पटना: बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Fagu Chauhan) और बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने राजभवन स्थित दरबार हॉल में मेजर जनरल राजपाल पुनिया की लिखित पुस्तक ऑपरेशन खुकड़ी का लोकार्पण किया. ऑपरेशन खुकड़ी में शामिल जवानों को भी दानापुर आर्मी सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल राजपाल पुनिया ने निमंत्रण दिया था. बता दें कि मेजर जनरल राजपाल पुनिया ने ही ये किताब लिखी है.
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समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा और इसकी संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने के अतिरिक्त आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं और अन्य अवसरों पर नागरिक प्रशासन को सक्रिय सहयोग प्रदान करने में भारतीय सेना का महत्वपूर्ण योगदान है और उसने धैर्य, अदम्य साहस और बहादुरी के साथ अपनी विभिन्न भूमिकाओं का सफलता पूर्वक निर्वहन किया है. हमारे सैनिकों के शौर्य, पराक्रम और वीरता तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके त्याग और बलिदान का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है हमें उन पर गर्व है.
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सेना ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी साइप्रस, लेबनान, कांगो एवं सिएरा लियोन सहित अनेक देशों में संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति अभियानों को बहादुरी के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया है. मेजर राजपाल पुनिया जो मेजर जनरल के पद पर कार्यरत हैं के सफल नेतृत्व में संचालित ऑपरेशन खुकड़ी उन्हीं अभियानों में से एक है.
इस ऑपरेशन की चर्चा करते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि भारतीय सैनिकों द्वारा अन्य देशों के सैनिकों के साथ सिएरा लियोन के जंगलों में शुरू किए गए एक संयुक्त अभियान के दौरान 233 भारतीय शांति सैनिकों को वहां के क्रांतिकारी संयुक्त मोर्चा के विद्रोही गुट के आक्रमण से सुरक्षित निकालने की चुनौती थी, किंतु अन्य सभी देशों के सैनिकों ने विद्रोहियों के सामने हथियार डाल दिए. ऐसी विषम परिस्थिति में जांबाज भारतीय सैनिकों ने मेजर राजपाल पुनिया के नेतृत्व में 75 दिनों तक डटकर मुकाबला किया और खूंखार संगठन के विद्रोहियों को उसी के घर में हरा कर वापस लौट आए.
फागू चौहान ने कहा कि पश्चिम अफ्रीका के सिएरा लियोन में अत्यंत कठिन चुनौतियों के बीच और शत्रुता पूर्ण वातावरण में हमारी सेना द्वारा हासिल की गई इस बड़ी उपलब्धि के बारे में लोगों को कम जानकारी थी किंतु लोकार्पित पुस्तक ऑपरेशन खुकड़ी के माध्यम से मेजर जनरल राजपाल पुनिया ने भारतीय सेना के अदम्य साहस और बहादुरी की इस गाथा को देशवासियों के सामने लाने का एक सराहनीय प्रयास किया है. राज्यपाल ने कहा कि इस पुस्तक को हिंदी सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रकाशित कराया जाना चाहिए ताकि अधिकाधिक लोग इसे पढ़कर प्रेरणा ले सकें.
लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश के बाहर किसी सैन्य अभियान का संचालन काफी चुनौतीपूर्ण होता है. ऑपरेशन खुकड़ी देश के प्रति प्रेम और त्याग का अनुकरणीय उदाहरण है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि जिस स्थिति में महाराणा प्रताप को घास की रोटी खानी पड़ी थी वैसी ही परिस्थिति का सामना ऑपरेशन खुकड़ी के दौरान मेजर पुनिया को करना पड़ा था.
कार्यक्रम को पुस्तक के लेखक मेजर जनरल राजपाल पुनिया मुख्यालय पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल के के जयसवाल, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सुनील शेट्टी एवं अन्य लोगों ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर लेडी गवर्नर पश्चिम बंगाल सुदेश धनखड़, राज्यपाल बिहार के सचिव, मुख्यालय मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एस मोहन मुख्यालय एवं अन्य लोग उपस्थित थे.
ऑपरेशन खुकड़ी एक ऐसा ऑपरेशन था जिसमें 16 देशों ने आतंकवादियों के सामने घुटना टेक दिये थे और अपना हथियार डाल दिया था. लेकिन भारतीय सेना ने अपने शौर्य पराक्रम द्वारा जीत हासिल की. आतंकवादियों से लोहा लेकर सौ से डेढ़ सौ आतंकवादियों को मार गिराया था. ऑपरेशन खुकरी 75 दिनों तक चला था जिसमें अंतिम दो दिन मौत और जीत की निर्णायक घड़ी थी, जिसमें भारतीय सेना ने विजय हासिल की थी.
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बता दें कि खुकरी ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने साउथ अफ्रीका में 75 दिनों तक आतंकवादियों से घिरे रहने के बावजूद अपने हथियार नहीं डाले और आखिरकार उन हजारों आतंकियों हर हमला कर अपनी जीत का जश्न मनाया और भारतीय सेना का मान सम्मान बढ़ाया.