पटना: RRB NTPC रिजल्ट में धांधली का आरोप (Students Protest Against RRB NTPC Result In Bihar) लगाते हुए बिहार कई जिलों में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया. इस दौरान ट्रेनों को निशाना बनाया गया. कई ट्रेनों के डिब्बे को आग के हवाल कर दिया गया. वहीं विशेषज्ञों (Expert On Students Protest In Bihar) का मानना है कि, छात्रों में रोष का कारण बेरोजगारी (Unemployment In Bihar) है. देश की पूंजी कुछ कॉरपोरेट घरानों के हाथों में संचित हो गई है. सरकार के लोक कल्याण का स्वरूप धूमिल होता जा रहा है.
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पिछले कुछ दिनों से बिहार में बवाल मचा हुआ है. आरआरबी एनटीपीसी के रिजल्ट के खिलाफ छात्रों में गुस्सा साफ तौर पर देखा गया. राजधानी पटना में खान सर (Bihar Khan Sir) के साथ कई कोचिंग संचालकों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. राजेन्द्र नगर स्टेशन के पास 24 जनवरी को आरआरबी एनटीपीसी (RRB NTPC Exam) को लेकर हुए छात्रों के हंगामे के बाद खान सर की मुश्किलें बढ़ गई है.
आंदोलन के लिए छात्रों को उकसाने और उन्हें हिंसा के लिए प्रेरित करने के मामले में गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के बयान पर पटना वाले खान सर, एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर, गोपाल वर्मा सर समेत बाजार समिति के विभिन्न कोचिंग संस्थानों के संचालकों के खिलाफ पटना के पत्रकार नगर थाना में मामला दर्ज किया गया है.
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बता दें कि, आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में धांधली के आरोप मामले को लेकर लगातार परीक्षार्थी हंगामा कर रहे हैं. सोमवार को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर रेल रोककर हजारों परीक्षार्थियों ने रिजल्ट में सुधार की मांग केंद्र सरकार से की थी. वहीं, मंगलवार को पटना के कदम कुआं थाना क्षेत्र के बीच पहाड़ी इलाके में पुलिस पर रिजल्ट में सुधार की मांग को लेकर परीक्षार्थियों ने जमकर हंगामा और पथराव किया था. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. बिहार के कई जिलों में ट्रेन के बागियों को आग के हवाले भी कर दिया गया.
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एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के मानव समाज शास्त्र के प्रोफ़ेसर डॉ बीएन प्रसाद ने बताया कि, देश के विकास में कहीं न कहीं कॉरपोरेट घराने को बढ़ावा दिया जा रहा है. पूंजी कुछ ही हाथों में संचित हो गई है. पिछले 45 सालों में इतनी बेरोजगारी की स्थिति कभी नहीं उत्पन्न हुई है जिसके कारण बच्चों को कहीं रोशनी नजर नहीं आ रही है. थोड़ी सी रोशनी नजर भी आई तो उसमें भी धांधली हो गई.
"तमाम हालातों के कारण ही बच्चों में काफी आक्रोश पैदा हो गया. कहीं न कहीं संस्थागत कमी हुई है, जिसके कारण छात्रों में इतना ज्यादा आक्रोश पैदा हुआ है. बहुत सारी वैकेंसी आने के लिए करोड़ों रुपए जमा कराए गए, लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं मिला. यह भी कहीं ना कहीं युवाओं में आक्रोश उत्पन्न करता है. टीचर पर एफआईआर करने का क्या मतलब है. सिस्टम का अवलोकन करना जरूरी है. आज तक बहुत सारी टीमें गठित हुई लेकिन रिजल्ट शून्य होता है."- डॉ बीएन प्रसाद, मानव समाज शास्त्र विशेषज्ञ, एन सिन्हा इंस्टीट्यूट
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