पटना: किसान देश की जीवन रेखा हैं और किसी भी देश का विकास उसके कृषि क्षेत्र के विकास के बिना अधूरा है. बिहार कृषि विभाग लगातार किसानों के आय को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार के 13 जिलों में किसानों को जैविक खेती करने के लिए विभाग ने अनुदान देना शुरू कर दिया है. इसके तहत प्रति एकड़ के हिसाब से 11500 रुपये बिहार में जैविक खेती करने वाले किसानों को दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बिहार के गंगा किनारे बसे हुए जिलों में किसान जैविक खेती करें. इसीलिए हम किसानों को जैविक खेती करने के लिए अनुदान दे रहे हैं. मंत्री ने कहा कि अभी तक कुल 5539 किसानों को डीबीटी के माध्यम से यह अनुदान की राशि भेजी गई है.
'362 कृषक समूहों का गठन'
जैविक खेती समूहों में किया जाने वाला खेती है, जिसमें पूरे बिहार में 362 कृषक समूहों का गठन किया गया है. इन किसानों को जैविक खेती करने के लिए जैविक खाद जैविक बीज खरीदने के लिए ही अनुदान राशि दी गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि इन 13 जिलों में 21000 एकड़ में जैविक खेती कराया जाए. इसमें बक्सर, भोजपुर सारण, वैशाली, पटना, नालंदा, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगरिया, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय और कटिहार को शामिल किया गया है.
किसानों की आय दोगुना करने की कोशिश
केंद्र सरकार का दावा है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाए. इस लक्ष्य को पूरा करना है और बिहार में भी कृषि विभाग इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं ला रही है. जैविक खेती मुख्य रूप से गंगा किनारे बसे शहरों में की जाएगी और इसी लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार किसानों को समूह बनाकर अनुदान राशि दे रही है. अब देखना यह है कि इससे इन जिलों के किसानों को कितना फायदा होगा. बहरहाल कृषि मंत्री यह दावा कर रहे हैं कि जिस तरह से सिक्किम में जैविक खेती की जाती है. बिहार भी पूरे देश में जैविक खेती करने वाला सबसे बड़ा राज्य होगा.