पटना: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मामले भले ही प्रदेश में कम हो गए हैं लेकिन दांतों से परेशान लोग डेंटिस्ट के पास अधिक पहुंच रहे हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण दांतो से जुड़ी समस्याएं (Dental Problems) तेजी से बढ़ रही हैं.
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अधिकतर रोगियों को खाना चबाने, निगलने में दिक्कत, दांतों मसूड़ों से खून आने की समस्या हो रही है. कई मरीजों के दांत हिलने भी लग रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर को उनके दांत निकालने भी पड़ रहे हैं.
पटना के जाने माने दंत चिकित्सक डॉक्टर धर्मेंद्र के क्लीनिक में इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ गई है. मरीजों में आने वाली नई नई समस्या से चिकित्सक भी हैरान हैं. डेंटिस्ट दांत और मसूड़ों को बचाने को लेकर कई जानकारियां भी मरीजों से साझा कर रहे हैं.
दंत चिकित्सक डॉक्टर धर्मेंद्र ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि दूसरी लहर के बाद दातों में इंफेक्शन के मामले अधिक बढ़ गए हैं. मरीज भी काफी डरे हुए हैं.
पहले जो दांतों में कीड़े लगते थे जिसको कैविटी बोलते है वो ज्यादा बढ़े हैं. बच्चों में भी दांत दर्द की शिकायत काफी बढ़ गए हैं. बुजुर्ग के दांत ज्यादा हिलने लगे हैं. ये कोरोना का असर है. फंगल इन्फेक्शन भी ज्यादा देखने को मिल रहा है.- डॉ धर्मेंद्र, डेंटिस्ट
हालांकि डॉक्टर ने बताया कि फंगल से ज्यादा घबराने की बात नहीं है. फंगल बीमारी कोरोना काल के पहले भी हुआ करता था.लेकिन अब लोगों के मन मे डर ज्यादा बैठ गया है. उन्होंने लोगों से अपील की कि जिन लोगों के दांतों में दर्द या किसी प्रकार की कोई भी समस्या उत्पन्न होती है तो अपने नजदीकी दंत चिकित्सक से सलाह लेकर ही दवा खाएं.
ये बात बिल्कुल सही है कि इन दिनों लोगों को दांतों में होने वाली परेशानियों में इजाफा हुआ है. कोरोना काल में लोगों को जो कहा जाता था वहीं करने लगते थे. लेकिन डॉक्टर का कहना है कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही कोई दवा ले.- सुनील सिन्हा, मरीज
डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि अगर किसी मरीज के मुंह में फंगल हो गया है तो वह खतरनाक है व कैंसर का रूप भी ले सकता है. ऐसे में दांतों में कोई दिक्कत हो तो अपने दंत चिकित्सक से परामर्श जरूर लें.
कैसे रखें दांतों का ख्याल: डॉक्टर का कहना है कि जिन लोगों को कोरोना हुआ था और वह स्वस्थ हो गए हैं तो सबसे पहले वह अपने ब्रश जीभी को चेंज कर दें. ऐसे भी उन्होंने आम लोगों से भी कहा कि जो लोग एक ब्रश और जीभी को कई महीनों तक उपयोग करते हैं, वह 60 दिनों के बाद अपने ब्रश और जीभी को बदल दें.
बता दें शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने से मसूड़ों, दांतों पर भी असर होता है. इसके साथ ही जो सबसे बड़ी परेशानी है वह यह है कि लोग हाइजीन पर कम ध्यान नहीं देते. आमतौर पर भी आपने देखा होगा कि अगर व्यक्ति सामान्य रूप से बीमार है तो वह अपने दांतों पर ध्यान नहीं देता या कहें कि वह सबसे पहले ओरल हाईजीन को लेकर लापरवाह होता है.
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