सीतामढ़ीः जिले के रीगा प्रखंड और सीतामढ़ी का इकलौता रीगा चीनी मिल इन दिनों काफी संकट के दौर से गुजर रहा है. मिल के जरिए पिछले कई सालों से किसानों से लिए गए गन्ने की करोड़ों राशि का बकाया है. मिल प्रबंधक किसानों का भुगतान बहुत धीमी गति से कर रहे थे. वहीं, अब बैंक ऑफ इंडिया ने मिल का खाता एनपीए होने से रुपये की निकासी पर रोक लगा दी है. इस खबर से किसानों और कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया है.
भुगतान पर लगी रोक वापस लेने की मांग
रीगा चीनी मिल का खाता एनपीए होने के बाद किसानों ही नहीं बल्कि मिलकर्मियों की दीपावली भी फिकी होने वाली है. जब इसकी सूचना किसानों को मिली तो किसानों ने बैंक की इस कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भुगतान पर रोक अविलम्ब वापस लेने की मांग की. इस संबंध में रीगा चीनी मिल के किसानों और मजदूरों ने बैंक ऑफ इंडिया रीगा शाखा प्रबंधक को सामूहिक ज्ञापन सौंपा.
40 हजार किसानों की बढ़ी मुश्किलें
बैंक ऑफ इंडिया की इस रोक से चीनी मिल से जुड़े 40 हजार किसान और हजारों कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, उनके सामने सबसे बड़ा पर्व दीपावली और छठ है, जिसमें सभी को पैसे की जरुरत रहती है. वहीं, चीनी मिल चलने में मात्र 2 महीने का समय रह गया है. इस परिस्थिति में चीनी मिल के मशीन और पार्ट को मुहैया कराने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.
शाखा प्रबंधक ने दिया आश्वासन
बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया ने प्रधान कार्यालय कोलकाता के निर्देशानुसार रीगा चीनी मिल के किसानों और कर्मचारियों के वेतन सहित किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दिया है. जिससे न केवल किसान परेशान हैं बल्कि कर्मियों के वेतन पर भी लाले पड़ने की खबर है. बैंक ऑफ इंडिया की रीगा शाखा प्रबंधक लक्ष्मी सिंह ने कहा कि वह बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय कोलकाता को इस समस्या से अवगत कराएंगी. ताकि हजारों किसानों और मजदूरों की समस्या का समाधान हो सके.