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'देश के विकास के लिए जरूरी है बिहार जैसे राज्य को मिले विशेष दर्जा'

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Published : May 22, 2020, 6:55 PM IST

Updated : May 22, 2020, 8:37 PM IST

बिहार के मुखिया कई सालों से केंद्र सरकार से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते आर रहे हैं. लेकिन बिहार की इस मांग को केंद्र ने नकार दिया. ईटीवी भारत संवाददाता ने इसी को लेकर विशेषज्ञों से खास बातचीत की है.

बिहार सरकार
बिहार सरकार

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 15 सालों से भी अधिक समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं. विशेष राज्य की मांग को लेकर विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा गया. एक करोड़ हस्ताक्षर कराकर भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया. साथ ही मुख्यमंत्री ने पटना से दिल्ली तक आंदोलन भी चलाया और सम्मेलन भी किया, लेकिन बिहार की इस मांग को अब तक केंद्र ने अनसुना कर रखा है.

डबल इंजन की सरकार में भी विशेष राज्य का मामला बहुत आगे नहीं बढ़ा, लेकिन कोरोना संकट के समय जो परिस्थिति पैदा हुई है, इसमें विशेषज्ञ और बिहार सरकार के मंत्री भी मान रहे हैं कि बिना विशेष पैकेज के बिहार जैसे राज्यों को विकसित राज्यों के बराबर नहीं लाया जा सकता है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने बताया कि गरीबों राज्यों को बिना विशेष पैकज दिए देश का विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि देश को विकसित बनाने के लिए पिछले राज्यों के लिए अलग से करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार विपक्ष में रहते तो इस मांग को मजबूती के साथ उठा सकते थे.

bihar Special state status
डीएम दिवाकर, विशेषज्ञए एएन सिंहा इंस्टीट्यूट

वहीं, जेडीयू कोटे के मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई सालों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज भी ये मांग जिंदा है. साथ ही उन्होंने कहा कि बिना विशेष पैकेज के बिहार का बिकास संभव नहीं है. साइंस टेक्नोलॉजी मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार एक मजबूत संसाधन वाला राज्य है. उन्होंने कहा कि बिहार को और भी मजबूत और बेहतर बनाना है कि तो विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है.

Maheshwar hazari
महेश्वर हजारी, मंत्री बिहार सरकार

लाखों लोग करते हैं बिहार से पलायन
बिहार से सालों भर लोगों का पलायन होता है. ऐसे तो पूरे देश में सबसे ज्यादा पलायन उत्तर प्रदेश से होता है, लेकिन बिहार भी पीछे नहीं है. विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अध्ययन के अनुसार उत्तर प्रदेश से 19% पलायन होता है. तो वहीं, आसाम से 15% उड़ीसा से 13% बिहार से 12% आंध्र प्रदेश जैसे विकसित राज्य से 9% पश्चिम बंगाल से 5%, झारखंड से 4% राजस्थान से 4%, मध्य प्रदेश से 3% और शेष भारत से 16% हैं.

प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती
बिहार जैसे राज्यों से जो पलायन होता है, उसमें अधिकांश श्रमिक होते हैं और इसके कारण कई राज्यों की अर्थव्यवस्था टिकी है. कोरोना संकट काल में लाखों की संख्या में लौट रहे प्रवासियों से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमराने की आशंका होने लगी है. बिहार के लिए इतने अधिक प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती है. इसलिए नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं, जिससे बिहार में अधिक से अधिक संख्या में उद्योग आ सके, लेकिन बिहार की मांग को केंद्र ने अब तक अनसुना कर रखा है.

Science Technology Minister
जय कुमार सिंह, साइंस टेक्नोलॉजी मंत्री

विशेष राज्य के दर्जे को लेकर मुख्य बातें:-

  • बिहार में झारखंड बंटवारे के बाद विशेष राज्य के दर्जे की मांग होने लगी.
  • झारखंड बंटवारे के कारण खनिज संपदा और उद्योग धंधे बिहार के हिस्से में नहीं रहा.
  • 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद यह मांग जोर पकड़ी.
  • नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति प्रस्ताव भी पास करा कर केंद्र को भेजा दिया.
  • विशेष राज्य के लिए हस्ताक्षर अभियान भी जदयू के तरफ से चलाया गया और एक करोड़ हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजा गया.
  • नीतीश कुमार ने दिल्ली में भी विशेष से राज्य की मांग को लेकर बड़ी रैली की
  • मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और अन्य बैठकों में भी इस मांग को कई बार उठाया है.
  • बिहार के साथ उड़ीसा और आंध्रप्रदेश भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग करता रहा है.
  • विशेष राज्य को लेकर केंद्र नियम में संशोधन कर दिया.
  • इसके बाद रघु राजन कमेटी ने बिहार की मांग खारिज कर दिया.
  • नीतीश कुमार रघु राजन कमेटी के फैसले पर असहमति जताते रहे हैं.

बिहार को क्यों चाहिए विशेष राज्य का दर्जा?

