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50 हजार किसानों और कर्मियों की दीपावली होगी फिकी, रीगा चिनी मिल का खाता हुआ NPA - Riga sugar mill account NPA

बैंक ऑफ इंडिया ने प्रधान कार्यालय कोलकाता के निर्देशानुसार रीगा चीनी मिल के किसानों और कर्मचारियों के वेतन सहित किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दी है. जिससे किसानों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.

विरोध करते किसान
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Published : Oct 11, 2019, 4:45 PM IST

सीतामढ़ीः जिले के रीगा प्रखंड और सीतामढ़ी का इकलौता रीगा चीनी मिल इन दिनों काफी संकट के दौर से गुजर रहा है. मिल के जरिए पिछले कई सालों से किसानों से लिए गए गन्ने की करोड़ों राशि का बकाया है. मिल प्रबंधक किसानों का भुगतान बहुत धीमी गति से कर रहे थे. वहीं, अब बैंक ऑफ इंडिया ने मिल का खाता एनपीए होने से रुपये की निकासी पर रोक लगा दी है. इस खबर से किसानों और कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया है.

भुगतान पर लगी रोक वापस लेने की मांग
रीगा चीनी मिल का खाता एनपीए होने के बाद किसानों ही नहीं बल्कि मिलकर्मियों की दीपावली भी फिकी होने वाली है. जब इसकी सूचना किसानों को मिली तो किसानों ने बैंक की इस कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भुगतान पर रोक अविलम्ब वापस लेने की मांग की. इस संबंध में रीगा चीनी मिल के किसानों और मजदूरों ने बैंक ऑफ इंडिया रीगा शाखा प्रबंधक को सामूहिक ज्ञापन सौंपा.

विरोध करते किसान

40 हजार किसानों की बढ़ी मुश्किलें
बैंक ऑफ इंडिया की इस रोक से चीनी मिल से जुड़े 40 हजार किसान और हजारों कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, उनके सामने सबसे बड़ा पर्व दीपावली और छठ है, जिसमें सभी को पैसे की जरुरत रहती है. वहीं, चीनी मिल चलने में मात्र 2 महीने का समय रह गया है. इस परिस्थिति में चीनी मिल के मशीन और पार्ट को मुहैया कराने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

शाखा प्रबंधक ने दिया आश्वासन
बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया ने प्रधान कार्यालय कोलकाता के निर्देशानुसार रीगा चीनी मिल के किसानों और कर्मचारियों के वेतन सहित किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दिया है. जिससे न केवल किसान परेशान हैं बल्कि कर्मियों के वेतन पर भी लाले पड़ने की खबर है. बैंक ऑफ इंडिया की रीगा शाखा प्रबंधक लक्ष्मी सिंह ने कहा कि वह बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय कोलकाता को इस समस्या से अवगत कराएंगी. ताकि हजारों किसानों और मजदूरों की समस्या का समाधान हो सके.

सीतामढ़ीः जिले के रीगा प्रखंड और सीतामढ़ी का इकलौता रीगा चीनी मिल इन दिनों काफी संकट के दौर से गुजर रहा है. मिल के जरिए पिछले कई सालों से किसानों से लिए गए गन्ने की करोड़ों राशि का बकाया है. मिल प्रबंधक किसानों का भुगतान बहुत धीमी गति से कर रहे थे. वहीं, अब बैंक ऑफ इंडिया ने मिल का खाता एनपीए होने से रुपये की निकासी पर रोक लगा दी है. इस खबर से किसानों और कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया है.

भुगतान पर लगी रोक वापस लेने की मांग
रीगा चीनी मिल का खाता एनपीए होने के बाद किसानों ही नहीं बल्कि मिलकर्मियों की दीपावली भी फिकी होने वाली है. जब इसकी सूचना किसानों को मिली तो किसानों ने बैंक की इस कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भुगतान पर रोक अविलम्ब वापस लेने की मांग की. इस संबंध में रीगा चीनी मिल के किसानों और मजदूरों ने बैंक ऑफ इंडिया रीगा शाखा प्रबंधक को सामूहिक ज्ञापन सौंपा.

