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Bihar Budget 2022: बोले एक्सपर्ट- नए पैकेट में पुराने सामान की तरह है शिक्षा बजट

बिहार बजट 2022 का 16.5 प्रतिशत यानी लगभग 39 हजार 192 करोड़ रुपए सरकार शिक्षा पर खर्च करेगी. बजट में हालांकि किसी नई बात की कोई चर्चा नहीं है. पिछले दो-तीन सालों में शुरू किए गए काम की चर्चा ही इस बार के बजट में की गई है और उन्हीं के लिए राशि का प्रावधान भी किया गया है‌. यही वजह है कि इस बजट को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

अंकुर ओझा
अंकुर ओझा
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Published : Mar 1, 2022, 11:04 PM IST

पटनाः बिहार बजट 2022 (Bihar Budget 2022) पेश हो गया है. शिक्षा के बजट (Expert Comment on Education Budget 2022) में मुख्य रूप से माध्यमिक विद्यालय विभिन्न पंचायतों में 6298 उत्क्रमित और नए उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन निर्माण के लिए 7530.42 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है. वहीं इन उत्क्रमित और नए स्कूलों के प्रधान शिक्षक के पद के सृजन की स्वीकृति की चर्चा हुई है. लेकिन इनमें से कोई नई बात नहीं है क्योंकि माध्यमिक विद्यालय वहीं पंचायतों में स्कूल खोलने की चर्चा पहले ही हो चुकी है. सिर्फ इस बजट में राशि के प्रावधान की बात कही गई है. वहीं प्रधान शिक्षक की बहाली की प्रक्रिया भी पहले ही शुरू हो चुकी है. शिक्षा मामलों के जानकार अंकुर ओझा ने बताया कि वर्ष 2022-23 के शिक्षा बजट के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

यह भी पढ़ें- Bihar Budget 2022: श्लोक से शुरू होकर शायरी तक, 6 सूत्रीय एजेंडे पर फोकस रहा बजट

शिक्षा मामलों के जानकार अंकुर ओझा ने बताया कि वर्ष 2022-23 के शिक्षा बजट में सभी स्तरों पर शिक्षकों के खाली पदों को भरने का प्रावधान इस बजट में किया गया है. बिहार के सभी 38 जिलों में एक-एक स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार पहले भी मॉडल कॉलेज और मॉडल स्कूल पर काम करती रही है. स्कूलों में लड़कियों के ड्रॉप आउट रेशियो को रोकने के लिए 535 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में लगभग 51000 एडमिशन है, जो 13 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य के हिसाब से बहुत कम है.

उन्होंने कहा, उच्च शिक्षा पर अगर हम बजट में किये गए प्रावधानों को देखें तो स्थिति और भी चिंताजनक है. वैसे अनुमंडल जहां सरकारी डिग्री महाविद्यालय नहीं है, वहां डिग्री महाविद्यालय खोलने की योजना भी लगभग 15 साल पुरानी है. साल 2018 में सरकार ने 22 अनुमंडल में सरकारी डिग्री महाविद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की. इसके लिए शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के कुल 1420 पद भी साल 2018 में ही स्वीकृत कर दिए गए.

अभी तक 9 अनुमंडल में सरकारी डिग्री महाविद्यालय स्थापित कर दिए गए हैं. जिनमें एक भी कर्मी की भर्ती अब तक नहीं हो सकी है. ये अभी केवल कागजों पर ही दौड़ रहे हैं. आर्यभट्ट विश्वविद्यालय में जिन तीन नए शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की बात इस बजट में सामने आई है, उसके लिए भी कैबिनेट द्वारा साल 2020 में ही स्वीकृति प्रदान की गई. शिक्षा विभाग द्वारा 20 सितंबर 2021 को जारी पत्र के अनुसार ये तीनों सेंटर खुलने से पहले ही बंद हो गए.

वहीं बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा अक्टूबर 2020 में ही 4638 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले गए थे, इसे ही इस बार के बजट में शामिल करना हास्यास्पद है. अभी साल 2014 में बीपीएससी के माध्यम से हो रही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया 8 सालों में भी पूरी नहीं हो पाई है. अंकुर ओझा ने बताया कि कुल मिलाकर ये बजट आम जनता को भ्रमित करने वाला है.

