पटनाः बीएसएससी पेपर लीक मामले (Bssc Paper Leak Case) को लेकर हजारों छात्रों ने पटना की सड़कों पर बुधवार को प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इस दौरान छात्रों पर अव्यवस्था और अशांति फैलाने के आरोप में एफआईआर (FIR against Many BSSC candidates in patna) दर्ज की गई है. विरोध मार्च में शामिल छात्र नेता दिलीप समेत पांच को नामजद आरोपी और 1000 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है. इन अभ्यर्थियों की मांग है कि तीनों पालियों की परीक्षा रद्द की जाए, जबकि बीएसएससी ने सिर्फ एक ही पाली की परीक्षा रद्द की है.
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तेजस्वी यादव से नाराज हैं अभ्यर्थीः प्रदर्शन कर रहे छात्र इस बात से भी नाराज थे कि तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तो उन्होंने पेपर लीक के बाद पुनर परीक्षा आयोजित कराने में अभ्यर्थियों को भत्ता देने की बात कहते थे, सरकारी नौकरी देने की बात करते थे, लेकिन अभी के समय में बीएसएससी सीजीएल 3 की परीक्षा ली गई, उसमें भी ली पेपर लीक हो गया और तेजस्वी यादव अब तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं. अभ्यर्थियों ने कहा कि छात्रों युवाओं के मुद्दे पर नेता सिर्फ राजनीति करते हैं राजनीतिक बयानबाजी करते हैं और अपनी राजनीति चमकाते हैं और छात्रों के भविष्य को ताक पर रख देते हैं.
मामले में 8 लोगों की हुई गिरफ्तारीः आपको बता दें कि बीएसएससी पेपर लीक मामले में एब तक एक एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें 8 लोगों की गिरफ्तारी अब तक हो चुकी है, वहीं दूसरी एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई की शुरुआती जांच में पता चला है कि दानापुर केबीएस कॉलेज के तीसरे चरण यानी 24 दिसंबर की परीक्षा समाप्त होते ही दोपहर 12:15 बजे के बाद पेपर वायरल कर दिया गया था. मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के तीसरे पाली का क्वेश्चन पेपर लीक हुआ था वह भी परीक्षा खत्म होने के महज 1 मिनट पहले. इस बात का सबूत आर्थिक अपराध इकाई की जांच में मिला है. जिसके बाद ईओयू के द्वारा टीम ने अलग-अलग जगह पर छापेमारी की है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में 2 लोगों को आर्थिक अपराध इकाई की टीम अपने कब्जे में लेकर पूछताछ कर रही है. हालांकि इस पूरे मामले की ऑफिशियल पुष्टि अब तक नहीं की गई है.