पटना: राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर शुक्रवार को बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 20 सूत्री लंबित मांगों के समर्थन में प्रदर्शन (Anganwadi Workers Protest In Patna) किया गया था. इस दौरान डाकबंगला चौराहा को 5 से 6 घंटे तक जामकर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने प्रदर्शन किया गया था. जिसको लेकर आम जन जीवन प्रभावित करने और प्रतिबंधित क्षेत्र में भीड़ लगाकर प्रदर्शन करने के आरोप में आंगनबाड़ी सेविकाओं पर केस दर्ज कराया गया है. 10 आंगनबाड़ी सेविका समेत 2 लोगों पर नामजद और 500 अज्ञात प्रदर्शनकारी महिलाओं पर पटना के कोतवाली थाना में केस दर्ज कराया गया है. पटना सदर के कृषि प्रखंड पदाधिकारी उदय शंकर राम ने एफआईआर दर्ज करवाया है.
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डाकबंगला चौराहे पर घंटों तक प्रदर्शन: बता दें कि आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पटना के डाकबंगला चौराहे पर घंटों तक प्रदर्शन किया था. डाकबंगला चौराहे को जाम कर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने नियुक्ति को सरकारी दर्जा देने समेत कई मांगों को लेकर अपनी आवाज को बुलंद किया था. वहीं, डाकबंगला चौराहा को घंटो जाम करने की वजह से पूरे शहर में जाम की स्थिति हो गई थी. प्रदर्शन की वजह से जाम में कई स्कूलों की बस फंस गई थी जिसमें बच्चें बेबस नजर आ रहे थे.
प्रदर्शन के लिए बिहार सरकार को बताया जिम्मेदार: वहीं, प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि जब धूप में उनके बच्चे कहीं खड़े होकर काम कर रहे होंगे तो उनके प्रदर्शन के दौरान उन्हें किसी के बच्चों की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों को मान ले तो जिस हालात में उनके बच्चे धूप में खड़े होकर काम कर रहे हैं वैसे किसी और के बच्चे को तकलीफ नहीं होगी. वहीं कुछ प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि उनके प्रदर्शन से जो कठिनाइयां लोगों को हो इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ बिहार सरकार है.
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आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं की मांग: बता दें कि प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि चार घंटे काम के बजाय 12 घंटा काम लिया जाता है. हम लोगों का मानदेय भी नहीं दिया जाता है. आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के साथ शोषण किया जा रहा है. प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं ने मांग कि है कि सेविका को थर्ड ग्रेड और सहायिका को चतुर्थ वर्गीय श्रेणी में शामिल किया जाए. सामान काम का सामान वेतन की तर्ज पर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का 25 हजार वेतनमान सरकार की ओर से दिया जाए. साथ पेंशन भी दिया जाय. इसके अलावा आंगनवाड़ी सेविका के मरने के बाद मुआवजा के तौर पर परिजनों को आर्थिक सहायत प्रदान की जाए.
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