विरोध करते किसान

40 हजार किसानों की बढ़ी मुश्किलें
बैंक ऑफ इंडिया की इस रोक से चीनी मिल से जुड़े 40 हजार किसान और हजारों कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, उनके सामने सबसे बड़ा पर्व दीपावली और छठ है, जिसमें सभी को पैसे की जरुरत रहती है. वहीं, चीनी मिल चलने में मात्र 2 महीने का समय रह गया है. इस परिस्थिति में चीनी मिल के मशीन और पार्ट को मुहैया कराने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

शाखा प्रबंधक ने दिया आश्वासन
बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया ने प्रधान कार्यालय कोलकाता के निर्देशानुसार रीगा चीनी मिल के किसानों और कर्मचारियों के वेतन सहित किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दिया है. जिससे न केवल किसान परेशान हैं बल्कि कर्मियों के वेतन पर भी लाले पड़ने की खबर है. बैंक ऑफ इंडिया की रीगा शाखा प्रबंधक लक्ष्मी सिंह ने कहा कि वह बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय कोलकाता को इस समस्या से अवगत कराएंगी. ताकि हजारों किसानों और मजदूरों की समस्या का समाधान हो सके.

Intro:

रीगा चीनी मिल

-मिल खाता हुआ एन पी ए
- करीब 50 किसानो की होने वाली है - काली दीवाली
- किसानो में मचा हड़कंप

सीतामढ़ी - ज़िले रीगा प्रखंड व सीतामढ़ी का एकलौता रीगा चीनी इन दिनों काफी संकट के दौड़ से गुजर रहा है। मिल प्रवन्धक पिछले कई सालो से गन्ना किसानो से लिए गन्ना बकाये करीब करोडो का भुगतान मंधर गति से कर रहा है। वही अब मिल के खाता NPA - होने से बैंक ने मिल के खाते से निकासी पर रोक लगा दी है। जिससे ना केवल किसानो वल्कि मिल कर्मियों की दीपावली काली होने वाली है। इस खबर से किसानो और कर्मियों   के बीच हड़कंप मचा है।
Body:
जिला का एकलौता रीगा चीनी इन दिनों काफी संकट के दौड़ से गुजर रहा है। तो इसी बीच

बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय [कोलकत्ता ] के निर्देशानुसार रीगा चीनी मिल के किसानों एवं कर्मचारियों के वेतन सहित किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दिया है। जिससे न केवल किसान परेशान वल्कि कर्मियों को वेतन लाले पड़ने की खबर है।

इधर आने वाली [ दीपाली व छठ ] पर्व के अवसर पर इसकी सुचना जब किसानो को मिली तो किसानी की एक टोली बैंक इस कारबाई खिलाफ नारेबाजी करते हुए भुगतान पर रोक लगी रोक अभिलम्ब वापस लेने की अपनी आवाज बुलंद कर रहे है।
इस सम्बन्ध में रीगा चीनी मिल के किसानों एवं मजदूरो ने बैंक ऑफ इंडिया रीगा शाखा प्रबंधक को दिया सामूहिक ज्ञापन।





Conclusion:
बताते चले की बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय, कोलकाता के आदेश से चीनी मिल से जुड़े 40 हजार किसान एवं हजारों कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, जबकि सामने सबसे बड़ा पर्व दीपावली एवं छठ है, जिसमें सभीको पैसे की जरूरत रहती है। वहीं चीनी मिल चलने में मात्र 2 महीने का समय रह गया है इस परिस्थिति में चीनी मिल के मशीन एवं पार्ट को मुहैया कराने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। लगभग हजारों किसान एवं मजदूर ने एक साथ बैंक ऑफ इंडिया के रीगा शाखा प्रबंधक लक्ष्मी सिंह को ज्ञापन देकर मांग किया है,कि बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय कोलकाता को इस समस्या से अवगत कराएं ताकि हजारों किसानों एवं मजदूरों की समस्या का समाधान हो सके।

बाइट -शशी गुप्ता [ महा प्रवन्धक। रीगा चीनी मिल ]

बाईट -लक्ष्मी सिंह [ शाखा प्रबंधक ]
बाइट -- किसान
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