पटना: कोरोना को लेकर पूरे देश मे लॉकडाउन है. इस बीच अब किसानों के सामने फसल कटाई के लिये मजदूर न मिलने की समस्या पैदा हो गई है. पहले असमय बारिश और अब मजदूरों की अनुप्लब्धता के साथ-साथ खेतों में लग रही आग की घटनाओं ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
लॉकडाउन के कारण मजदूरों के न मिलने से किसानों को खुद ही फसल कटाई करनी पड़ रही है. राजधानी पटना से सटे बिहटा और उसके आसपास के किसानों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए फसल कटाई पर रोक लगा दी गई थी और अब जब फसल पककर जमीन पर गिरने लगी तो कटाई पर से रोक हटा दी गई है. वहीं अब मजदूर भी कोरोना की बात कह कर फसल काटने से मना कर दे रहे हैं.
लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिल रहे
मजदूरों के न मिलने के कारण खुद ही परिवार के साथ फसल की कटाई कर बोझा को खेतों से खलिहान तक पहुंचाना पड़ रहा है. इससे काफी परेशानी हो रही है. किसान कुंदन वर्मा बताते हैं कि सरकार ने फसल कटाई पर से रोक काफी देर बाद हटाया. अगर और पहले ये कदम उठा लिया गया होता तो आज ऐसी हालत न होती. प्रशासन की सख्ती के बाद से लोग खेतों तक आने से डर रहे हैं.
पहले मौसम की मार, फिर कोरोना का प्रकोप
वहीं किसान राजेन्द्र पंडित ने बताया कि एक तो मौसम की मार और दूसरा कोरोना की की वजह से आधा फसल तो बर्बाद हो ही चुका है, जो बचा है उसे काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे. सरकार के आदेश के बाद भी मजदूरों का मिलना मुश्किल हो रहा है. कई किसान और उसके परिवार वाले खुद ही फसलों की कटाई कर उसका बोझा बनाकर घर ला रहे हैं.
कृषि मंत्री ने दिया था आश्वासन
बता दें कि बिहार के कृषि मंत्री ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण फसलों को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा. किसान फसल काट सकते हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. फिर भी लॉकडाउन के कारण मजदूर वर्ग घरों से बाहर नहीं निकल रहा.