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शतावरी की खेती कर आत्मनिर्भर बन रहे युवा किसान, जानें इसके फायदे.. - महोगनी पौधे की खेती

नीमा गांव में किसान इन दिनों आधुनिक तरीके से खेती कर शतावरी पौधों की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही अन्य को जागरूक करने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं. आगे पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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शतावरी की खेती
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Published : Dec 17, 2021, 9:56 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना के धनरूआ प्रखंड के नीमा गांव में किसान इन दिनों शतावरी और महोगनी के पौधों की खेती कर रहे हैं. शतावरी का पौधा (Shatavari Plant) औषधीय गुणों वाला होता है. इसकी लकड़ी से राइफल और बड़े-बड़े नाव बनाने के काम आता है. किसान इन पौधों की खेती (Shatavari Plant Cultivation) कर स्वरोजगार की ओर उन्मुख हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: बिहार पृथ्वी दिवस के मौके पर CM नीतीश ने लगाया पौधा, लोगों से की इस अभियान में शामिल होने की अपील

नीमा गांव निवासी कुमार आनंद एक युवा किसान हैं, जो कोरोना काल के दौरान से ही अपने घर आकर औषधीय पौधों की खेती कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इसके साथ ही लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं. आनंद मुंबई के एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. जहां से उन्होंने नौकरी छोड़ गांव में परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती को बढ़ावा देते हुए औषधीय प्लांट की खेती कर रहे हैं. तकरीबन 2 एकड़ में शतावरी और महोगनी पौधे की खेती कर रहे हैं. जिसके काफी औषधीय गुण हैं.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: Patna News: कोरोना काल में ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पौधों की बढ़ी डिमांड, ये हैं बेस्ट प्लांट

'आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए और अपने युवाओं को जागरूक करने के लिए इन दिनों हम औषधीय खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही मल्टी फार्मिंग को बढ़ावा दे रहे हैं. जिसमें शतावरी एवं महोगनी जो एक औषधीय प्लांट है. उसकी खेती दो एकड़ में तकरीबन ₹3 लाख रुपये की पूंजी लगाकर शुरुआत किए हैं. 18 महीने में यह पौधा तैयार हो जाएगा. इसकी मार्केटिंग भी हो सकती है.' -कुमार आनंद, किसान

जानिए क्या होता है शतावरी-

शतावरी प्राय: हिमालयी क्षेत्रों में पयी जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटी है. भारत में शतावरी वसंत ऋतु की सब्जी के तौर पर भी जानी जाती है. यह बेहद लो कैलोरी वाला आहार होता है. इसकी लंबाई एक से दो मीटर तक होती है. यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसके प्रयोग से कई शारीरिक फायदे होते हैं. यह तेजी से वजन घटाने में भी मददगार होता है. साथ ही यह स्किन में भी निखार लाने का काम करता है.

शतावरी के फायदें-

  • इसके इस्‍तेमाल से स्किन चमकदार बनती है.
  • यह झुर्रियों को दूर करती है.
  • इसमें एंटीऑक्सिडेंट ग्लूटाथियोन होता है, जो मुंहासे से भी बचाव रखता है.
  • शतावरी माइग्रेन से होने वाले दर्द से भी छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभाता है.
  • जिन लोगों को नींद नहीं आती उनके लिए फायदेमंद होता है.
  • यह तनाव को दूर करता है और अनिंद्रा से मुक्ति दिलाता है.
  • इसके इस्‍तेमाल से बच्‍चों में रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्‍या नहीं होती और मानसिक समस्‍याओं से भी बचा रहता है.

शतावरी से नुकसान-

  • शतावरी कुछ लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसका सेवन एहतियात के साथ करना चाहिए.
  • इसे स्किन पर सीधे लगा लेने से एलर्जी की समस्‍या हो सकती है.
  • जिन लोगों को प्‍याज से एलर्जी है, उन्‍हें इसके इस्‍तेमाल से एलर्जी हो सकती है.
  • इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.

नोट:- इसका प्रयोग करने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें.

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पटना: बिहार की राजधानी पटना के धनरूआ प्रखंड के नीमा गांव में किसान इन दिनों शतावरी और महोगनी के पौधों की खेती कर रहे हैं. शतावरी का पौधा (Shatavari Plant) औषधीय गुणों वाला होता है. इसकी लकड़ी से राइफल और बड़े-बड़े नाव बनाने के काम आता है. किसान इन पौधों की खेती (Shatavari Plant Cultivation) कर स्वरोजगार की ओर उन्मुख हो रहे हैं.

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नीमा गांव निवासी कुमार आनंद एक युवा किसान हैं, जो कोरोना काल के दौरान से ही अपने घर आकर औषधीय पौधों की खेती कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इसके साथ ही लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं. आनंद मुंबई के एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. जहां से उन्होंने नौकरी छोड़ गांव में परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती को बढ़ावा देते हुए औषधीय प्लांट की खेती कर रहे हैं. तकरीबन 2 एकड़ में शतावरी और महोगनी पौधे की खेती कर रहे हैं. जिसके काफी औषधीय गुण हैं.

देखें रिपोर्ट.

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'आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए और अपने युवाओं को जागरूक करने के लिए इन दिनों हम औषधीय खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही मल्टी फार्मिंग को बढ़ावा दे रहे हैं. जिसमें शतावरी एवं महोगनी जो एक औषधीय प्लांट है. उसकी खेती दो एकड़ में तकरीबन ₹3 लाख रुपये की पूंजी लगाकर शुरुआत किए हैं. 18 महीने में यह पौधा तैयार हो जाएगा. इसकी मार्केटिंग भी हो सकती है.' -कुमार आनंद, किसान

जानिए क्या होता है शतावरी-

शतावरी प्राय: हिमालयी क्षेत्रों में पयी जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटी है. भारत में शतावरी वसंत ऋतु की सब्जी के तौर पर भी जानी जाती है. यह बेहद लो कैलोरी वाला आहार होता है. इसकी लंबाई एक से दो मीटर तक होती है. यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसके प्रयोग से कई शारीरिक फायदे होते हैं. यह तेजी से वजन घटाने में भी मददगार होता है. साथ ही यह स्किन में भी निखार लाने का काम करता है.

शतावरी के फायदें-

  • इसके इस्‍तेमाल से स्किन चमकदार बनती है.
  • यह झुर्रियों को दूर करती है.
  • इसमें एंटीऑक्सिडेंट ग्लूटाथियोन होता है, जो मुंहासे से भी बचाव रखता है.
  • शतावरी माइग्रेन से होने वाले दर्द से भी छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभाता है.
  • जिन लोगों को नींद नहीं आती उनके लिए फायदेमंद होता है.
  • यह तनाव को दूर करता है और अनिंद्रा से मुक्ति दिलाता है.
  • इसके इस्‍तेमाल से बच्‍चों में रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्‍या नहीं होती और मानसिक समस्‍याओं से भी बचा रहता है.

शतावरी से नुकसान-

  • शतावरी कुछ लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसका सेवन एहतियात के साथ करना चाहिए.
  • इसे स्किन पर सीधे लगा लेने से एलर्जी की समस्‍या हो सकती है.
  • जिन लोगों को प्‍याज से एलर्जी है, उन्‍हें इसके इस्‍तेमाल से एलर्जी हो सकती है.
  • इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.

नोट:- इसका प्रयोग करने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें.

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