पटना: बिहार में 2020 को विधानसभा चुनाव होने हैं. विस चुनाव के पहले ही बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है. सत्ताधारी एनडीए में ये गर्माहट सियासी हलचलें तेज कर रही है. बीजेपी ने रावण वध कार्यक्रम का अघोषित बहिष्कार करने किया है. वहीं, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इसे प्री प्लान बताया है.
ईटीवी भारत के सीनियर रिपोर्टर अमित वर्मा के सवालों का जवाब देते हुए शिवानंद तिवारी ने एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो कुछ भी बिहार में चल रहा है. वो सब एक राजनीतिक रणनीति के तहत चल रहा है. बीजेपी ने नीतीश कुमार को जरूरत के लिए अपनाया है. अब जरूरत खत्म हो गई है. बीजेपी नीतीश कुमार को जल्द ही निकाल कर बाहर कर देगी.
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि आप पटना में आई हुई बाढ़ को देख लीजिए. उसमें बीजेपी नेताओं ने जिस तरह के बयान दिए वो सब एक साजिश के तहत हैं. बीजेपी अपने पुराने जख्मों को भूली नहीं है. 2013 में बीजेपी ने नीतीश कुमार को सिर्फ इसलिए अपनाया था क्योंकि 2014 में चुनाव होने थे. वहीं, दूसरी तरफ अब 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत से सरकार बना चुकी है. ऐसे में बीजेपी को नीतीश कुमार की कोई जरूरत नहीं है.
राजद के दरवाजे बंद- शिवानंद
वहीं, शिवानंद तिवारी ने ईटीवी भारत से खुलकर बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को राजद ने पहले ही ऑफर दिया था. खाने पर भी बुलाने को कहा था कि बात की जाएगी. लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इसे ठुकरा दिया. अब पार्टी उनकी नीति और सिद्धांतों को समझ गई है. नीतीश कुमार के पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं.
'एक साल में देखिए होता है क्या'
राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आगे एक साल में देखिए क्या होता है. नीतीश कुमार किस तरह बीजेपी वालों के सामने अपनी नाक रगड़ते हैं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा. फिलहाल, जो कुछ भी हो रहा है वो एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है. सब कुछ गिरिराज सिंह के इशारों पर चल रहा है.
भोज वाला ड्रामा...
पूरी बातचीत के दौरान शिवानंद तिवारी बीजेपी के उस जख्म की बात कर सीएम नीतीश पर निशान साध रहे हैं, जिसके चलते बीजेपी-जदयू 17 साल बाद अलग हुए थे. दरअसल, 2010 में नीतीश कुमार ने बतौर मुख्यमंत्री अपने आवास पर बीजेपी के सभी नेताओं को आमंत्रित किया था, तब बिहार में बीजेपी के साथ नीतीश सरकार चला रहे थे.
इसके बाद अचानक नीतीश ने भोज को कैंसिल कर दिया. तब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे.उनके साथ बीजेपी का पूरा कुनबा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पटना में कैंप किए हुए था. भोज कैंसिल की बात ने बीजेपी को हिलाकर रख दिया था.