  1. डबल डिजिट ग्रोथ के बावजूद बिहार की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम, जबकि बिहार आबादी के मामले में देश की दूसरी सबसे आबादी वाला राज्य है.
  2. सड़क और बिजली की स्थिति बेहतर होने के बावजूद पर्याप्त निवेश नहीं हुआ.
  3. बिहार हर साल आपदा से जूझता है. बिहार में 15 से अधिक जिलों में बाढ़ से हर साल करोड़ों की क्षति होती है और सुखाड़ से भी.
  4. बिहार से हर साल लाखों लोग पलायन करते हैं.
  5. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से निवेश बढ़ेगा.
  6. केंद्र से अधिक अनुदान मिलेगा और कई तरह की छूट भी मिलेगी, जिससे बड़े पैमाने पर निवेश होगा और उद्योग धंधे लग सकेंगे.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 15 सालों से भी अधिक समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं. विशेष राज्य की मांग को लेकर विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा गया. एक करोड़ हस्ताक्षर कराकर भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया. साथ ही मुख्यमंत्री ने पटना से दिल्ली तक आंदोलन भी चलाया और सम्मेलन भी किया, लेकिन बिहार की इस मांग को अब तक केंद्र ने अनसुना कर रखा है.

डबल इंजन की सरकार में भी विशेष राज्य का मामला बहुत आगे नहीं बढ़ा, लेकिन कोरोना संकट के समय जो परिस्थिति पैदा हुई है, इसमें विशेषज्ञ और बिहार सरकार के मंत्री भी मान रहे हैं कि बिना विशेष पैकेज के बिहार जैसे राज्यों को विकसित राज्यों के बराबर नहीं लाया जा सकता है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने बताया कि गरीबों राज्यों को बिना विशेष पैकज दिए देश का विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि देश को विकसित बनाने के लिए पिछले राज्यों के लिए अलग से करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार विपक्ष में रहते तो इस मांग को मजबूती के साथ उठा सकते थे.

bihar Special state status
डीएम दिवाकर, विशेषज्ञए एएन सिंहा इंस्टीट्यूट

वहीं, जेडीयू कोटे के मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई सालों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज भी ये मांग जिंदा है. साथ ही उन्होंने कहा कि बिना विशेष पैकेज के बिहार का बिकास संभव नहीं है. साइंस टेक्नोलॉजी मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार एक मजबूत संसाधन वाला राज्य है. उन्होंने कहा कि बिहार को और भी मजबूत और बेहतर बनाना है कि तो विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है.

Maheshwar hazari
महेश्वर हजारी, मंत्री बिहार सरकार

लाखों लोग करते हैं बिहार से पलायन
बिहार से सालों भर लोगों का पलायन होता है. ऐसे तो पूरे देश में सबसे ज्यादा पलायन उत्तर प्रदेश से होता है, लेकिन बिहार भी पीछे नहीं है. विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अध्ययन के अनुसार उत्तर प्रदेश से 19% पलायन होता है. तो वहीं, आसाम से 15% उड़ीसा से 13% बिहार से 12% आंध्र प्रदेश जैसे विकसित राज्य से 9% पश्चिम बंगाल से 5%, झारखंड से 4% राजस्थान से 4%, मध्य प्रदेश से 3% और शेष भारत से 16% हैं.

प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती
बिहार जैसे राज्यों से जो पलायन होता है, उसमें अधिकांश श्रमिक होते हैं और इसके कारण कई राज्यों की अर्थव्यवस्था टिकी है. कोरोना संकट काल में लाखों की संख्या में लौट रहे प्रवासियों से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमराने की आशंका होने लगी है. बिहार के लिए इतने अधिक प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती है. इसलिए नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं, जिससे बिहार में अधिक से अधिक संख्या में उद्योग आ सके, लेकिन बिहार की मांग को केंद्र ने अब तक अनसुना कर रखा है.

Science Technology Minister
जय कुमार सिंह, साइंस टेक्नोलॉजी मंत्री

विशेष राज्य के दर्जे को लेकर मुख्य बातें:-

  • बिहार में झारखंड बंटवारे के बाद विशेष राज्य के दर्जे की मांग होने लगी.
  • झारखंड बंटवारे के कारण खनिज संपदा और उद्योग धंधे बिहार के हिस्से में नहीं रहा.
  • 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद यह मांग जोर पकड़ी.
  • नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति प्रस्ताव भी पास करा कर केंद्र को भेजा दिया.
  • विशेष राज्य के लिए हस्ताक्षर अभियान भी जदयू के तरफ से चलाया गया और एक करोड़ हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजा गया.
  • नीतीश कुमार ने दिल्ली में भी विशेष से राज्य की मांग को लेकर बड़ी रैली की
  • मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और अन्य बैठकों में भी इस मांग को कई बार उठाया है.
  • बिहार के साथ उड़ीसा और आंध्रप्रदेश भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग करता रहा है.
  • विशेष राज्य को लेकर केंद्र नियम में संशोधन कर दिया.
  • इसके बाद रघु राजन कमेटी ने बिहार की मांग खारिज कर दिया.
  • नीतीश कुमार रघु राजन कमेटी के फैसले पर असहमति जताते रहे हैं.

बिहार को क्यों चाहिए विशेष राज्य का दर्जा?

  1. डबल डिजिट ग्रोथ के बावजूद बिहार की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम, जबकि बिहार आबादी के मामले में देश की दूसरी सबसे आबादी वाला राज्य है.
  2. सड़क और बिजली की स्थिति बेहतर होने के बावजूद पर्याप्त निवेश नहीं हुआ.
  3. बिहार हर साल आपदा से जूझता है. बिहार में 15 से अधिक जिलों में बाढ़ से हर साल करोड़ों की क्षति होती है और सुखाड़ से भी.
  4. बिहार से हर साल लाखों लोग पलायन करते हैं.
  5. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से निवेश बढ़ेगा.
  6. केंद्र से अधिक अनुदान मिलेगा और कई तरह की छूट भी मिलेगी, जिससे बड़े पैमाने पर निवेश होगा और उद्योग धंधे लग सकेंगे.
Last Updated : May 22, 2020, 8:37 PM IST
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