पटना: दुर्गा विसर्जन के दौरान मुंगेर में हुए गोलीकांड में मृतक युवक के परिजन को सरकार से मुआवजा नहीं मिलने पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. बिहार सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर नहीं करने के बारे में कोर्ट को बताया गया. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वकील से एसएलपी दायर करने के लिए मशविरा मांगा गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश उक्त वकील की कोविड से मौत हो जाने के कारण एसएलपी दायर नहीं हो सकी.
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राज्य सरकार के रुख पर नाराजगी
सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि महाधिवक्ता ललित किशोर ने सलाह दी है कि अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बजाए बिहार सरकार हाईकोर्ट में ही मुआवजा कम करने की सुधार अर्जी डालेगी. न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने राज्य सरकार के रुख पर नाराजगी जताई.
सीआईडी से तलब की जांच की प्रगति रिपोर्ट
सीआईडी से उक्त गोलीकांड के अनुसंधान की प्रगति रिपोर्ट भी तलब की. कोर्ट को पीड़ित परिवार की ओर से बताया गया कि कोर्ट के आदेश बावजूद चार सप्ताह बाद भी मुआवजा नहीं मिला है. 19 मई को इस मामले पर सुनवाई की जाएगी.
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क्या है मामला?
मुंगेर में 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज और गोलीबारी में कोतवाली थाना क्षेत्र के लोहा पट्टी निवासी 22 वर्षीय अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी. घटना के 2 दिन बीतने पर पुनः हिंसा हुई थी, जिसमें शहर के पांच थानों में आक्रोशित भीड़ द्वारा आगजनी की गई थी. इसके बाद मुंगेर के डीएम और एसपी हटाए गए थे. बिहार सरकार ने मामले की जांच के लिए पहले एसआईटी का गठन किया था. फरवरी 2021 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी.