पटना: राजधानी पटना (Patna) में पुलिस ने मंगलवार को एक फर्जी दारोगा (Fake Inspector) को गिरफ्तार किया है. दरअसल, गिरफ्तार शख्स खुद को बेगूसराय के टाउन थाने का दारोगा बताकर पटना के सिविल कोर्ट में चकमा देकर कोर्ट में घुसने की फिराक में था. पटना सिविल कोर्ट के पिछले गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने जब उससे पूछताछ की तो उसकी पोल खुल गई. सुरक्षाकर्मियों ने नकली दारोगा को हिरासत में लेते हुए इस पूरे मामले की सूचना पीरबहोर थाने को दी.
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दरअसल, फर्जी दारोगा पटना सिविल कोर्ट में पोस्को एक्ट में जेल गए अपने भाई से पेशी पर मिलने आया था. पेशी के दौरान वह सुरक्षा की गाइडलाइन को तोड़ रहा था. जब सिविल कोर्ट में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने आपत्ति जताई तो वो दारोगा बनकर सुरक्षाकर्मियों पर अपना प्रभाव जमाने लगा. हालांकि, थोड़ी देर के लिए मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे असली दारोगा समझ लिया, लेकिन मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने जब उस व्यक्ति से कुछ सवाल जवाब किए तो उस व्यक्ति की पोल खुल गई.
पटना सिविल कोर्ट के सुरक्षाकर्मियों ने पटना के पीरबहोर थाने को इस पूरे मामले की सूचना दी गई. मौके पर पहुंचे पीरबहोर थाने की पुलिस ने आरोपित विपिन कुमार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी खगड़िया के सैदपुर मानसी का रहने वाला है. दरअसल, आरोपित विपिन कुमार पटना सिविल कोर्ट में खाकी टी-शर्ट और फोर्स वाली पैंट पहनकर आया था.
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जानकारी के अनुसार विपिन का भाई पोस्को एक्ट के तहत गर्दनीबाग थाना से जेल गया है. वह उससे मिलने के लिए नकली दारोगा बनकर पटना सिविल कोर्ट पहुंचा था और कोर्ट के अंदर प्रवेश करने के दौरान सुरक्षाकर्मियों को बेगूसराय के टाउन थाना का दारोगा बताकर कोर्ट के अंदर प्रवेश करने की फिराक में था, हालांकि कोर्ट सुरक्षा में लगे के सुरक्षाकर्मियों की सूझबूझ से नकली दारोगा कोर्ट के अंदर प्रवेश करने से पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ गया.
पूरे मामले की जानकारी देते हुए पीरबहोर थाना अध्यक्ष सबीबुल हक ने बताया कि विपिन कुमार पहले भी जेल जा चुका है. वह धोखाधड़ी में पहले भी पकड़ा गया था. फिलहाल, विपिन को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कवायद शुरू कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि कोर्ट की सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ाई गई थी और इसी सख्ती से नकली दारोगा पकड़ा गया है.
''बेगूसराय के टाउन थाना से लेकर अन्य थानों से विपिन के बाबत पूछताछ की गई, लेकिन इसके कहीं के दारोगा होने का सत्यापन नहीं हुआ. विपिन पूरी तरह से फर्जी तरीके से खुद को दारोगा बताकर कोर्ट में प्रवेश कर रहा था और कहीं ना कहीं हाल के दिनों में पटना सिविल कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाए जाने के कारण इस फर्जी दारोगा की गिरफ्तारी संभव हो पाई है.''- सबीबुल हक, पीरबहोर थाना अध्यक्ष