पटना: 25 फरवरी को बिहार बजट 2020-21 विधानसभा में पेश किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी बजट को पेश करेंगे. बजट को लेकर सुशील मोदी लगातार विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से बैठक भी कर रहे हैं और सुझाव भी ले रहे हैं. वहीं, बजट कैसा हो, सरकार को किस क्षेत्र में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है? इसको लेकर ईटीवी भारत ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद के प्रोफेसर मिहिर भोले से बात की.
बिहार निवासी प्रो. मिहिर भोले के अनुसार बिहार सरकार को बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और शहरीकरण पर सबसे अधिक जोर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार से सबसे अधिक पलायन हो रहा है. यहां से जो टैलेंट जा रहा है, उसे रोकना जरूरी है. प्रो. मिहिर ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बजट में अधिक से अधिक लोकेशन होना चाहिए.
'दूसरे राज्यों से सीख ले सरकार'
प्रो. मिहिर ने कहा कि बिहार में पटना ही एक प्रमुख शहर है. बिहार में और भी कई जिलों में शहरीकरण और विकास पर भी जोर देने की जरूरत है, जिससे लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिलेगा. इससे बिहार का विकास तेजी से होगा. बिहार में औद्योगिकरण नहीं होने पर प्रो मिहिर भोले ने कहा कि दूसरे राज्यों से सीख लेने की जरूरत है. जहां भी औद्योगिकीकरण हुआ है. उन्होंने पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलप किया और उसके बाद उद्योग को आमंत्रित किया.
- मिहिर भोले ने कहा कि नीतीश सरकार में कई इंस्टिट्यूट आए हैं. लेकिन बिहार को अपना भी इंस्टिट्यूट खड़ा करना होगा, जिससे यहां के स्टूडेंट बाहर ना जाए.
बढ़ा है बजट का आकार
2005 से सत्ता में आए नीतीश कुमार की सरकार में बिहार बजट का आकार लगातार बढ़ा है. पिछले साल 2019-20 बजट में वित्त मंत्री ने 2 लाख 501 करोड़ रुपये का बजट विधानसभा में पेश किया था. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी उससे बड़े आकार का बजट सुशील मोदी पेश करने वाले हैं. बिहार में अभी भी कई क्षेत्रों में विकास के लिये बजट में पर्याप्त लोकेशन की जरूरत है और उसको लेकर विशेषज्ञ सुझाव भी दे रहे हैं. लिहाजा, अब देखना है विशेषज्ञों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए सुशील मोदी किस तरह का बजट पेश करते हैं.