बता दें कि शिक्षा विभाग के इस बार के बजट में राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के 40558 पदों और मध्य विद्यालय में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के 8386 पदों के सृजन की चर्चा की गई है लेकिन इन दोनों का जिक्र पिछले साल ही हो चुका है. एक नई बात जो इस बजट में है, वह है प्रत्येक जिले के 11 उच्च माध्यमिक विद्यालय को चिह्नित कर उसे मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने की. वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्कीम मद में 22198.38 करोड़ रुपए जबकि स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 16993.49 करोड़ रुपए के साथ कुल 39191.87 करोड़ रुपए का बजट का प्रस्ताव किया गया है.

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पटनाः बिहार बजट 2022 (Bihar Budget 2022) पेश हो गया है. शिक्षा के बजट (Expert Comment on Education Budget 2022) में मुख्य रूप से माध्यमिक विद्यालय विभिन्न पंचायतों में 6298 उत्क्रमित और नए उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन निर्माण के लिए 7530.42 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है. वहीं इन उत्क्रमित और नए स्कूलों के प्रधान शिक्षक के पद के सृजन की स्वीकृति की चर्चा हुई है. लेकिन इनमें से कोई नई बात नहीं है क्योंकि माध्यमिक विद्यालय वहीं पंचायतों में स्कूल खोलने की चर्चा पहले ही हो चुकी है. सिर्फ इस बजट में राशि के प्रावधान की बात कही गई है. वहीं प्रधान शिक्षक की बहाली की प्रक्रिया भी पहले ही शुरू हो चुकी है. शिक्षा मामलों के जानकार अंकुर ओझा ने बताया कि वर्ष 2022-23 के शिक्षा बजट के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

यह भी पढ़ें- Bihar Budget 2022: श्लोक से शुरू होकर शायरी तक, 6 सूत्रीय एजेंडे पर फोकस रहा बजट

शिक्षा मामलों के जानकार अंकुर ओझा ने बताया कि वर्ष 2022-23 के शिक्षा बजट में सभी स्तरों पर शिक्षकों के खाली पदों को भरने का प्रावधान इस बजट में किया गया है. बिहार के सभी 38 जिलों में एक-एक स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार पहले भी मॉडल कॉलेज और मॉडल स्कूल पर काम करती रही है. स्कूलों में लड़कियों के ड्रॉप आउट रेशियो को रोकने के लिए 535 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में लगभग 51000 एडमिशन है, जो 13 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य के हिसाब से बहुत कम है.

उन्होंने कहा, उच्च शिक्षा पर अगर हम बजट में किये गए प्रावधानों को देखें तो स्थिति और भी चिंताजनक है. वैसे अनुमंडल जहां सरकारी डिग्री महाविद्यालय नहीं है, वहां डिग्री महाविद्यालय खोलने की योजना भी लगभग 15 साल पुरानी है. साल 2018 में सरकार ने 22 अनुमंडल में सरकारी डिग्री महाविद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की. इसके लिए शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के कुल 1420 पद भी साल 2018 में ही स्वीकृत कर दिए गए.

अभी तक 9 अनुमंडल में सरकारी डिग्री महाविद्यालय स्थापित कर दिए गए हैं. जिनमें एक भी कर्मी की भर्ती अब तक नहीं हो सकी है. ये अभी केवल कागजों पर ही दौड़ रहे हैं. आर्यभट्ट विश्वविद्यालय में जिन तीन नए शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की बात इस बजट में सामने आई है, उसके लिए भी कैबिनेट द्वारा साल 2020 में ही स्वीकृति प्रदान की गई. शिक्षा विभाग द्वारा 20 सितंबर 2021 को जारी पत्र के अनुसार ये तीनों सेंटर खुलने से पहले ही बंद हो गए.

वहीं बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा अक्टूबर 2020 में ही 4638 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले गए थे, इसे ही इस बार के बजट में शामिल करना हास्यास्पद है. अभी साल 2014 में बीपीएससी के माध्यम से हो रही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया 8 सालों में भी पूरी नहीं हो पाई है. अंकुर ओझा ने बताया कि कुल मिलाकर ये बजट आम जनता को भ्रमित करने वाला है.

बता दें कि शिक्षा विभाग के इस बार के बजट में राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के 40558 पदों और मध्य विद्यालय में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के 8386 पदों के सृजन की चर्चा की गई है लेकिन इन दोनों का जिक्र पिछले साल ही हो चुका है. एक नई बात जो इस बजट में है, वह है प्रत्येक जिले के 11 उच्च माध्यमिक विद्यालय को चिह्नित कर उसे मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने की. वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्कीम मद में 22198.38 करोड़ रुपए जबकि स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 16993.49 करोड़ रुपए के साथ कुल 39191.87 करोड़ रुपए का बजट का प्रस्ताव किया गया है.

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