्यास की तैयारी हो रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 14 नवंबर को निर्माण का शिलान्यास कर सकते हैं. 4 पैकेज में बनने वाले आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे बिहार के 7 जिलों से होकर गुजरेगा जो कि दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार को जोड़ेगा. चारों पैकेज का टेंडर भी हो चुका है. जमीन अधिग्रहण के कारण बिहार की महत्वाकांक्षी परियोजना में काफी विलंब हुआ है, लेकिन अब जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है. 2024 में इसे पूरा करने का लक्ष्य है. इसके पूरा होने से राजधानी पटना सहित बिहार के बड़े हिस्से में आवागमन आसान हो सकेगा. तो वहीं बिहार में व्यवसायिक गतिविधियों को नई उड़ान मिलेगी.
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14 नवंबर को नितिन गड़करी कर सकते हैं शिलान्यास: आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे को केंद्र सरकार ने 2021 में ही हरी झंडी दे दी थी. साथ ही नेशनल हाईवे डी 119 के नाम से नोटिफाइड भी कर दिया. लेकिन जमीन अधिग्रहण में हो रहे विलंब के कारण इसके निर्माण शुरू होने में विलंब हुआ है. 189 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. 4 पैकेज में बनने वाले आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे पर लगभग 6000 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है. इसे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी हो रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी है 14 नवंबर को बिहार दौरे पर आ रहे हैं और एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार आमस-दरभंगा एक्सप्रेस एक्सप्रेस वे के साथ अन्य परियोजना के शिलान्यास और उद्घाटन की तैयारी को लेकर निर्देश दिया गया है.
बिहार के 7 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे: औरंगाबाद के आमस के निकट नेशनल हाईवे 19 से एक्सप्रेस-वे शुरू होगा. यह कच्ची दरगाह होते हुए हाजीपुर के कल्याणपुर, समस्तीपुर के ताजपुर से होकर दरभंगा में बेला से होते हुए नवादा में एनएच-27 में जाकर समाप्त होगा. 7 जिलों के 239 गांव में जमीन का अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. 222 राजस्व गांव में 1363 एकड़ जमीन इस एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है. एक्सप्रेस वे के लिए जमीन का बड़ा हिस्सा अधिकरण हो चुका है, कुछ जगह समस्या आ रही है तो उसे भी सलटाने की कोशिश हो रही हैं. आमस दरभंगा एक्सप्रेस वे से गंगा नदी पर कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक बन रहे सिक्स लेन पुल से जोड़ा जाएगा. वहीं ताजपुर बख्तियारपुर गंगा नदी पर बन रहे पुल को भी इससे अटैच करने की तैयारी है. दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार फर्राटेदार यात्रा के साथ व्यवसायिक गतिविधियों को भी आमस दरभंगा एक्सप्रेस वे नई उड़ान देगा.
चार पैकेज में 2024 तक होगी तैयारी: एनएचएआई के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 4 पैकेज में बनने वाले बिहार के महत्वकांक्षी पहले एक्सप्रेसवे के लिए सबसे कम बिड डालने वाले मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दो पैकेज का काम मिलना तय है. बिड मेघा इंजीनियरिंग इन्फ्राट्रक्चर लिमिटेड के अलावा रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और विश्व समुद्र इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल था. जिसमें विश्व समुद्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड डिसक्वालीफाई हो गया और मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का बिड सबसे कम थी. ऐसे 7 कंपनियों ने बिड डाला था.
परियोजना के अटकने का कारण जमीन अधिग्रहण में देरी: आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे के विलंब होने के पीछे जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ा कारण रहा है. जहानाबाद और अन्य इलाकों में जमीन अधिग्रहण करने में काफी सुस्ती दिखाई गई है. अभी भी कई जगह जमीन अधिग्रहण का मामला फंसा हुआ है. बिहार सरकार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस परियोजना के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कई बार मुलाकात की थी. यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बातचीत की थी और उसके बाद केंद्र की तरफ से इस पर पहल हुआ था. नितिन नवीन इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं. फोन से बातचीत में नितिन नवीन ने कहा कि बिहार सरकार जमीन अधिग्रहण को लेकर सुस्ती नहीं दिखाती तो इसका निर्माण पहले शुरू हो गया रहता.
बिहार का पहला एक्सप्रेसवे: एनएचएआई के क्षेत्रीय पदाधिकारी सदरे आलम पिछले दिनों सीबीआई के छापा में पांच लाख घूस लेने के आरोप में पकड़े गए थे. उसके कारण भी इस परियोजना पर असर पड़ा है. ऐसे एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार निर्माण के शिलान्यास को लेकर निर्देश दिया गया है. उसके अनुसार तैयारी की जा रही है. फिलहाल 14 नवंबर टेंटेटिव डेट है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 14 नवंबर को बिहार दौरे पर आ रहे हैं. बक्सर में अश्विनी चौबे द्वारा आयोजित सनातन संस्कृति से संबंधित कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे और उसी दिन एक्सप्रेस वे के निर्माण का शिलान्यास कर सकते हैं.